नई दिल्ली: सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार को एक और झटका देते हुए भारतीय जनता पार्टी ने चारों टाउन पंचायतों में जीत हासिल की है. ये टाउन पंचायतें तटीय जिलों दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ और बेंगलुरु ग्रामीण में स्थित हैं, जहां इस साल की शुरुआत में चुनाव हुए थे.
यह ऐसे समय में हुआ है जब सत्तारूढ़ कांग्रेस, जिसके पास पहले इन चार में से दो टाउन पंचायतें थीं, कई समस्याओं से जूझ रही है. इनमें सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच अंदरूनी खींचतान और वित्तीय कुप्रबंधन के आरोप शामिल हैं.
इन चारों टाउन पंचायतों में कुल 76 वार्ड हैं. इनमें से भाजपा ने 47 वार्डों में जीत दर्ज की है.
जहां भाजपा ने दक्षिण कन्नड़ में दो टाउन पंचायतें और उत्तर कन्नड़ तथा बेंगलुरु ग्रामीण में एक-एक टाउन पंचायत जीती, वहीं पार्टी की बशेट्टीहल्ली जीत सबसे अलग मानी जा रही है.
बशेट्टीहल्ली को कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार और उनके भाई, पूर्व सांसद डी.के. सुरेश का गढ़ माना जाता है.
नतीजों के बाद राज्य भाजपा अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “भटकल, मूडबिद्रे और डोड्डाबल्लापुर विधानसभा क्षेत्रों में बाजपे, किन्निगोली, मंकी और बशेट्टीहल्ली में @BJP4Karnataka की शानदार जीत, साथ ही डोड्डाबल्लापुर और तुरविहाला में दो वार्ड उपचुनावों में जीत, कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की विफलताओं और कुप्रशासन को लोगों द्वारा साफ तौर पर नकारे जाने को दिखाती है.”
उन्होंने आगे कहा, “यहां तक कि भटकल में भी, जिसका प्रतिनिधित्व @INCKarnataka के एक मंत्री करते हैं, मतदाताओं ने सत्तारूढ़ पार्टी को निर्णायक रूप से खारिज कर दिया, जो पूरे राज्य में मजबूत सत्ता विरोधी लहर को दर्शाता है.”
‘चेतावनी’
दक्षिण कन्नड़ के बाजपे टाउन पंचायत के 19 वार्डों में से भाजपा ने 11 में जीत हासिल की. कांग्रेस की संख्या घटकर चार वार्ड रह गई. सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने तीन वार्ड जीते. एक वार्ड एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जीता. बाजपे टाउन पंचायत का गठन अप्रैल 2021 में बाजपे और मालवूर ग्राम पंचायतों को मिलाकर किया गया था.
दक्षिण कन्नड़ के किन्निगोली टाउन पंचायत में भाजपा ने 18 में से 10 वार्ड जीते. कांग्रेस ने आठ वार्ड जीते, जिनमें निर्विरोध सीटें भी शामिल हैं.
उत्तर कन्नड़ के मंकी में भाजपा ने 20 में से 12 वार्ड जीते. बाकी वार्ड कांग्रेस को मिले.
बेंगलुरु की पांच सिटी म्युनिसिपल कॉरपोरेशनों में भी भाजपा को सफलता मिली. इसके अलावा पार्टी ने बेंगलुरु ग्रामीण के डोड्डाबल्लापुर टाउन पंचायत और रायचूर के तुरविहाल टाउन पंचायत में हुए उपचुनावों में भी जीत दर्ज की.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष ने पोस्ट में कहा, “@BJP4India देश भर में स्थानीय निकाय चुनावों में अपनी जीत का सिलसिला जारी रखे हुए है. आज बैलेट पेपर के जरिए @INCIndia के शासन वाले कर्नाटक में टीम @BJP4Karnataka ने राज्य अध्यक्ष श्री @BYVijayendra के नेतृत्व में सभी पांच टाउन पंचायतों और दो वार्ड उपचुनावों में निर्णायक जीत हासिल की है.”
महत्वपूर्ण सीटों पर हार कांग्रेस की मुश्किलें और बढ़ा रही है. अब तक इन मुश्किलों में सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच वर्चस्व की लड़ाई और भ्रष्टाचार के आरोप शामिल रहे हैं. पार्टी की प्रमुख गारंटी योजनाओं का असर भी समय के साथ कम होता दिख रहा है.
इन चुनावों से पहले सिद्धारमैया सरकार के तहत जिला पंचायतों और टाउन पंचायतों के चुनाव नहीं हुए थे. भारत की आईटी राजधानी बेंगलुरु में सितंबर 2020 से कोई निर्वाचित परिषद नहीं है.
कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, “यह कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने की चेतावनी है. अगर पार्टी सत्ता के लिए अपनी अंदरूनी लड़ाई जारी रखती है, तो उसका जाना तय है.”
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