कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को एक और विवाद में फंस गईं हैं. दरअसल उन्होंने इसी महीने नादिया ज़िले में एक नाबालिग़ के कथित सामूहिक बलात्कार पर सवाल खड़े किए थे.
घटना की कथित गैंगरेप की ख़बर देने के लिए मीडिया की आलोचना करते हुए बनर्जी ने कहा कि पुलिस अभी भी निश्चित नहीं है कि असल में क्या हुआ लेकिन मीडिया लगातार प्रसारित कर रहा है कि नाबालिग़ की मौत रेप के बाद हुई है.
कोलकाता में एक उद्घाटन समारोह में बनर्जी ने कहा, ‘क्या उसका रेप हुआ है? या, क्या वो गर्भ से थी, या क्या ये प्रेम संबंधों का मामला था? क्या मीडिया ने जांच की है? मैंने सुना है कि ये प्रेम संबंधों का मामला था’.
फिर वो समारोह में मौजूद राज्य के पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय की तरफ मुड़ीं और उनसे पूछा कि क्या ये सच है कि नाबालिग़- जिसकी कथित रेप के बाद मौत हो गई- और अभियुक्त के बीच, जो एक स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता का बेटा है, प्रेम संबंध थे.
सीएम ने पूछा, ‘मेरे पास ये जानकारी है कि लड़की की मौत 5 अप्रैल को हुई और पुलिस को 10 अप्रैल को इत्तिला दी गई लेकिन (10 अप्रैल से पहले) कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई. पुलिस को उसी दिन क्यों सूचित नहीं किया गया? शव का उसी दिन अंतिम संस्कार कर दिया गया और मैं एक आम व्यक्ति के नाते कह रही हूं कि पुलिस को सबूत कैसे मिलेंगे?’
दूसरे सूबों से तुलना करते हुए बनर्जी ने आगे कहा ‘अगर कोई लड़का-लड़की प्यार में पड़ जाते हैं तो उन्हें रोकना मेरे बस में नहीं है’.
बीजेपी-शासित उत्तर प्रदेश में अंतर्जातीय विवाहों के लिए धर्म परिवर्तन के खिलाफ क़ानून की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘ये कोई उत्तर प्रदेश नहीं है जहां मैं लव-जिहाद कार्यक्रम शुरू कर दूंगी’.
बनर्जी के बयान ने 2012 में कोलकाता के पार्क स्ट्रीट पर गैंगरेप की एक घटना को उनके ‘शजानो घटना’ या फर्ज़ी कहकर ख़ारिज करने वाले बयान की याद दिला दी- जिस केस में बाद में पांच लोग दोषी पाए गए थे. सोमवार को दी गई उनकी टिप्पणी की विपक्षी नेताओं और कार्यकर्त्ताओं ने आलोचना की और इसे ‘पीड़िता का दोषारोपण’ क़रार दिया.
पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख सुकांता मजूमदार ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘इससे ज़्यादा शर्मनाक क्या हो सकता है कि एक महिला सीएम अपराधी को इसलिए बचा रही है कि वो एक टीएमसी नेता का बेटा है और हंसखाली में एक लड़की के रेप की गंभीरता को हल्का कर रही हैं?’
What can be more shameful than a Women CM is protecting the culprit because he is a TMC leader's son and trivalising the rape of girl in Nadia’s Hanskhali.@MamataOfficial should feel ashamed of herself. pic.twitter.com/e5gxNOltQ4
— Dr. Sukanta Majumdar (@DrSukantaBJP) April 11, 2022
पश्चिम बंगाल राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस मामले पर मुख्य सचिव एचके द्विवेदी से तुरंत रिपोर्ट तलब की है- ज़्यादा से ज़्यादा 13 अप्रैल तक. इससे पहले सोमवार शाम को नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने आया था.
मंगलवार को एक ट्वीट में राज्यपाल ने कहा ‘जब सत्ता और संवैधानिक पदों पर बैठे लोग एक निर्णयात्मक रुख़ का संकेत देने लगते हैं, तो मामले की जांच दाग़दार हो जाती है और उससे छेडछाड़ हो जाती है’.
Criminal Investigation in shameful rape #Hanskhali leading to victim death is tainted & compromised when people in authority & constitutional position indicate judgmental stance. This against the law approach scuttles fair & independent probe as police is forced to toe such line.
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) April 12, 2022
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‘कोई मृत्यु प्रमाणपत्र या पोस्टमार्टम नहीं’
नाबालिग़ के परिवार के अनुसार, 9वीं कक्षा की छात्रा स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता और गारापोटा ग्राम पंचायत सदस्य समर गोआला के यहां उनके बेटे ब्रज गोपाल गोआवा की बर्थडे पार्टी में शरीक होने गई थी.
नाबालिग़ की मां का ये कहते हुए मीडिया में हवाला दिया गया है, ‘पार्टी से वापस आने के बाद हमारी बेटी को बहुत ख़ून बह रहा था और पेट में बहुत दर्द हो रहा था और इससे पहले कि हम उसे अस्पताल ले जा पाते, उसकी मौत हो गई’.
मां ने आगे कहा, ‘घटनाओं के क्रम और पार्टी में मौजूद लोगों से बात करने के बाद हमें यक़ीन है कि उसका गैंगरेप किया गया’.
नाबालिग़ की मां के अनुसार, जब उसकी बेटी की तबीयत ज़्यादा बिगड़ने लगी तो वो भागकर एक स्थानीय डॉक्टर के पास दवाई लेने गईं लेकिन जब तक वो वापस आईं लड़की मर चुकी थी. 6 अप्रैल को सुबह अंधेरे मुंह ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया और परिवार ने आरोप लगाया है कि स्थानीय लोगों ने उन्हें अंतिम संस्कार जल्दी करने के लिए मजबूर किया था.
पुलिस ने बताया कि नाबालिग़ के पिता की शिकायत पर शनिवार को एक एफआईआर दर्ज कर ली गई, जिसमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 375 (रेप), 302 (हत्या), 204 (सबूत नष्ट करना), और प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (पॉक्सो) एक्ट के प्रावधानों के तहत मुक़दमा दर्ज कर लिया गया.
नादिया पुलिस ने रविवार को ब्रज गोपाल गोआला को गिरफ्तार कर लिया और सोमवार को उसे अदालत में पेश किया. 22 वर्षीय युवक को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. एक दूसरी गिरफ्तारी मंगलवार को उसके एक दोस्त प्रभाकर पोद्दार की हुई जिसे मुख्य अभियुक्त के बयान के आधार पर पकड़ा गया.
रानाघाट के पुलिस अधीक्षक सायक दास ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 164 के तहत उन्होंने पांच गवाहों के बयान दर्ज किए हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘हमने आज पीड़िता की मां, उसके रिश्तेदारों, श्मशान गृह के कर्मचारी और डॉक्टर के बयान दर्ज किए हैं. कोई मृत्यु-प्रमाणपत्र नहीं है और ना ही कोई पोस्टमॉर्टम किया गया. लेकिन हम चश्मदीदों की जांच कर रहे हैं’.
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‘पीड़िता को दोष देना और शर्मसार करना’
इस बीच, सीएम ममता बनर्जी के घटना पर सवाल खड़े करने पर उनकी आलोचना हो रही है.
कार्यकर्त्ता रत्नाबोली रॉय ने कहा, ‘ये कहकर कि पीड़िता गर्भ से थी या उसका प्रेम संबंध था. उन्होंने प्रशासन और अपराधियों को बचाव का एक रास्ता दे दिया है. मुख्यमंत्री होने के नाते वो क़ानून से हमसे ज़्यादा परिचित हैं और मुझे यक़ीन है कि वो जानती हैं कि अगर लड़की किसी लड़के से प्यार करती थी, या अगर वो गर्भ से थी, तो भी ये पॉक्सो एक्ट (के प्रावधानों) के अंतर्गत गुरुतर लैंगिक हमला माना जाता है’.
उन्होंने आगे कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि सहमति की कल्चर पूरी तरह ग़ायब नज़र आती है, जिससे विषाक्त मर्दानगी का रास्ता साफ होता है’. उन्होंने इसे ‘पीड़िता को दोष देना और शर्मसार करना क़रार दिया’.
फिल्मकार और कार्यकर्त्ता अनिंदिता सर्बाधिकारी ने भी 2012 की पार्क स्ट्रीट गैंगरेप घटना को याद किया जिसे मुख्यमंत्री ने उस समय ‘राज्य की छवि को धूमिल करने के लिए मनगढ़ंत केस’ क़रार दिया था.
सर्बाधिकारी ने कहा, ‘सीएम ने एक बार फिर पीड़िता को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है. इस राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को संदेश ये जाता है कि अपराध की कोई क़ीमत नहीं है. वो राज्य की मुख्यमंत्री हैं और गृहमंत्री भी हैं और इस तरह का बयान बेहद निराशाजनक है. अगर वो कह रही हैं कि कार्रवाई की जा रही है तो एक महिला से ऐसी निराशाजनक टिप्पणी आने के बाद ये सिर्फ एक दिखावटी बात है’.
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