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Thursday, 25 April, 2024
होमराजनीति‘राजे को CM पद का चेहरा’ बनाने की मांग कर रहे वसुंधरा समर्थकों ने उठाया अगला कदम, आज जयपुर में खोलेंगे दफ्तर

‘राजे को CM पद का चेहरा’ बनाने की मांग कर रहे वसुंधरा समर्थकों ने उठाया अगला कदम, आज जयपुर में खोलेंगे दफ्तर

इसी साल जनवरी में गठित किए गए समूह ‘वसुंधरा राजे समर्थक मंच राजस्थान’ के सदस्यों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री खुद इस पहल से जुड़ी नहीं हैं.

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नई दिल्ली: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक सोमवार को अपने प्रचार अभियान के लिए एक राज्य कार्यालय का उद्घाटन करने जा रहे हैं और भाजपा नेता के लिए अपनी आवाज को और मुखर करेंगे.

‘वसुंधरा राजे समर्थक मंच राजस्थान’-2023 के चुनावों के लिए उन्हें पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की मांग के साथ इस जनवरी में गठित समूह- के सदस्यों का कहना है कि राजे खुद इस पहल से जुड़ी नहीं हैं.

जयपुर में वसुंधरा समर्थकों के कार्यालय का उद्घाटन ऐसे समय हो रहा है जब केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की तरफ से ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ रैलियों के दौरान यह कहे जाने से राज्य की राजनीति में हलचल मची हुई है, कि 2023 का चुनाव राज्य भाजपा प्रमुख सतीश पूनिया के नेतृत्व में ‘टीम राजस्थान’ के तहत लड़ा जाएगा. ‘टीम राजस्थान’ वाले बयानों को दो बार मुख्यमंत्री रहीं राजे- जिनका केंद्रीय नेतृत्व के साथ छत्तीस का आंकड़ा बना हुआ है, को मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने को लेकर भाजपा की अनिच्छा के तौर पर देखा जा रहा है.

‘टीम वसुंधरा राजे’ में अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संदीप वर्मा ने कहा, ‘हमने राजे जी की विचारधारा आगे बढ़ाने के लिए इस संगठन का गठन किया था. हमने राज्य और जिला स्तर पर भी अपनी टीम गठित की है और महसूस किया गया कि हमारा अपना आधिकारिक पता भी होना चाहिए.’

यह पूछे जाने पर कि क्या राजे समारोह में शामिल होंगी, वर्मा ने कहा कि वह इस समूह के कामकाज में शामिल नहीं हैं.

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वर्मा ने आगे कहा, ‘वह दिल्ली में हैं और यह हमारा कार्यक्रम है. उनका संगठन से कोई लेना-देना नहीं है और इसे समर्थक चलाते हैं. जो लोगों की मदद करने की उनकी विचारधारा आगे बढ़ाना चाहते हैं. हमने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान बहुत काम किया और इसकी सभी ने सराहना की. हम कार्यालय का उद्घाटन या तो संतों से या फिर क्षेत्र के किसी वरिष्ठ व्यक्ति से करवाएंगे.’

‘टीम वसुंधरा राजे’ के राज्य प्रभारी अशोक शर्मा ने कहा, ‘राज्य के पदाधिकारियों के अलावा कई विधायक (जो राजे खेमे के हैं) भी इस उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे.’

हालांकि, राज्य भाजपा के सूत्रों ने इस दावे को खारिज कर दिया कि वह इन सारे प्रयासों में शामिल नहीं हैं. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘वह कह सकती हैं कि यह सब समर्थकों की तरफ से शुरू किया गया है और इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है, लेकिन वास्तविकता यही है कि वे इसमें सक्रिय तौर पर शामिल हैं.’

‘समानांतर प्रणाली’

भाजपा के कुछ नेताओं का आरोप है कि समर्थक मंच, जिसमें पार्टी से जुड़े ऐसे लोग शामिल हैं जिनके पास पार्टी में कोई पद नहीं हैं, को लांच किए जाने के समय से ही इसमें राजे की सक्रिय भागीदारी है.


यह भी पढ़ें : ‘टीम राजस्थान’ बना BJP का नया मूलमंत्र, 2023 के चुनाव में किसी को CM का चेहरा न बनाने का संकेत


संगठन ने राज्य और जिला स्तर पर अपनी टीम बना रखी हैं और अपने स्तर पर कार्यक्रमों का संचालन करता है, इसे भाजपा के कई लोग ‘समानांतर व्यवस्था’ करार देते हैं.

राज्य इकाई से जुड़े कुछ सदस्यों ने भी इस बारे में शिकायत की है कि भाजपा जहां कोविड-19 महामारी के दौरान जरूरतमंदों की मदद के लिए पार्टी की तरफ से शुरू की गई कल्याणकारी पहल ‘सेवा ही संगठन’ कार्यक्रम को चला रही थी, वहीं राजे ‘खुद अपने स्तर पर समानांतर कल्याण कार्यक्रम चलाती रही हैं.’

भाजपा के एक दूसरे नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा, ‘टीम वसुंधरा ने ‘वसुंधरा जन रसोई’ नामक अभियान चलाने से लेकर राज्य में खाने के पैकेट बांटने तक तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया. लेकिन इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाने के दौरान भी सारा फोकस राजे पर ही रहा और पार्टी को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया. यह कोई अच्छा संदेश नहीं देता है.’

इस महीने निकाली गई भाजपा की ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ रैलियों के दौरान राजे खुद तो अनुपस्थित रहीं लेकिन कहा जा रहा है कि आधिकारिक पोस्टरों पर अपनी तस्वीरें सुनिश्चित करके उन्होंने ‘अपनी मौजूदगी महसूस कराई’ है.

राजे और पार्टी आलाकमान में टकराव जारी रहने के बीच वसुंधरा के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री रोहिताश्व कुमार शर्मा को अनुशासन भंग के आरोप में जुलाई में छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है.

वह राज्य इकाई की आलोचना करते रहे हैं और उनका कहना है कि कोई अन्य नेता राजे के कद की बराबरी नहीं कर सकता.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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