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Saturday, 20 April, 2024
होमराजनीति‘अब उन्हें पता चल रहा होगा कि कैसा लगता है’: अज़ान के दौरान वाराणसी में लाउडस्पीकर पर बजा हनुमान चालीसा

‘अब उन्हें पता चल रहा होगा कि कैसा लगता है’: अज़ान के दौरान वाराणसी में लाउडस्पीकर पर बजा हनुमान चालीसा

सुधीर सिंह अपनी छत पर हनुमान चालीसा बजाते हैं. वह भाजपा कार्यकर्ता होने का दावा करता है. हालांकि, यूपी भाजपा के प्रवक्ता का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. पुलिस का कहना है कि ‘अगर कोई कानून का उल्लंघन कर रहा होगा तो कार्रवाई की जाएगी.’

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लखनऊ: ऐसे समय में जबकि कर्नाटक और महाराष्ट्र में मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है, उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने अपनी छत पर लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया है. कथित तौर पर हनुमान चालीसा का पाठ मस्जिदों में पांच वक्त होने वाली अजान के दौरान किया जाता है.

सुधीर सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र में संकट मोचन मंदिर के पास स्थित साकेत नगर कॉलोनी में रहते हैं. उनके फेसबुक प्रोफाइल में बताया गया है कि वे भाजपा कार्यकर्ता होने के साथ-साथ ‘श्री काशी विश्वनाथ मुक्ति आंदोलन’ के अध्यक्ष भी हैं.

सुधीर सिंह ने मंगलवार को अपने फेसबुक पेज पर हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए अपना और अन्य लोगों का एक वीडियो डाला, जबकि बैकग्राउंड में लाउडस्पीकर पर भजन बज रहा था. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

उन्होंने मंगलवार को एक वीडियो संदेश भी पोस्ट किया, जिसमें दावा किया गया कि लाउडस्पीकर पर दिन में पांच बार हनुमान चालीसा बजाने का निर्णय उनके संगठन (मुक्ति आंदोलन) की बैठक में लिया गया था.

उन्होंने वीडियो में कहा, ‘पहले, हम सुबह सुप्रभातम (सबेरे बजने वाले संस्कृत भजनों या छंदों का संग्रह) के साथ उठते थे और अब, जब जागते हैं, तो अजान सुनाई दे रही होती थी. ये काशी है या काबा है, हमारी समझ में नहीं आ रहा है.

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उन्होंने आगे कहा, ‘इसलिए, हमारी सबसे अपील है कि जहां भी मंदिर हों, माइक लगाए जाएं और पहले की तरह सुबह की शुरुआत सुप्रभातम और हनुमान चालीसा के साथ हो… हम चाहते हैं कि यह दोहराया जाए, ताकि यहां काशी की महक रहे और यह काबा में न बदल जाए.

इस कदम के पीछे कारण पूछे जाने पर सुधीर सिंह ने दिप्रिंट से कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए थे, तो मंदिरों में तो उनका इस्तेमाल बंद कर दिया गया लेकिन मस्जिदों में ऐसा नहीं हुआ.

उन्होंने आगे कहा, ‘हम इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि हमें अजान समझ नहीं आती. अब जब हम लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा पाठ बजा रहे हैं, तो उन्हें भी पता लगा रहा होगा कि यह कैसा लगता है.’

सुधीर सिंह ने यह भी दावा किया कि वह भाजपा से जुड़े हैं. विस्तार से बताने के लिए कहने पर उनका जवाब था, ‘हमारे पास कोई पद नहीं है, कार्यकर्ता हैं.’

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने दिप्रिंट को बताया कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि सुधीर सिंह पार्टी कार्यकर्ता हैं या नहीं.

लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने के उनके फैसले के बारे में प्रतिक्रिया पूछे जाने पर, त्रिपाठी ने कहा, ‘जमीनी स्तर पर कानून का कड़ाई से पालन होना चाहिए और यदि इसकी आवाज तय सीमा से अधिक है तो कानून को अपना काम करना चाहिए.’

दिप्रिंट की तरफ से संपर्क किए जाने यूपी के एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि सुधीर सिंह को ‘कानून-व्यवस्था बनाए रखने’ के लिए कहा गया है.

उन्होंने कहा, ‘किसी भी नई व्यवस्था की अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर कोई नियम-कायदों का उल्लंघन करता है तो कानून अपना काम करेगा. उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी.’


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‘101 मंदिरों में हनुमान चालीसा बजाएंगे’

सुधीर सिंह ने दिप्रिंट से बातचीत में यह दावा भी किया कि उनके संगठन की योजना वाराणसी के 101 मंदिरों में हनुमान चालीसा बजाने की है.

उन्होंने कहा, ‘हम वाराणसी के 101 मंदिरों में लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाएंगे. और यह सिलसिला किसी के कोशिश करने पर भी नहीं रुकेगा. जो युवा गुमराह हो रहे हैं, उन्हें भी हमारी संस्कृति के करीब लाया जाएगा.’

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी इस कोशिश से सांप्रदायिक सद्भाव बाधित नहीं होगा, उन्होंने कहा—’20 सालों से अजान सुन रहे हैं और सद्भाव बनाए रखने की जिम्मेदारी केवल हिंदुओं की ही नहीं, बल्कि मुसलमानों की भी है.’

सुधीर सिंह ने आगे दावा किया कि प्रशासन ने उन्हें रोका नहीं है, और यहां तक कि इलाके के मुस्लिम निवासियों ने भी अब तक इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई है.

सुधीर सिंह 2020 में यह घोषणा करके चर्चा में आए थे कि वह वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर से ‘शिवलिंग और पार्वती की मूर्ति को मुक्त कराने’ के लिए एक आंदोलन शुरू करेंगे, और उनकी मांग थी कि मस्जिद को ‘कहीं और स्थानांतरित किया जाए.’

उसी साल फरवरी में उन्हें धारा 144 के उल्लंघन पर गिरफ्तार किया गया था, जब वह संकट मोचन मंदिर से काशी विश्वनाथ मंदिर तक ‘दंडवत यात्रा’ का नेतृत्व करने वाले थे.

‘ऐसा माहौल भारत के लिए अच्छा नहीं’

हालांकि, वाराणसी के एक प्रमुख मुस्लिम नेता मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, जिन्हें मुफ्ती-ए-बनारस भी कहा जाता है, ने दिप्रिंट को बताया कि लोग इस कृत्य से परेशान हैं.

नोमानी ने दिप्रिंट को बताया, ‘यह माहौल खासकर पिछले तीन सालों से बन रहा है, और यह भारत के लिए अच्छा नहीं है. अजान कोई अभी से नहीं बल्कि सालों से बजाई जा रही है—उन्हें परेशानी अब क्यों हो रही है? जबसे रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच अजान नहीं देने का निर्देश आया, तबसे हमने इसे दिन में पांच खास वक्त पर बजाना शुरू किया.’

उन्होंने कहा, ‘कुछ साल पहले, हमें बताया गया था कि केवल अनुमति वाली मस्जिदें ही लाउडस्पीकर पर अजान चला सकती हैं, और हमने स्थानीय पुलिस स्टेशन में विधिवत फॉर्म भरकर प्रशासन से अनुमति लेना शुरू कर दिया.’

उन्होंने कहा, ‘वे (सुधीर सिंह) माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. मेरी मुस्लिम भाइयों से अपील है कि अजान इस तरह बजाएं जिससे लोगों को परेशानी न हो. यह गलत है और अल्लाह ऐसा उत्पीड़न लंबे समय तक जारी नहीं रहने देगा.’ साथ ही जोड़ा, ‘इस कृत्य के पीछे मूर्ख लोग हैं.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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