पटना: राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को कहा कि वह 6 दिसंबर को इस बात का अंतिम निर्णय करेंगे कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) के साथ बनी रहेगी या इससे बाहर निकल जाएगी. कुशवाहा ने मोतिहारी में संवाददाताओं से कहा, ‘मैं अकेले कोई निर्णय नहीं लूंगा. चार दिसंबर से पश्चिम चंपारण के वाल्मीकि नगर में शुरू हो रहे आरएलएसपी के तीन दिवसीय चिंतन शिविर के दौरान नेताओं से चर्चा करके निर्णय लिया जाएगा.’
नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर आरएलएसपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘आरएलएसपी एक बड़े निर्णय की घोषणा कर सकती है जो राज्य की राजनीति को प्रभावित करेगा और राजनीतिक पुनर्गठन की संभावनाओं का निर्माण करेगा.’
पार्टी नेता के अनुसार, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री कुशवाहा का भाजपा ने लगातार अपमान और नजरअंदाज किया है, जिससे वह ‘काफी आहत’ हैं.
कुशवाहा ने बिहार में राजग गठबंधन में सीट बंटवारे के मामले में हस्तक्षेप के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांगा था. हालांकि दिल्ली में रहने के बावजूद उन्हें समय नहीं दिया गया.
कुशवाहा की उम्मीदें उस समय समाप्त हो गई, जब मोदी उन्हें बिना वार्ता के लिए आमंत्रित किए जी20 सम्मेलन के लिए अर्जेटीना चले गए.
इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी कुशवाहा को मामले को सुलझाने के लिए समय नहीं दिया था.
कुशवाहा ने कहा, ‘मैंने बिहार में राजग में सम्मानजनक सीट बंटवारे की चर्चा के लिए अमित शाह से दो बार मुलाकात करने का प्रयास किया. यहां तक की शुक्रवार को भी मैंने उनसे मुलाकात का इंजतार किया, लेकिन मुलाकात नहीं हो सका. मुझे समय नहीं दिया गया.’
कुशवाहा ने नवंबर में कहा था कि आरएलएसपी ने भाजपा द्वारा दिए गए प्रस्ताव को ठुकराने का निर्णय किया है.
उन्होंने कहा कि पार्टी की राज्य कार्यकारिणी ने भाजपा के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. उन्होंने हालांकि प्रस्तावित सीट का खुलासा करने से इंकार कर दिया था.
उन्होंने आरोप लगाया था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) आरएलएसपी में विभाजन कराने का प्रयास कर रही है.