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Saturday, 21 December, 2024
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कांग्रेस नेता ललितेश त्रिपाठी ने ‘अपडेट’ की अपनी Twitter bio, बताया जा रहा पार्टी छोड़ने का संकेत

यूपी कांग्रेस के कई नेताओं का कहना है कि ललितेश पति त्रिपाठी पहले ही कांग्रेस आलाकमान को अपना इस्तीफा भेज चुके हैं और उनके समाजवादी पार्टी में शामिल होने की संभावना है.

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लखनऊ: 399, मरिहान, मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक (2012-2017): यूपी में कांग्रेस पार्टी के ब्राह्मण चेहरे ललितेश पति त्रिपाठी का नया ट्विटर बायो कुछ इस तरह दिखता है.

बायो में किए गये इस बदलाव’ की उनके कांग्रेस से बाहर निकलने के पूर्वसंकेत के रूप में देखा जा रहा है. ललितेश ने शनिवार रात को अपने ट्विटर बायो को अपडेट किया, और इसमें से कांग्रेस शब्द को हटा दिया. साथ ही उन्होंने इसके कवर फोटो पर लगी कांग्रेस के शीर्ष नेताओं प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की तस्वीर को स्वयं के द्वारा संबोधित की जा रही एक रैली की तस्वीर से बदल दिया.

यूपी कांग्रेस के कई नेताओं के अनुसार, ललितेश पहले ही राज्य पार्टी इकाई के उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे चुके हैं और उनके जल्द ही समाजवादी पार्टी में शामिल होने की संभावना है.

हालांकि, राज्य के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट से बात करते हुए कहा कि ललितेश राजनीति से ‘विश्राम’ ले रहे हैं.

2022 के विधानसभा चुनावों से पहले ललितेश का पार्टी से बाहर जाना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका हो सकता है. पहले ही इस साल की शुरुआत में, राहुल गांधी के पूर्व सहयोगी और यूपी में कांग्रेस के प्रमुख ब्राह्मण चेहरे जितिन प्रसाद ने भाजपा में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ दी थी.

ललितेश के एक करीबी सूत्र ने दिप्रिंट को बताया कि कांग्रेस के इस युवा नेता ने अपना इस्तीफा दिल्ली में सोनिया गांधी के कार्यालय को भेजा है, न कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (यूपीसीसी) को.

हालांकि यूपीसीसी अध्यक्ष अजय लल्लू ने ललितेश के इस्तीफे के बारे में किए जा रहे दावों का खंडन करते हुए कहा कि वे पार्टी के एक युवा नेता हैं जिन्हें हर कोई पसंद करता है.

दिप्रिंट ने फ़ोन कॉल और टेक्स्ट संदेशों के माध्यम से ललितेश की टिप्पणी पाने के लिए उन तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन बंद आ रहा था.


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एक चौथी पीढ़ी के कांग्रेसी नेता

चौथी पीढ़ी के कांग्रेसी नेता ललितेश त्रिपाठी उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के परपोते हैं.

वह 2012 से 2017 के बीच यूपी के मरिहान विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक थे. उन्हें 2019 में उत्तर प्रदेश कांग्रेस का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था और इसके बाद उन्हें साल 2020 में राज्य के पूर्वी जिलों में पार्टी की गतिविधियों का प्रभारी बनाया गया था.

उनके पिता राजेश पति त्रिपाठी, जो कांग्रेस के एक पूर्व एमएलसी हैं, का गांधी परिवार के साथ अच्छा संबंध रहा है.


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लगातार क्षति का सिलसिला

राज्य के कई कांग्रेसी नेताओं का दावा है कि ललितेश द्वारा पार्टी छोड़ने के फैसले की असल वजह कांग्रेस की उत्तर प्रदेश में खराब स्थिति है.

यूपीसीसी के एक पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि ललितेश पिछले तीन चुनाव – 2014 (लोकसभा चुनाव), 2017 (विधानसभा चुनाव), और 2019 (लोकसभा चुनाव)- हार चुके हैं. अगर वह एक और चुनाव हार जाते हैं, तो उसका करियर खत्म हो सकता है. संभव है कि इसलिए वह और कोई जोखिम न उठाना चाहे.’

इस नेता ने आगे कहा कि ‘पूर्व सांसद अन्नू टंडन -जो हाल ही में सपा में शामिल हुए थे के साथ उनके अच्छे संबंध रहे हैं. वह चाहती थीं की वे भी सपा में शामिल हो जाएं लेकिन किसी तरह की बातचीत अभी भी चल रही है. सपा को भी पूर्वी यूपी में एक प्रमुख ब्राह्मण चेहरे की जरूरत है, और उसके लिए कमलापति के परपोते से बेहतर शख़्श कौन हो सकता है.’

यूपी कांग्रेस के एक अन्य नेता ने कहा कि ललितेश और यूपी कांग्रेस के कई अन्य पूर्व सांसद और विधायक, जो यह उम्मीद कर रहे थे कि पार्टी इस चुनाव में सपा के साथ कोई गठबंधन होगा, अब पार्टी छोड़कर जा रहे हैं.

उन्होने कहा, ‘जितिन (प्रसाद) जून में चले गए, अब ललितेश भी आधिकारिक तौर पर बाहर जा सकते हैं. कई अन्य वरिष्ठ नेता भी सपा और भाजपा के संपर्क में हैं. अगर इसी तरह की स्थिति बनी रही तो वे भी पार्टी छोड़ सकते हैं. अगर कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर सीट जीतने की कोई संभावना ही नहीं रही तो कौन यहां रहना चाहेगा ?’

इस कांग्रेस नेता ने दावा किया कि ललितेश यूपीसीसी के भीतर हो रहे काम-काज से कतई खुश नहीं हैं. हालांकि उन्हें 2020 में पूर्वी यूपी के 13 जिलों का प्रभारी बनाया गया था, इसके बावजूद वह उनकी सहमति के बिना की गई नियुक्तियों की वजह से खुश नहीं थे.

इस नेता ने कहा कि ललितेश का परिवार पूर्व एमएलसी राजेशपति त्रिपाठी, ललितेशपति त्रिपाठी और 40 अन्य लोगों के खिलाफ मिर्जापुर जिले के मनिहान इलाके में एक सहकारी समिति के नाम पर 132 एकड़ जमीन हड़पने के मामले में पुलिस कार्यवाही की वजह से भी नाराज है.

उनका कहना है कि, ‘इस मुद्दे पर उन्हें पार्टी से उस तरह का समर्थन नहीं मिला, जिसकी वे उम्मीद कर रहे थे. उनके संभावित इस्तीफे के पीछे ये कुछ कारण हो सकते हैं.’


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