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Saturday, 23 November, 2024
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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे ने जीता विश्वास मत, भाजपा का विधानसभा से वॉकआउट

सरकार के पक्ष में 169 पड़े और विरोध में एक भी नहीं. चार विधायक तटस्थ रहे. सरकार के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 था.

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नई दिल्ली : महाराष्ट्र के सीएम पद पर काबिज होने के बाद उद्धव ठाकरे अपनी पहली परीक्षा में भी पास हो गए .उद्धव ने शनिवार दोपहर विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया. सरकार के पक्ष में 169 पड़े और विरोध में एक भी नहीं और चार विधायक तटस्थ रहे. सरकार के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 था. बहुमत परीक्षण के दौरान भाजपा ने हंगामा किया और सदन से वॉकआउट किया. पूर्व सीएम फडणवीस ने इस प्रक्रिया को असंवैधानिक करार दिया.

विश्वास मत हासिल करने के बाद विधानसभा में सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा मुझे सदन में काम करने का अनुभव नहीं हैं. मैं नया हूं. मैं मैदान में लड़ने वाला आ​दमी हूं. वैचारिक विरोध जताने का तरीका अलग होता है. विधानसभा में वैचारिक मतभेदों को गलत तरीके से रखा गया है. यह महाराष्ट्र की परंपरा नहीं है. मुझे इस बात पर गर्व है कि मैंने अपने आदर्शों का नाम लेकर शपथ ग्रहण की है.

विधानसभा में गले मिले उद्धव-फडणवीस, प्रोटेम स्पीकर और विपक्ष में बहस

विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले सीएम उद्धव ठाकरे विपक्ष की सीट की तरफ पहुंचे. वहां उन्होंने पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को गले लगाया. इसके बाद जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई. वैसे ही भाजपा के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया है. सदन की शुरुआत होते ही देवेंद्र फडणवीस ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर पेश किया. उन्होंने कहा नियमों के खिलाफ विधानसभा का अधिवेशन बुलाया गया है. इस सत्र में नियमों का उल्लंघन हुआ है. इस पर प्रोटेम स्पीकर दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि राज्यपाल ने ही सदन को बुलाने की इजाजत दी है. हंगामे के दौरान सीएम उद्धव ठाकरे ने विधानसभा में अपने मंत्रियों का परिचय भी कराया. इस दौरान प्रोटेम स्पीकर और विपक्षी सदस्यों के बीच बहस भी हुई. सदन में विपक्ष के सदस्यों ने दादागीरी नहीं चलेगी के नारे भी लगाए.

हंगामे के बीच देवेंद्र फडणवीस ने सदन में कहा जिस तरह से शपथ ली गई है इस पर हमें आपत्ति है. मुझे संविधान पर बात करने का अधिकार है, अगर ऐसा नहीं है तो मुझे यहां बैठने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने सदन में सवाल किया कि जब तक नए विधानसभा अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक प्रोटेम स्पीकर का रहना जरूरी है. लेकिन पिछले प्रोटेम स्पीकर को क्यों बदला गया. अगर यह वही विधानसभा सत्र चल रहा है तो फिर प्रोटेम स्पीकर क्यों बदला गया. यह पूरी तरह से गलत है. ऐसा देश के इतिहास में कभी नहीं हुआ है. सभी नियमों को ताक पर रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्पीकर के चुनाव से पहले विधनसभा में बहुमत परीक्षण नहीं हो सकता है. जब तक स्थाई विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया जा सकता है. वहीं विश्वास प्रस्ताव भी सदन में नहीं लाया जा सकता है.

देवेंद्र फडणवीस के द्वारा उठाए सवाल पर प्रोटेम स्पीकर दिलीप वलसे पाटिल ने कहा प्रोटेम स्पीकर चुनने का अधिकार मंत्रिमंडल का है. यह चयन उसी के तहत हुआ है. इस फैसले पर राज्यपाल की मंजूरी है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि यह फ्लोर टेस्ट किया जाए. इसलिए यह बहुमत परीक्षण उसी के आधार पर करवाया जा रहा है.

कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने रखा प्रस्ताव

प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश है कि विधानसभा में खुला मतदान हो. इसी के तहत यह कार्यवाही हो रही है. इसलिए बहुमत परीक्षण के लिए बैलेट का इस्तेमाल नहीं होगा. इसका टीवी पर सीधा प्रसारण भी हो रहा है. प्रोटेम स्पीकर के निर्देश के बाद विधानसभा में कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने सबसे पहले विश्वास प्रस्ताव पढ़ा. इसके अन्य दलों ने भी विश्वास प्रस्ताव रखा. प्रस्ताव रखने के बाद भाजपा के सभी सदस्य विधानसभा से हंगामा करते हुए वॉकआउट कर गए. कोर्ट के निर्देश के अनुसार विधानसभा में सभी विधायकों का हेंड काउंट के जरिए फ्लोर टेस्ट हुआ. प्रस्ताव का समर्थन करने वाले विधायकों ने अपना नाम और नंबर बताया. जिसे विधानसभा के अधिकारियों ने नोट किया.

प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रोटेम स्पीकर ने सदन में बताया कि सरकार के पक्ष में 169 वोट पड़े. विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा. जबकि मतदान की प्रक्रिया के दौरान चार विधायक ने वोट नहीं किया. वे तटस्थ रहे. वोटिंग में एमएनएस सहित निर्दलीय विधायकों ने भी हिस्सा नहीं लिया.

फडणवीस बोले यह प्रक्रिया असंवैधानिक

सदन वॉकआउट करने के बाद मीडिया से चर्चा में पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा नियमों और संविधान को तोड़ा गया है. यह प्रक्रिया पूरी तरह से असंवैधानिक है. जो विधानसभा संविधान के हिसाब से नहीं चलती उसमें हम शामिल नहीं हो सकते. संविधान और नियमों का उल्लंघन हुआ है. प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति भी गलत तरीके की गई है.

महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले और शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी दर्शक दीर्घा में मौजूद थे.

बहुमत परीक्षण को देखते हुए शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने अपने विधायकों को व्हिप जारी करते हुए शनिवार को विधानसभा में उपस्थित रहने का निर्देश भी दिया था.

विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव रविवार को होगा. विरोधी दल के नेता की घोषणा भी. रविवार को ही राज्यपाल का अभिभाषण देंगे.

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए विधायक नाना पटोले कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे. पटोले साकोली से विधायक हैं. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए पटोले हमारे उम्मीदवार होंगे. इस पद के लिए रविवार को मतदान होगा.

शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच मंत्रालय को लेकर भी बंटवारा लगभग तय हो चुका है. जानकारी के अनुसार कांग्रेस को आबकारी विभाग, पीडब्लयूडी और राजस्व ​विभाग मिल सकते हैं. वहीं एनसीपी को वित्त, गृह, पर्यावरण और वन विभाग ​दिया जा सकता है. इसके अलावा शिवसेना के खाते में शहरी विकास, आवास और सिंचाई विभाग जा सकता है.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के तौर पर उद्धव ठाकरे ने गुरुवार शाम को शपथ ली थी. शुक्रवार को उन्होंने सीएम का कार्यभार संभाला था. उद्धव के साथ अन्य छह मंत्रियों ने भी शपथ ली थी. इनमें कांग्रेस के बाला साहेब थोराट, नितिन राउत के अलावा एनसीपी से जयंत पाटील, छगन भुजबल और शिवसेना के सुभाष देसाई शामिल हैं. ठाकरे तीनों पार्टियों के गठबंधन महा विकास आघाड़ी का नेतृत्व कर रहे हैं.

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