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Sunday, 3 November, 2024
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उद्धव BMC चुनावों से पहले शिंदे, फडणवीस पर हमलावर, शिवसैनिकों से बोले- ‘ऐसे लड़ो जैसे तुम्हारा पहला चुनाव हो’

बुधवार को मुंबई के नेस्को मैदान में पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने अपने काम की तुलना आम आदमी पार्टी से की. लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि शिवसेना अपने काम का प्रचार नहीं करती है.

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मुंबई: शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बुधवार को मुंबई में कथित रूप से सिर्फ आर्थिक हित साधने के लिए भाजपा की खिंचाई की और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सीधेतौर पर आलोचना की. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि शिवसेना ने भी अच्छा काम किया है, लेकिन वह उसका प्रचार नहीं करती है.

ठाकरे की ये टिप्पणी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों से पहले आई है, जिनके इस साल के अंत में होने की उम्मीद है.

ठाकरे ने कहा, ‘दिल्ली में अच्छे स्कूल हैं और पूरे देश में ऐसा होना चाहिए. बीएमसी स्कूलों को भी पहले कभी तीखी नजरों से देखा जाता था, लेकिन आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि मुंबई पब्लिक स्कूलों के बाहर लोगों की कतार लगी हुई है. यह शिवसेना का काम है. मैं अरविंद केजरीवाल के काम का सम्मान करता हूं. मुझे किसी से कोई नफरत नहीं है. लेकिन जहां हम असफल हैं उसका प्रचार क्यों नहीं करते हैं, जैसा कि सफलता का करते हैं.’

शिवसेना अध्यक्ष मुंबई के नेस्को मैदान में पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे.

भाजपा पर तीखा हमला करते हुए ठाकरे ने कहा कि मुंबई भाजपा के लिए जमीन का एक टुकड़ा हो सकता है, एक वर्ग फुट जिसे भाजपा रियल एस्टेट एजेंटों को बेचना चाहती है. लेकिन शिवसेना और ठाकरे के लिए यह उनकी मातृभूमि है.

यह याद करते हुए कि भाजपा की जड़ें अब भारतीय जनसंघ पार्टी में समाप्त हो चुकी हैं. ठाकरे ने दावा किया कि पूर्व पार्टी ने 1950 के दशक में (महाराष्ट्र राज्य के निर्माण से पहले) संयुक्त महाराष्ट्र के लिए अपनी लड़ाई और मुंबई की लड़ाई के दौरान मराठी मानुस को तोड़ने की कोशिश की थी.

उन्होंने कहा, ‘आप मुझ पर वंशवादी होने का आरोप लगा रहे हैं? मुझे अपने वंश पर गर्व है. मुंबई पर आपकी नजर है और जब मुंबई और संयुक्त महाराष्ट्र के लिए लड़ाई चल रही थी, जनसंघ उस लड़ाई का हिस्सा नहीं था.’

ठाकरे ने कहा: ‘वास्तव में जब संयुक्त महाराष्ट्र समिति की स्थापना हुई थी, तो पहले पांच प्रमुख नेताओं में से एक मेरे दादा थे. तब सब कुछ जल रहा था. वे महाराष्ट्र में मुंबई चाहते थे और चुनाव के दौरान जनसंघ ने ही समिति से नाता तोड़ लिया और मराठी मानुष को तोड़ा. यह उनके बच्चे हैं.’

ठाकरे ने भाजपा को फूट डालो और राज करो की नीति का इस्तेमाल करने के खिलाफ भी चेतावनी दी और कहा, ‘हम यहां सिर्फ वोट हासिल करने के लिए नहीं हैं. बालासाहेब ठाकरे ने कभी नहीं कहा कि सभी मुसलमान देशद्रोही हैं. हम सबके साथ हैं. एक सीएम के तौर पर मैंने कभी किसी में अंतर नहीं किया. आपकी फूट डालो और राज करो की नीति यहां काम नहीं करेगी.’

शिवसेना पिछले 25 सालों से बीएमसी में सत्ता में है और भाजपा ने इस साल नगरपालिका चुनावों में क्षेत्रीय पार्टी से सत्ता हथियाने की कसम खाई है.

पांच साल पहले पिछले बीएमसी चुनावों से पहले, शिवसेना नेता इसी तरह कैडर को एकजुट करने के लिए इसी जगह पर इक्ट्ठा हुए थे. तब भी लड़ाई भाजपा के खिलाफ थी. शिवसेना ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था क्योंकि अपने लंबे समय से गठबंधन सहयोगी पार्टी के साथ उसका मोहभंग हो गया था.

आगामी बीएमसी चुनाव इस साल की शुरुआत में शिवसेना के भीतर हुए विभाजन के बाद होने जा रहे हैं. एकनाथ सिंदे के नेतृत्व में बागी विधायकों का एक समूह भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए पार्टी से अलग हो गया, जिसके चलते राज्य में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन वाली महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई. उसके बाद शिवसेना के बागी धड़े और भाजपा गठबंधन ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया और राज्य में अपनी सरकार बनाई.


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‘दिल्ली के आगे नहीं झुकेगा मुंबई’

भाजपा के प्रयासों के बावजूद मुंबई दिल्ली की ओर नहीं झुकेगी, ठाकरे ने कहा, ‘यह छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई है और यह दिल्ली के सामने नहीं झुकेगी.’

भाजपा को ‘कमलाबाई’ के रूप में संदर्भित करते हुए, उन्होंने बताया कि यह नाम उनके पिता बाल ठाकरे ने दिया था. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि कोविड महामारी जब चरम पर थी, तब भी केंद्र से कई तरह के दबाव थे लेकिन राज्य के तत्कालीन सीएम ने इस पर ध्यान नहीं दिया. इसके बजाय उन्होंने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे के निर्माण और जीवन बचाने पर फोकस रखा.

शिंदे और उनके नेतृत्व वाले गुट को ‘गद्दार’ बताते हुए ठाकरे ने कहा, ‘वे गद्दार हैं. बीजेपी चाहती है कि हम गद्दारों से लड़ें और कमलाबाई बस दूर से देखती रहेगी. मैं ऐसा नहीं करना चाहता. गद्दारों की रगों में खून परजीवियों का होता है. मैं गद्दारों का झुंड नहीं चाहता. इसकी बजाय मैं कुछ ईमानदार लोगों का साथ चाहूंगा’

पार्टी को बीएमसी चुनावों की तैयारी कैसे करनी चाहिए, इस बारे में बात करते हुए ठाकरे ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे चुनाव ऐसे लड़ें जैसे कि यह उनका पहला चुनाव हो.

उन्होंने बताया, ‘मुझे याद है कि एक बार आशा भोंसले (गायिका) से पूछा गया था कि आपके गाने इतने सालों बाद भी इतने लोकप्रिय क्यों हैं. उन्होंने कहा कि मैं हर गाना ऐसे गाती हूं जैसे कि यह मेरी जिंदगी का पहला गाना हो. इसी तरह हमें भी इसी सोच के साथ चुनाव लड़ना है.

उन्होंने आगे कहा, ‘हां, यह अंतिम चुनाव होगा जिसमें फडणवीस लड़ेंगे.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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