नई दिल्ली: राजस्थान में अपनी विधानसभा सीट जीतने से पहले ही मंत्री पद की शपथ लेने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता सुरेंद्रपाल सिंह करणपुर निर्वाचन क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार रूपिंदर सिंह कुन्नर से 11,200 वोटों से हार गए हैं.
कांग्रेस उम्मीदवार और तत्कालीन विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण इस सीट पर अन्य 199 सीटों के साथ 25 नवंबर को मतदान नहीं हुआ. रूपिंदर दिवंगत नेता के बेटे हैं.
करणपुर में कांग्रेस की जीत — जहां बाद में 5 जनवरी को मतदान हुआ — 200 सीटों वाले राजस्थान में अब भाजपा-कांग्रेस की संख्या अब 115-70 हो गई.
हालांकि, इस नतीजे का मौजूदा भजन लाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन राजनीतिक तौर पर इस हार को लोकसभा चुनाव से पहले एक “बड़ा उलटफेर” माना जा रहा है.
30 दिसंबर को मंत्री पद की शपथ लेने वाले सुरेंद्रपाल को कृषि विपणन, इंदिरा गांधी नहर और अल्पसंख्यक मामलों के विभाग भी आवंटित किए गए थे.
उनके शामिल होने को कांग्रेस ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए चुनौती दी थी.
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जिन्होंने वरिष्ठ नेता सचिन पायलट के साथ रूपिंदर सिंह के लिए प्रचार किया, ने सोमवार को कहा कि लोगों ने भाजपा को सबक सिखाया है.
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में रूपिंदर सिंह को बधाई देते हुए कहा, “श्रीकरणपुर में कांग्रेस प्रत्याशी श्री रुपिन्दर सिंह कुन्नर को जीत की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. यह जीत स्व. गुरमीत सिंह कुन्नर के जनसेवा कार्यों को समर्पित है. श्रीकरणपुर की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के अभिमान को हराया है. चुनाव के बीच प्रत्याशी को मंत्री बनाकर आचार संहिता और नैतिकता की धज्जियां उड़ाने वाली भाजपा को जनता ने सबक सिखाया है.”
भारतीय चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सोमवार को नतीजे घोषित होने के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी भाजपा पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने अहंकार में आकर करणपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाया है.
रमेश ने कहा, “करणपुर के लोगों ने भाजपा के अहंकार को करारा जवाब दिया है. वहां से कांग्रेस प्रत्याशी श्री रुपिंदर सिंह कुन्नर विजयी हुए हैं. भाजपा के अहंकारी नेताओं को यह समझना होगा कि भले ही वे किसी को “मंत्री” बनाते हों, लेकिन जनता ही उन्हें “जनप्रतिनिधि” बनाती है.”
भाजपा ने नतीजे को कमतर आंकने की कोशिश करते हुए कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार अपने पिता की मृत्यु से उपजी सहानुभूति लहर के कारण जीता.
राजस्थान भाजपा के प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने बताया कि पिछले चुनाव के बाद से निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा का वोट शेयर बढ़ गया है जबकि कांग्रेस का वोट शेयर कम हो गया है. भारद्वाज ने यह भी कहा कि इस सीट से चुनाव लड़ रहे आप उम्मीदवार कांग्रेस की मदद करने में कामयाब रहे.
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