नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने, लॉकडाउन से चरणबद्ध तरीके से बाहर निकलने और आर्थिक गतिविधियां तेज करने के उपायों पर सोमवार को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चर्चा की.
मीटिंग की शुरुआत में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी मुख्यमंत्रियों से कहा कि आज कोविड-19 से जारी लड़ाई में भारत को वैश्विक पहचान मिली है कि भारत सरकार जिस तरह से इस बीमारी को मात दे रही है वह बिना राज्य सरकारों के सहयोग से संभव नहीं था. चलिए हमलोग इसे साथ चलते हुए आगे ले चलते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने धीरे-धीरे देश के कई हिस्सों में आर्थिक गतिविधियां शुरू हो गई है. आने वाले दिनों में ये काम और तेजी से होगा. हमें कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अब और अधिक ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. बता दें कि प्रधानमंत्री से एकबार फिर पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को बढ़ाने की गुजारिश की है.
क्या कहा भूपेश बघेल और कैप्टन अमरिंदर ने
प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के ऑफिस का हवाला देते हुए समाचार एजेंसी एएनआई ने कहा है कि कैप्टन ने सावधानीपूर्वक तैयार रणनीति के साथ राज्यों के राजकोषीय और आर्थिक सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन के विस्तार की बात कही, जिससे लोगों का जीवन बचाने के साथ आजीविका सुनिश्चित की जा सके.
वहीं इस मीटिंग में तेलंगाना सीएम ऑफिस का हवाला देते हुए एएनआई ने लिखा है कि पीएम से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने यात्री ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू नहीं करने का आग्रह किया है, जिसे देश में कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के निवारक उपायों के हिस्से के रूप में बंद किया गया था.
वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री ने मीटिंग के दौरान कहा कि राज्य सरकारों को अपने राज्यों के भीतर आर्थिक गतिविधियों से निपटने के बारे में निर्णय लेने का अधिकार मिलना चाहिए. उन्हें भी लाल, हरे और नारंगी क्षेत्र घोषित करने की जिम्मेदारी मिलनी चाहिए.
पीएम मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने यह भी कहा, ‘राज्य सरकारों से सलाह के बाद नियमित ट्रेन, हवाई यात्रा और अंतर-राज्य बस सेवाओं को फिर से शुरू करना चाहिए. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत 200 दिनों का वेतन दिया जाना चाहिए.
बता दें कि आज चल रही मीटिंग में शहरी क्षेत्रों से ग्रामीण भारत की तरफ श्रमिकों के पलायन और मजदूरों के अपने घर जाने से आर्थिक गतिविधियों की बहाली में आने वाली समस्याओं पर इस बैठक में चर्चा की जा रही है.
कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी पांचवीं बार मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत कर रहे हैं.
मुख्यमंत्रियों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद रहे.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू समेत कई मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल हुए.
गौरतलब है कि रविवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के साथ बैठक के दौरान राज्यों के मुख्य सचिवों ने उन्हें बताया था कि कोविड-19 से सुरक्षा जरूरी है, लेकिन साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी चरणबद्ध तरीके से बहाल करने की जरूरत है.
बैठक से पहले सूत्रों ने बताया था कि बैठक में भाग लेने वाले सभी मुख्यमंत्रियों को बातचीत के दौरान अपने विचार रखने का अवसर मिलेगा.
प्रधानमंत्री द्वारा मुख्यमंत्रियों के साथ पिछली बार 27 अप्रैल को बातचीत किये जाने के बाद से कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है, जो 28,000 के आंकड़े से बढ़ कर करीब 67,000 पर पहुंच गई है.
बैठक के कुछ दिनों बाद केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि और दो हफ्तों के लिये 17 मई तक बढ़ा दी थी. हालांकि, आर्थिक गतिविधियों और लोगों की आवाजाही में कुछ छूट दी गई थी. राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च से लागू है.
लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त होने से कुछ ही दिन पहले यह बैठक हो रही है. दूसरा चरण तीन मई को समाप्त हुआ था, जबकि पहला चरण 14 अप्रैल को समाप्त हुआ था.