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Wednesday, 3 July, 2024
होमराजनीतिअजित पवार को विधायकों के समर्थन पर कोई स्पष्टता नहीं. NCP बोली, 'उन्हें नहीं पता कि उन्होंने किस लिए छोड़ी'

अजित पवार को विधायकों के समर्थन पर कोई स्पष्टता नहीं. NCP बोली, ‘उन्हें नहीं पता कि उन्होंने किस लिए छोड़ी’

विधानसभा में पार्टी के 53 विधायक हैं. राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल और कई अन्य लोगों ने ट्वीट कर शरद पवार को समर्थन दिया है, इसमें उनकी बेटी सुप्रिया सुले भी शामिल हैं.

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मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार के आठ अन्य पार्टी विधायकों के साथ महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में शामिल होने के लगभग एक दिन बाद, कितने विधायकों का समर्थन उन्हें मिला है इसकी संख्या को लेकर भ्रम बना हुआ है.

अजित ने रविवार दोपहर राज्य के उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली – इस पद को वह भाजपा के देवेन्द्र फड़णवीस के साथ साझा कर रहे हैं.

हालांकि उन्होंने रविवार को दावा किया था कि “सभी (राकांपा) विधायक उनके साथ थे, लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, मुट्ठी भर राकांपा विधायकों ने उनके चाचा और राकांपा संरक्षक और राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार को अपना समर्थन देने का वादा किया, बाद में उन्होंने घोषणा की कि वह साथ नहीं हैं.” यह वही अंदाज था जो बाद में उनके भतीजे का था.

कम से कम पांच विधायकों ने सार्वजनिक रूप से ट्वीट कर शरद पवार को अपना समर्थन दिया, जिसमें -जयंत पाटिल, जितेंद्र अवहाद, रोहित पवार, अनिल देशमुख और प्राजक्त तनपुरे शामिल हैं.

सोमवार को एक अन्य विधायक नीलेश लंके ने ट्वीट किया, “सभी नेताओं को एक साथ रहना चाहिए”, लेकिन यह साफ नहीं हो सका कि उनका समर्थन शरद पवार के लिए था या अजित के लिए.

लंके ने ट्वीट किया, “एनसीपी मेरा परिवार है और शरद पवार, सुप्रिया सुले [शरद की बेटी], और अजीत पवार मेरे नेता और परिवार के मुखिया हैं. मैं इस परिवार का एक छोटा सा हिस्सा हूं. मेरा रुख यह है कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में सभी नेताओं को एक साथ रहना चाहिए. हालांकि मुझे उम्मीद है कि जैसा कि सभी को उम्मीद थी, अगले दो दिनों में निर्णय हो जाएगा.”

राज्य विधानसभा में एनसीपी के 53 विधायक हैं. रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए, एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि विधायक (जिन्होंने कथित तौर पर अजीत पवार को समर्थन देने का वादा किया है) भ्रमित हैं. उन्होंने कहा, “कई विधायकों को नहीं पता था कि वे किसके लिए साइन अप कर रहे हैं. कुछ लोग शरद पवार के संपर्क में हैं और मैंने दो-तीन विधायकों से भी बात की है.”

उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि शपथ लेने वाले ही दूसरी तरफ चले गए हैं. कई विधायक हमारे संपर्क में हैं.”

अजित का समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या के बारे में बात करते हुए, पाटिल ने कहा, “मैं आज (रविवार) संख्या में नहीं जाना चाहता क्योंकि कई लोग वापस आना चाहते हैं. इसलिए अब हम संख्याओं के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. हमें लगता है कि उन्होंने (अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने) राज्यपाल को एक हलफनामा दिया होगा, जिसमें दावा किया गया होगा कि उनके पास बहुमत है. सच्चाई जानने के लिए राज्यपाल को हमसे संपर्क करना चाहिए था, लेकिन किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर राज्यपाल को मुझसे दोबारा जांच करनी चाहिए थी कि हम बोर्ड में हैं या नहीं, लेकिन मुझसे संपर्क नहीं किया गया.”

एनसीपी विधायकों द्वारा राज्यपाल को सौंपे गए शिंदे सरकार को समर्थन पत्र पर टिप्पणी के लिए दिप्रिंट ने जितेंद्र अवहाद से भी संपर्क किया, लेकिन उन्होंने कहा, ‘हमने अभी तक इसे नहीं देखा है.’

टिप्पणी के लिए गवर्नर हाउस को की गई कॉल पर भी जवाब नहीं मिल सका है.


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NCP में दरार

इस बीच, एनसीपी के चार लोकसभा सांसदों में से बारामती की सुप्रिया सुले और सतारा के श्रीनिवास पाटिल ने शरद पवार को समर्थन देने का वादा किया है. अन्य दो हैं अमोल कोल्हे और सुनील तटकरे. तटकरे की बेटी अदिति उन राकांपा नेताओं में शामिल थीं, जिन्होंने रविवार को शिंदे सरकार में शपथ ली.

राज्यसभा में शरद पवार के अलावा एनसीपी के पास प्रफुल्ल पटेल हैं जो अजित पवार के शपथ ग्रहण में मौजूद थे. एक अन्य राज्यसभा सांसद फौजिया खान शरद पवार के साथ हैं, जबकि वंदना चव्हाण ने अभी तक किसी भी पवार को समर्थन देने का वादा नहीं किया है.

पिछले कुछ वर्षों में शरद पवार और उनके भतीजे अजित के बीच दरार कई बार उभर कर सामने आई.

राकांपा प्रमुख ने पिछले महीने अपनी बेटी और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले के साथ-साथ राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था.

इस कदम से अटकलें लगाई जाने लगीं कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पवार ने इस बहस को सुलझा लिया है कि उनके बाद बेटी सुप्रिया और भतीजे अजित में से कौन पार्टी की कमान संभालेगा.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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