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Wednesday, 8 May, 2024
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स्वाति मालीवाल ने कहा,भाजपा दिल्ली को बैंकॉक बनाना चाहती है, बीजेपी का पलटवार- अपना ‘घर’ संभाले

मालीवाल के ताज़ा ट्वीट से मामले ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है और इसका डर है कि हर बार की तरह इस बार भी सेक्स वर्करों से पुनर्वास का मुद्दा भटकता रह जाएगा.

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नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली को बैंकॉक बनाना चाहती है. इस आरोप के जवाब में दिल्ली भाजपा का कहना है कि स्वाति को पहले अपना ‘घर’ (आम आदमी पार्टी) संभालना चाहिए.

पिछले कुछ दिनों से स्वाति ने दिल्ली में स्पा सेंटर और मसाज पार्लरों के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ रखी है. वो इन पर लगातार छापे मार रही हैं. आयोग द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के मुताबिक इनमें कथित तौर पर सेक्स रैकेट चलता है.

एक ट्वीट में मालीवाल ने भाजपा पर हमला करते हुए लिखा है कि पार्टी उन नेताओं के नाम बताए जो स्पा के ख़िलाफ़ हो रही कार्रवाई से परेशान हैं, और क्या भाजपा दिल्ली को बैंकॉक बनाना चाहती है. बाकी के सवाल आप ऊपर वाले ट्वीट में देख सकते हैं.

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‘स्वाति मालीवाल को पहले अपना घर संभालना चाहिए.’

उनके इन आरोपों के जवाब में दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रमुख अशोक गोयल ने दिप्रिंट से कहा कि अगर राजधानी में ऐसे किसी स्पा और मसाज पार्लर को कानून सम्मत तरीके से बंद किया जाता है तो भाजपा को उसका पूरा समर्थन है. इसी दौरान उन्होंने कहा, ‘स्वाति मालीवाल को पहले अपना घर संभालना चाहिए.’


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गोयल ने कहा कि ये वो पार्टी है जिसके नेता सोमनाथ भारती ने अपनी पत्नी पर कुत्ते छोड़ दिए थे और इनके पूर्व विधायक संदीप कुमार ने राशन कार्ड बनाने के बदले महिला का यौन शोषण भी किया था. लेकिन ऐसे मामलों में मालीवाल कहीं नज़र नहीं आतीं.

गोयल ने कहा, ‘भाजपा महिला विरोधी तत्वों के मामले में कोई कोताही नहीं बरतती. ऐसा उत्तर प्रदेश के एक विधायक (कुलदीप सिंह सेंगर) के मामले से साफ है.’ हालांकि, वो रेप के आरोपों से घिरे भाजपा नेता चिनमयानंद से जुड़े सवाल को टाल गए.

क्या है पूरा मामला

डीसीडब्ल्यू की मानें तो कुछ समय से इसके 181 हेल्पलाइन नंबर पर लगातार ऐसे स्पा और पार्लरों से जुड़ी शिकायतें आ रही हैं. इस सिलसिले में कई छापे मारे गए हैं और सेक्स वर्करों को वहां से निकाल कर इनमें कुछ के मालिकों के ख़िलाफ़ एफआईआर भी दर्ज करवाई है.

स्वाति ने जानकारी देते हुए कहा कि जब वो जैसमीन स्पा में छापा मारने पहुंचीं तो वहां एक स्कूल की छात्रा दो नग्न पुरुषों के साथ एक केबिन में मौजूद थी. वो आगे कहती हैं, ‘वहां से कंडोम भी मिले और कमरे में मौजूद मर्दों से लेकर लड़की तक ने माना की यहां सेक्स रैकेट चल रहा था.’ उनके मुताबिक अन्य स्पा की हालत भी बिल्कुल वैसी ही है.

दिप्रिंट से बताचीत में स्वाति ने कहा, ‘मैं भारत को बैंकॉक नहीं बनने दूंगी. यहां सेक्स वर्क को कानूनी नहीं होने दूंगी.’ हालांकि, उन्होंने ये भी स्वीकारा कि सेक्स वर्करों के पुनर्वास का हाल बेहाल है. उन्होंने कहा, ‘दिल्ली ही नहीं बल्कि देशभर में पुनर्वास का हाल बेहद ख़राब है.’

दिल्ली के पास अभी तक सेक्स वर्करों के पुनर्वास से जुड़ी कोई नीति नहीं है. उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि दिल्ली के शेल्टर होम की हालत बदहाल है. इनका ऑडिट टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज़ (टिस) से करवाया गया है. आपको याद होगी कि बिहार से जुड़ी टिस की ऑडिट रिपोर्ट में ये बात समाने आई थी कि शेल्टर होम में बच्चियों का कैसे उत्पीड़न हो रहा है.

महिलाओं से जुड़े ऐसे मुद्दों के बीच संसद के पिछले सत्र में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा लोकसभा में जो जानकारी दी गई थी उसके मुताबिक दिल्ली सरकार केंद्र द्वारा दिए जाने वाले निर्भया फंड का 1% भी ख़र्च नहीं कर पाई. इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में स्वाति ने कहा कि अगर ऐसा है तो दिल्ली सरकार की आलोचना होनी चाहिए.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) का डेटा 2016 के बाद से नहीं आ रहा. इसके जरिए देशभर में होने वाले अपराधों से जुड़े आंकड़े का पता चलता था. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स से साफ है कि महिलाओं की स्थिति बदतर हुई है और ऐसी ही एक रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में दिल्ली में रेप के मामलों में 202% प्रतिशत बढ़ा है.

मालीवाल अपनी ताज़ा मुहिम के तहत सेक्स सर्विस भी देने वाले लोकैंटो नाम के एप को बंद करने से लेकर मसाज सर्विस के रजिस्ट्रेशन के मामले मे जस्ट डायल तक को नोटिस भेज रही हैं. लेकिन उन ताज़ा ट्वीट से मामले ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है और इसका डर है कि हर बार की तरह इस बार भी सेक्स वर्करों से पुनर्वास का मुद्दा भटक कर रह जाएगा.

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