नई दिल्ली: एनडीए सहयोगियों के बीच किसी भी तरह के टकराव से इनकार करते हुए तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद और केंद्रीय मंत्री चंद्र शेखर पेम्मासानी ने कहा कि टीडीपी ऐसा नहीं मानती कि मोदी सरकार उसके समर्थन पर निर्भर है.
ग्रामीण विकास और संचार राज्यमंत्री (MoS) पेम्मासानी ने कहा कि पूरी टीडीपी इस बात से बेहद खुश है कि गठबंधन कैसे चल रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश की भी हर तरह से मदद कर रही है, जहां टीडीपी भाजपा और पवन कल्याण की जनसेना पार्टी के साथ गठबंधन में सत्ता में है.
सिर्फ 16 लोकसभा सीटों के साथ, टीडीपी एनडीए की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी है, जबकि बीजेपी के 240 सांसद हैं. केंद्र में एनडीए सरकार के स्थायित्व के लिए टीडीपी और 12 सांसदों वाली जेडीयू दोनों का समर्थन अहम है.
पेम्मासानी ने कहा, “हम यह नहीं मानते कि मोदी सरकार टीडीपी पर निर्भर है. हमारा गठबंधन चुनाव से पहले ही बना था. लोग ऐसा सोच सकते हैं, लेकिन हमें ऐसा नहीं लगता.” उन्होंने दिप्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही, जब उनसे टीडीपी की अहम भूमिका और भाजपा की निर्भरता पर सवाल पूछा गया.
पेम्मासानी ने कहा कि टीडीपी मंत्री बीजेपी के साथ तालमेल में काम कर रहे हैं. “क्योंकि आखिर में यह एक प्रगतिशील और विकासोन्मुखी सरकार है.”
उन्होंने कहा, “अब तक मैंने ऐसा कोई टकराव नहीं देखा जिसमें हमने मोदी जी की इच्छा से अलग कुछ किया हो.”
आंध्र प्रदेश में भी, पेम्मासानी ने कहा, गठबंधन सरकार राज्य के समग्र विकास और अपने जनादेश को पूरा करने पर केंद्रित है.
उन्होंने कहा, “गठबंधन बिल्कुल अच्छे से चल रहा है. हम केवल भाजपा के साथ ही नहीं, बल्कि जनसेना पार्टी के साथ भी गठबंधन में हैं. सभी तीनों पार्टियां मिलकर काम कर रही हैं और मोदी जी ने आंध्र प्रदेश के विकास के लिए काफी सहयोग दिया है.”
उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने अमरावती परियोजना के लिए अनुदान दिया है और पोलावरम रेलवे ज़ोन का सपना पूरा करने में मदद की है.
उन्होंने कहा, “कई रेलवे विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं. जब हमने सरकार संभाली थी, तब स्थिति बहुत खराब थी. लेकिन केंद्र के सहयोग के बिना हम न तो अपनी कल्याणकारी योजनाएं लागू कर पाते और न ही विकास कार्यक्रम. इसलिए कुल मिलाकर पूरी टीडीपी इस साझेदारी से बेहद खुश है.”
पहली बार सांसद और मंत्री बने पेम्मासानी ने एनडीए सरकार में काम करने के अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि गठबंधन कैबिनेट में स्वतंत्रता है और समन्वय मजबूत है.
आंध्र प्रदेश में अपने सहयोगी पवन कल्याण के साथ टीडीपी के संबंधों के बारे में उन्होंने कहा कि कल्याण और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू दोनों ही एकता के महत्व को समझते हैं, क्योंकि अन्यथा विपक्ष इसका फायदा उठा सकता है.
उन्होंने कहा कि गठबंधन के भीतर कोई भी मतभेद दोनों नेता आपसी सहमति से सुलझा लेते हैं.
एनडीए सरकार में अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा, “पिछले 25 वर्षों से मैं निजी क्षेत्र में काम कर रहा था. मेरे दो अनुभवी कैबिनेट मंत्री सिंधिया जी और चौहान जी हैं. दोनों बहुत सहयोगी हैं. हम सब मिलकर काम करते हैं. भले ही काम बहुत है, लेकिन हम अपने दोनों विभागों में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में सक्षम रहे हैं.”
पेम्मासानी ने पूर्व आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर भी तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि रेड्डी ने अपने कार्यकाल में राजनीतिक गाली-गलौज की संस्कृति की शुरुआत की.
टीडीपी विधायक और अभिनेता से नेता बने नंदमूरी बालकृष्ण द्वारा विधानसभा में रेड्डी को “साइको” कहे जाने के कुछ दिनों बाद पेम्मासानी ने कहा कि ऐसी भाषा से बचना चाहिए, लेकिन आरोप लगाया कि इस तरह की संस्कृति की शुरुआत रेड्डी ने की.
उन्होंने कहा, “आंध्र प्रदेश में राजनीतिक गाली-गलौज की संस्कृति की शुरुआत जगन रेड्डी ने की थी. एक नेता के रूप में हमें इससे ऊपर उठना चाहिए. जनसेवा में गरिमा और संयम जरूरी है.”
जब उनसे पूछा गया कि आंध्र प्रदेश की राजनीति समय के साथ इतनी कटु कैसे हो गई, तो पेम्मासानी ने इसे “दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति” बताया, लेकिन अपनी बात दोहराई कि इसके लिए जगन मोहन रेड्डी जिम्मेदार हैं.
उन्होंने कहा कि रेड्डी पूरे दिन ऐसे लोगों को बढ़ावा देते हैं. “चाहे प्रेस से बात हो, मीडिया हो या सोशल मीडिया, यह गंदी भाषा उन्होंने ही सार्वजनिक जीवन में लाई. यही इसकी शुरुआत थी.”
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश में कई मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन किसी ने ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया और किसी ने मर्यादा नहीं तोड़ी.
उन्होंने कहा, “जगन के व्यवहार के कारण ही ऐसे प्रतिशोधी शब्द आए. हालांकि मैं यह मानता हूं कि सिर्फ इसलिए कि विपक्ष ने ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया, टीडीपी को भी वैसा नहीं करना चाहिए. मैं किसी का समर्थन नहीं करता, खुद का भी नहीं. अपने पूरे चुनाव प्रचार में मैंने कभी जगन मोहन रेड्डी का अनादर नहीं किया.”
उन्होंने कहा, “मेरी राय में, मैं भी ऐसी भाषा के इस्तेमाल का समर्थन नहीं करता.”
पेम्मासानी ने रेड्डी पर अमरावती परियोजना को रोकने का आरोप लगाते हुए कहा, “रेड्डी के कार्यकाल में जानबूझकर तोड़फोड़ की गई, उन्होंने अमरावती परियोजना को रोक दिया था.” मौजूदा सरकार ने अब इस परियोजना को फिर से गति दी है.
जब उनसे पूछा गया कि कई बार राज्यमंत्री (MoS) इस बात की शिकायत करते हैं कि उन्हें पर्याप्त काम नहीं दिया जाता या अच्छे अवसर नहीं मिलते, तो टीडीपी सांसद ने कहा कि उन्हें केंद्र में काम करते हुए काफी स्वतंत्रता मिली है.
उन्होंने कहा, “मैंने भी यह सुना है (राज्य मंत्रियों को काम न मिलने की बात), लेकिन मेरे हिसाब से यह दोनों तरफ से होता है. शुरुआत में शायद कुछ लोगों के साथ ऐसा हो सकता है. लेकिन अगर आप सक्रिय हैं, ईमानदारी से काम कर रहे हैं, और अपने वरिष्ठ मंत्री के साथ सीमाएं बनाए रखते हुए समाधान पेश कर रहे हैं, तो कोई समस्या नहीं होती. कम से कम मेरे मामले में तो नहीं. जैसा कि मैंने पहले कहा, दोनों वरिष्ठ मंत्रियों ने मुझे पूरी आज़ादी दी है.”
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