नई दिल्ली : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने रविवार को एक कार्यक्रम में ‘सनातन धर्म’ को लेकर विवादित बयान दिया है, जिस पर भाजपा नेताओं और हिंदू धर्म के नेता की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. वहीं विपक्षी दल इंडिया गठबंधन में शामिल आरजेडी के नेता ने भी इसका विरोध किया है और उदयनिधि को सनातनियों से माफी मांगने को कहा है.
उदयनिधि स्टालिन ने यह बात तमिलनाडु में आयोजित ‘सनातन उन्मूलन सम्मलेन’ में संबोधन के दौरान कही.
तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने कहा, ‘मुझे विशेष संबोधन का अवसर देने के लिए, सम्मेलन के आयोजकों को धन्यवाद देता हूं. आपने सम्मेलन का नाम ‘सनातन विरोधी सम्मेलन’ के बजाय ‘सनातन उन्मूलन सम्मेलन’ रखा है, मैं इसकी सराहना करता हूं. कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही किया जाना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, हमें इसे मिटाना होता है, ऐसे ही हमें सनातन को मिटाना है. सनातन का विरोध करने के बजाय उसे जड़ से खत्म कर देना चाहिए. सनातन नाम संस्कृत से है. यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है.”
उदयनिधि ने हिंदू संगठनों की तरफ से धमकियों और कानूनी चुनौती की चेतावनी पर कहा, “इसे लाओ. मैं किसी भी कानूनी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हूं. हम इस तरह की सामान्य भगवा धमकियों से नहीं डरेंगे. हमारे सीएम एमके स्टालिन के सक्षम मार्गदर्शन में हम, पेरियार, अन्ना और कलैग्नार के अनुयायी, सामाजिक न्याय को बनाए रखने और एक समतावादी समाज की स्थापना के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे.” मैं इसे आज, कल और हमेशा कहूंगा: द्रविड़ भूमि से सनातन धर्म को रोकने का हमारा संकल्प थोड़ा भी कम नहीं होगा,”
"Bring it on. I am ready to face any legal challenge. We will not be cowed down by such usual saffron threats. We, the followers of Periyar, Anna, and Kalaignar, would fight forever to uphold social justice and establish an egalitarian society under the able guidance of our CM MK… pic.twitter.com/ycSE175Q77
— ANI (@ANI) September 2, 2023
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कांग्रेस और विपक्षी दल के नेताओं ने जताई नाराजगी
तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए’ वाली टिप्पणी पर महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा, “कांग्रेस का रुख साफ है, हम किसी धर्म पर टिप्पणी नहीं करना चाहते या किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते. हम बाबा साहब आम्बेडकर के ‘सर्वधर्म समभाव’ की भूमिका साथ लेकर चलते हैं, किसने क्या बोला, वे हमारे हाथ में नहीं है.”
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने उदयनिधि की टिप्पणी का विरोध किया है. उन्होंने कहा, “यह देश सभी धर्मों का सम्मान करने के लिए जाना जाता है. हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष है क्योंकि विभिन्न धर्मों के लोग हमारे देश में रहते हैं ताकि देश एकजुट रह सके. लेकिन पिछले 9 सालों में बीजेपी ने धर्म का राजनीतीकरण किया है और यही कारण है कि कोई भी सामने आकर धर्म के बारे में कुछ भी कह देता है. जिसने ये कहा है वो गलत है लेकिन धर्म का राजनीतीकरण करने के लिए बीजेपी के नेता जिम्मेदार हैं.’
इंडिया गठबंधन नें शामिल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “सनातन धर्म पर किसी को सवाल उठाने का अधिकार नहीं है. सनातन के नाम पर भाजपा भी राजनीति करती रही है. ये राजनीति का विषय नहीं है. किसी ने इस प्रकार का बयान दिया है तो उसे अविलंब सनातनियों से माफी मांगनी चाहिए, इस बयान को वापस लेना चाहिए.”
राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जताया विरोध
राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने उदयनिधि की टिप्पणी पर कहा, “सनातन धर्म को किसी भी कीमत पर ख़त्म नहीं किया जा सकता. ‘सनातन धर्म’ सदियों से अस्तित्व में है और बना रहेगा. वह (उदयनिधि स्टालिन) ‘सनातन धर्म’ का वास्तविक अर्थ नहीं समझते हैं, वह जो भी कह रहे हैं बिल्कुल गलत है.”
भाजपा ने जताई कड़ी आपत्ति, इंडिया गठबंधन से निंदा करने को कहा
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “तमिलनाडु में कुछ लोगों की असलियत सामने आने लगी है…अभी कुछ दिन पहले हमने काशी-तमिल संगमम का आयोजन किया. तमिलनाडु के हर गांव में भगवान विश्वनाथ की स्मृति है…’सनातन’ शाश्वत है, इन राजनीतिक टिप्पणियों से कुछ नहीं होने वाला है.”
भाजपा नेता शहनवाज हुसैन ने इंडिया गठबंधन से इस बयान की निंदा करने की मांग की. उन्होंने कहा, “स्टालिन INDIA गठबंधन के मजबूत स्तंभ हैं और उनके बेटे सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से कर रहे हैं, उसे खत्म करने की बात कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी और INDIA गठबंधन को अपनी राय स्पष्ट करनी चाहिए. वे लोग इकट्ठे होकर गठबंधन बना रहे हैं या सनातन धर्म को खत्म करने लिए इस प्रकार की बयानबाजी कर रहे हैं? ये बयान दुर्भाग्यपूर्ण है, इसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है. क्या INDIA गठबंधन उनके बयान से सहमत है इसका जवाब गठबंधन को देना चाहिए.”
बीजेपी प्रवक्ता और नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, “INDIA गठबंधन का भारत विरोधी और हिंदू विरोधी चेहरा आज साफ तरीके से उजागर हो गया. जिस प्रकार से DMK नेता ने कहा कि वो न केवल सनातन धर्म का विरोध कर रहे हैं बल्कि इसकी तुलना बीमारियों से करते हुए इसे खत्म करने की बात कर रहे हैं. जिस धर्म में भारत के 80 फीसद लोगों की आस्था है, उसे खत्म करने की बात कर रहे हैं. उनका समर्थन कांग्रेस पार्टी के कार्ति चिदंबरम भी करते हैं. क्या यही मोहब्बत की दुकान है राहुल गांधी जी?”
अन्नामलाई ने उदयनिधि के विचार को ईसाई मिशनरियों से खरीदा बताया
तमिलनाडु में बीजेपी प्रमुख अन्नामलाई ने भी इस पर पलटवार किया. उन पर “ईसाई मिशनरियों से खरीदे गए विचार” को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.
The only resolve that the Gopalapuram Family has is to accumulate wealth beyond the State GDP.
Thiru @Udhaystalin, you, your father, or his or your idealogue have a bought-out idea from Christian missionaries & the idea of those missionaries was to cultivate dimwits like you to… https://t.co/sWVs3v1viM
— K.Annamalai (@annamalai_k) September 2, 2023
अन्नामलाई ने एक्स पर अपने आधिकारिक ट्विटर में तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “गोपालपुरम परिवार का एकमात्र संकल्प राज्य की जीडीपी से परे जाकर संपत्ति जमा करना है. थिरु @उदयस्टालिन, आप, आपके पिता, या उनके या आपके विचारक के पास ईसाई मिशनरियों से खरीदा हुआ विचार है और उन मिशनरियों का विचार अपनी दुर्भावनापूर्ण विचारधारा को दोहराने के लिए आपके जैसे ******* को पैदा करना था.”
उदयनिधि पर और कटाक्ष करते हुए, भाजपा के राज्य प्रमुख ने लिखा, “तमिलनाडु आध्यात्म की भूमि है. आप जो सबसे अच्छा कर सकते हैं वह यह कि इस तरह के कार्यक्रम में माइक पकड़ना और अपनी निराशा जाहिर करना!”
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, “डीएमके मंत्री “भारत की 80 प्रतिशत आबादी का नरसंहार” करने की बात कह रहे थे.”
मालवीय ने कहा, “तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को मलेरिया, डेंगू से जोड़ा… उनका मानना है कि सनातन धर्म का विरोध नहीं, बल्कि इसे खत्म किया जाना चाहिए. संक्षेप में, वह भारत की 80% आबादी के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं, जो सनातन धर्म का पालन करते हैं.”
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