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Saturday, 23 November, 2024
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कर्नाटक : बागी विधायकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट कल 10.30 बजे सुनाएगा फैसला

बागी विधायकों का पक्ष रखते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा, सभी 10 याचिकाकर्ताओं ने 10 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था. रोहतगी ने कहा कि अध्यक्ष यदि चाहते तो फैसला ले सकते हैं.

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नई दिल्ली: कर्नाटक में एक हफ्ते पहले आया राजनीतिक भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. बागी विधायकों के इस्तीफा मामले में एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. बागी विधायकों का पक्ष रखते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा, सभी 10 याचिकाकर्ताओं ने 10 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था. रोहतगी ने कहा कि अध्यक्ष यदि चाहते तो फैसला ले सकते हैं. चूंकि, इस्तीफा स्वीकार करना और उनकी अयोग्यता दोनों अलग-अलग निर्णय हैं. उन्होंने अदालत में पूछा कि विधायकों को बांधे रखने की कोशिश क्यों हो रही है. रोहतगी ने कहा कि उमेश जाधव ने इस्तीफा दिया और उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया गया है.

अदालत ने पूछा कि विधायकों ने कब इस्तीफा दिया. जिसके जवाब में रोहतगी ने कहा कि सभी ने छह जुलाई को इस्तीफा दिया था. बागी विधायकों के हवाले से मुकुल रोहतगी ने अदालत में कहा, हम विधायक नहीं बने रहना चाहते हैं. कोई भी हमें मजबूर नहीं कर सकता. मेरा इस्तीफा स्वीकार किया जाना चाहिए. सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि अध्यक्ष अधिक दिनों तक इस्तीफे को रोककर नहीं रख सकते हैं, किसी भी राज्य का नियम होता है इसलिए इसपर जल्द से जल्द निर्णय लिया जाना चाहिए.

बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा था कि क्या विधानसभा अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के आदेश को रोक सकते हैं. एक ओर जहां बागी विधायकों के इस्तीफे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बहस का दौर जारी हैं, वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी सूबे में सरकार बनाने को लेकर लगातार मंथन में जुटी है.

बागी विधायक रामलिंगा रेड्डी ने कहा, मैं डॉक्टर के पास गया था और मुझे देरी हो गई. अध्यक्ष ऑफिस से मुझे फोन आया है, मैं उनसे मिलने आज या फिर कल जा सकता हूं. मेरा इस्तीफा दिए जाने का कारण आंतरिक है. मैं फ्लोर टेस्ट में जाऊंगा, मेरा इस्तीफा भी स्वीकार नहीं किया गया है.’

वहीं, दूसरी तरफ कर्नाटक विधानसभा सोमवार को दो दिनों के लिए स्थगित कर दी गई. अब 18 जुलाई को विधानसभा की बैठक होगी जिसमें मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी सत्तारूढ़ कांग्रेस-जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) गठबंधन सरकार को बचाए रखने के लिए विश्वास मत पेश करना होगा. विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार द्वारा बुलाई गई सदन की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सरकार द्वारा विश्वास मत प्रस्ताव पेश किए जाने तक सदन को स्थगित करने पर सहमति बनी.

सोलह विधायकों के इस्तीफे से मुश्किल में फंसी कर्नाटक की कांग्रेस-जद (एस) सरकार का संकट जस का तस बना हुआ है. गठबंधन को हालांकि सोमवार को भाजपा द्वारा की गई बहुमत पेश करने की मांग से बचने का मौका जरूर मिल गया. सदन में कार्रवाई के दौरान मुख्यमंत्री ने मांग की कि बहुमत परीक्षण को गुरुवार तक के लिए टाल दिया जाए, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद सदन की कार्रवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी है.

इसके साथ ही राज्य की वर्तमान सरकार को थोड़ा और वक्त मिल गया है, ताकि वो अपने बागी विधायकों को मना ले. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि उसके 105 विधायक तब तक सत्र में भाग नहीं लेंगे, जब तक कि गुरुवार को विश्वास मत हासिल नहीं किया जाता.

कांग्रेस के बागी विधायक रोशन बेग हिरासत में लिए गए

सिद्धारमैया सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग को आज बेंगलूरू में हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया गया है. करोड़ों रुपये के आईएमए ज्वेलर्स पोंजी घोटाला मामले में की जांच कर रही एसआईटी ने जिस वक्त बेग को हिरासत में लिया गया. वह उस वक्त बेंगलूरू अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर से चार्टर्ड विमान में सवार होने वाले थे. कुमारस्वामी ने अरोप लगाया कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा के निजी सहायक संतोष भी बेग के साथ ही थे.

बेग पर कंपनी के मालिक मोहम्मद मंसूर खान से 400 करोड़ रुपये लेने का आरोप है. हालांकि, विधायक ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है. बता दें कि बेग पर 42 हजार निवेशकों के साथ 1500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है.

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