scorecardresearch
Monday, 4 November, 2024
होमराजनीतिआरएसएस का इतिहास जानेंगे छात्र और पढ़ेंगे राष्ट्र निर्माण में उसकी ​भूमिका

आरएसएस का इतिहास जानेंगे छात्र और पढ़ेंगे राष्ट्र निर्माण में उसकी ​भूमिका

नागपुर स्थित राष्ट्र संत तुकडोजी महाराज नागपुर वि​श्वविद्यालय में बीए (इतिहास) के​ द्वितीय वर्ष के कोर्स में संगठन को एक पाठ्यक्रम के रूप में शामिल किया गया है.

Text Size:

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का इतिहास और राष्ट्र निर्माण में इसकी भूमिका के बारे में अब छात्रों को पढ़ाया जाएगा. नागपुर के राष्ट्र संत तुकडोजी महाराज नागपुर वि​श्वविद्यालय में बीए (इतिहास) के​ द्वितीय वर्ष के कोर्स में इसे शामिल किया गया है. प्रथम खंड में कांग्रेस की स्थापना और जवाहर लाल नेहरू के बारे में बताया गया है.​ द्वितीय खंड में सविनय अवज्ञा आंदोलन और तीसरे खंड में राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका की जानकारी दी गई है. विश्वविद्यालय में कोर्स को शामिल करने के पीछे मकसद छात्रों को इस नई विचारधारा से अवगत कराना है.

विश्वविद्यालय ने 2003—2004 में एमए (इतिहास) के कोर्स में आरएसएस का परिचय शामिल किया था. इस वर्ष इतिहास के छात्रों के लिए राष्ट्र निर्माण में संघ के योगदान को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. इसमें छात्रों को भारत का इतिहास (1885 से 1947) की इकाई में एक अध्याय राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका को बताया जाएगा जो बीए (इतिहास) ​द्वितीय वर्ष के कोर्स के चौथे सेमेस्टर का हिस्सा है.

कोर्स को शामिल किए जाने को लेकर हंगामा भी शुरू हो गया है. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिव सावंत का कहना है कि नागपुर विश्वविद्यालय को आरएसएस और राष्ट्र निर्माण का संदर्भ कहां से मिलेगा. यह विभाजनकारी शक्ति है जिसने ब्रिटिशों का सहयोग किया. स्वतंत्रता का विरोध किया. जिन्होंने 52 वर्ष तक तिरंगा नहीं फहराया. संघ संविधान के बदले मनुस्मृति चाही और जो नफरत फैलाता है. आरएसएस के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा क्षेत्र का प्रयोग किया जा रहा है न कि छात्रों को सही शिक्षा देने के लिए. विश्वविद्यालय को यह भी बताना चाहिए की तीन बार आरएसएस पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया.

इधर विरोध भी शुरू

कोर्स की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद आरएसएस का विरोध शुरू हो गया है. एनएसयूआई ने इसको लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जताया है. कुलपति से कोर्स वापस लेने की मांग भी की है.

इस मामले को लेकर आरएसएस का कहना है कि उसका इस कदम से कोई लेना-देना नहीं है और उसने कभी भी नागपुर विश्वविद्यालय को संगठन के बारे में बताने के लिए नहीं कहा.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, राज्य के सीएम देवेंद्र फड़नवीस और पूर्व पीएम पी.वी. नरसिम्हा राव भी इस वि​श्वविद्यालय के छात्र रहे हैं. इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत 600 से अधिक संबद्ध कॉलेज हैं.

share & View comments