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Saturday, 16 November, 2024
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इलाहाबाद छात्रसंघ चुनाव के बाद बमबाजी, फूंके गए हॉस्टल के कमरे

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समाजवादी छात्र सभा ने एबीवीपी पर लगाया हिंसा का आरोप, एबीवीपी ने कहा, हमने नहीं कुलपति की टीम ने करवाई हिंसा.

नई दिल्ली: इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के नतीजे आने के बाद वहां से हिंसा की खबरें हैं. रात को एक बजे नतीजे आने के बाद विश्वविद्यालय के गेट पर और हॉलैंड हॉल हॉस्टल में पेट्रोल बम चले. हॉस्टल के कमरों में तोड़फोड़ हुई और आग लगा दी गई.

विश्वविद्यालय के पिछले छात्रसंघ अध्यक्ष अवनीश यादव और वर्तमान अध्यक्ष उदय प्रकाश यादव के कमरों समेत कम से कम 10 कमरों में आग लगा दी गई. और 25 कमरों में तोड़फोड़ की गई. समाजवादी छात्रसभा ने आरोप लगाया है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने हार न बर्दाश्त कर पाने के चलते हिंसा को अंजाम दिया. इसके पहले नामांकन और वोटिंग के दिन भी बमबाजी हुई थी.

एबीवीपी ने ठीकरा कुलपति पर फोड़ा

हालांकि, छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और एबीवीपी के वर्तमान राष्ट्रीय मंत्री रोहित कुमार मिश्रा ने कहा, ‘चुनाव परिणाम के बाद कुछ उपद्रवी तत्वों ने आगजनी की. उसके जवाब में समाजवादी छात्र सभा के लोगों ने एकट्ठा होकर हमारे अध्यक्ष पद के प्रत्याशी अतेंद्र सिंह के कमरे में भी आग लगा दी. दो मोटरसाइकिल, एक हंटर जीप और एक इंडिगो जला दी है. हालैंड हॉल में एक समाज विशेष के लोगों ने कब्जा कर लिया है.’

आगजनी का आरोप आप पर लगाया जा रहा है, इसके जवाब में रोहित ने कहा, ‘जिन पर एफआईआर हुई है, वे सभी एबीवीपी से नहीं हैं. आरोप झूठा है. यह प्रायोजित घटना है. ईनामी बदमाश चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हीं लोगों ने हिंसा फैलाई है. हम लोग इनका विरोध कर रहे हैं. यह सब कुलपति रतनलाल हंगलू के टीम के लोग हैं. वे चाहते हैं कि छात्रों को अराजक दिखाकर कुलपति की पुन: बहाली हो जाए.’

हाल ही में एक इलाहाबाद छात्रसंघ से जुड़े नेताओं ने कुछ व्हाट्सअप चैट्स और कॉल रिकॉर्डिंग वायरल करवाई थी, जिसमें कुलपति ने किसी महिला की निजी बातचीत थी. कुलपति पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगा और फिलहाल उन्हें लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया.

दो सीटें छात्र सभा, दो एनएसयूआई को

चुनाव नतीजों में दो पद समाजवादी छात्रसभा को, दो पद नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) को और एक पद पर एबीवीपी को जीत हासिल हुई है. अध्यक्ष पद पर समाजवादी छात्र सभा के उदय प्रकाश यादव जीते हैं. उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के अखिलेश यादव, महामंत्री पद पर एबीवीपी के शिवम सिंह, संयुक्त सचिव पद पर सछास के सत्यम सिंह सनी और सांस्कृतिक सचिव पद पर एनएसयूआइ के आदित्य सिंह को जीत मिली है.

छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष और सपा की प्रवक्ता ऋचा सिंह ने बताया कि ‘हमने ऐसे मुद्दे उठाए जिससे छात्रों ने हमें समर्थन दिया. लेकिन नतीजे आने के तुरंत बाद एबीवीपी के लोग बड़ी संख्या में एकत्र हुए और हॉलैंड हॉल हॉस्टल में आगजनी व तोड़फोड़ की. उन्होंने पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान के कमरों में आग लगा दी. कमरें में रखे सामान, किताबें और दस्तावेज सब पूरी तरह जलकर राख हो गए हैं.’

ऋचा ने बताया कि ‘विश्वविद्यालय में पहली बार यह हुआ है कि चुनाव नतीजों के बाद इस तरह की हिंसा हुई हो. यह तब हुआ है जब चुनाव नतीजों की गिनती के समय पूरा विश्वविद्यालय छावनी में तब्दील हो जाता है.’ उन्होंने आरोप लगाया कि इतने बड़े पैमाने पर हिंसा बिना पुलिस की मिलीभगत के संभव नहीं है. यह आम छात्रों का काम नहीं है. आएएफ की तैनाती के बावजूद यह हिंसा हुई.

छात्रसंघ के 85 साल के इतिहास में पहली घटना

आइसा के प्रभारी सुनील मौर्या ने बताया, ‘बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है. ऐसा लगता है कि हार से जो लोग बौखलाए हैं, यह उन्हीं का काम है. तोड़फोड़ और आगजनी का काम कौन कर सकता है यह सबको पता है.’

वे कहते हैं, ‘ये दरअसल ये जो हिंसा का वर्चस्वशाली और सामंती कल्चर है, यह सपा के शासन में रहने के बाद भी कमजोर नहीं हुआ. आरएसएस और भाजपा का दबदबा है, ये तो सभी जानते हैं. लेकिन इसके पहले हर यूनियन में सपा जीतती रही है, लेकिन वे सामंती प्रवृत्ति से लड़ने की जगह उसके साथ ही खड़े हुए. इस हिंसा की संस्कृति में ये भी बराबर का रोल अदा करते हैं.’

इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील और इविवि छात्रसंघ के अध्यक्ष रह चुके कमल कृष्ण रॉय ने आगजनी की तस्वीरों के साथ लिखा, ‘यह 131 साल के इलाहाबाद विश्वविद्यालय और छात्रसंघ के 85 साल के इतिहास के पहली घटना है. हार के बाद एबीवीपी ने निवर्तमान अध्यक्ष अवनीश और वर्तमान अध्यक्ष उदय प्रकाश का हॉलैंड हाल में कमरा जला दिया. किताबें, बिस्तर, रैक, हॉस्टल की दीवारें और छत, गाड़ियां और साइकिलें सब जला दी गईं. पुलिस वहां पर मौजूद थी.’

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