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Friday, 15 August, 2025
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‘दीवार बनकर खड़ा हूं’ — स्वतंत्रता दिवस पर PM मोदी का किसानों के हितों की रक्षा का वादा

लाल किले से पीएम मोदी का बयान ऐसे समय आया है जब प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते में अमेरिका, भारत से कृषि और डेयरी सेक्टर में शुल्क रियायतें मांग रहा है.

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नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लगातार 12वें स्वतंत्रता दिवस भाषण में दोहराया कि भारत किसानों के हितों पर कभी समझौता नहीं करेगा.

लाल किले की प्राचीर से मोदी ने कहा, “भारत के किसान, पशुपालक और मछुआरे हमारी प्राथमिकता हैं…उनके हितों पर कोई भी समझौता भारत कभी स्वीकार नहीं करेगा.”

किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों की रक्षा के संदर्भ में उन्होंने कहा, “मोदी दीवार बनकर खड़ा है.”

प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका, भारत के साथ हो रहे प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते में कृषि और डेयरी सेक्टर में शुल्क में छूट मांग रहा है.

हाल ही में अमेरिका ने भारतीय सामान पर टैरिफ 50% तक बढ़ा दिया. हालांकि, दो घंटे के भाषण में पीएम मोदी ने ट्रंप के टैरिफ का सीधा ज़िक्र नहीं किया.

पिछले हफ्ते भी मोदी ने कहा था कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए वे निजी कीमत चुकाने को भी तैयार हैं.

दोनों देशों के बीच पांच दौर की बातचीत के बाद भी व्यापार वार्ता टूट गई. 14 अगस्त को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत उम्मीद करता है कि अमेरिका के साथ रिश्ते आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर आगे बढ़ेंगे.

‘किसानों ने हमें आत्मनिर्भर बनाया’

स्वतंत्रता दिवस भाषण में मोदी ने कहा कि आज़ादी के बाद सभी को भोजन उपलब्ध कराना एक चुनौती थी. उन्होंने कहा, “लेकिन हमारे किसानों ने हमें आत्मनिर्भर बना दिया.” आत्मनिर्भर भारत पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि दूसरों पर निर्भर रहना नुकसान का सौदा है, “हमें अपने हितों की रक्षा के लिए आत्मनिर्भर होना होगा.”

मोदी ने सिंधु जल संधि पर भी बात की, जो पहलगाम हमले के बाद ठप पड़ी है. पीएम ने कहा, “यह संधि न तो देश के हित में थी, न किसानों के हित में, अब भारत ने तय किया है कि “खून और पानी साथ नहीं बहेंगे.”

पीएम ने कहा, “लोग अब मानने लगे हैं कि सिंधु जल संधि अन्यायपूर्ण और एकतरफा है. सिंधु नदी प्रणाली का पानी दुश्मन की ज़मीन सींच रहा था, जबकि हमारे किसान परेशान थे.”

अपने भाषण में उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में सरकार ने करीब 100 जिलों की पहचान की है, जहां किसानों को अतिरिक्त सहायता की ज़रूरत है. उन्होंने कहा, “उन्हें मज़बूत करने के लिए हमने प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना शुरू की है.” साथ ही सरकार छोटे किसानों, पशुपालकों और मछुआरों तक कई विकास योजनाओं के फायदे पहुंचा रही है.

पीएम ने कहा, “चाहे पीएम किसान सम्मान निधि हो, वर्षा जल संचयन हो, सिंचाई योजनाएं हों या गुणवत्तापूर्ण बीज — किसानों को अब हर क्षेत्र में भरोसा है.”

मोदी ने बताया कि गेहूं, चावल, फल और सब्ज़ियों के उत्पादन में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा, “मेरे देश के किसान जो भी उपजाते हैं, वह अब दुनिया के बाज़ारों तक पहुंच रहा है. 4 लाख करोड़ रुपये के कृषि उत्पाद निर्यात किए गए हैं.”

पीएम ने कहा, “मेरे देश के किसान भारत की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देते हैं. भारत के किसानों की मेहनत रंग ला रही है. पिछले साल मेरे देश के किसानों ने अनाज उत्पादन में सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए. यही है मेरे देश के किसानों की ताकत.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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