नई दिल्लीः वन नेशन, एक चुनाव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता सर्वदलीय बैठक शुरू हो चुकी है. इस बैठक में जहां कांग्रेस पार्टी सहित कई विपक्षी नेता शामिल नहीं हुए वहीं जनता दल यूनाइटेड के नीतीश कुमार, फारुक अब्दुल्ला, सुखबीर सिंह बादल, बीजू जनता दल के नवीन पटनायक, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती और वाईएसआरसीपी के साथ जगन रेड्डी सहित कई नेता शामिल हो रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17वीं लोकसभा के संसद सत्र की शुरुआत से पहले बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई लेकिन और सभीदलों से सकारात्मक सहयोग की अपील भी की थी लेकिन उसका असर होता नहीं दिखा. बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रमुख मायावती सहित, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, टीआरएस अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव, कांग्रेस, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने इस बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
मायावती ने ट्वीट कर पीएम पर निशाना साधा है और ईवीएम द्वारा कराई जा रहे चुनाव को संविधान और लोकतंत्र के लिए खतरा भी बताया हैय ममता ने ट्वीट में लिखा है, ‘बैलेट पेपर के बजाए ईवीएम के माध्यम से चुनाव की सरकारी जिद से देश के लोकतंत्र व संविधान को असली खतरे का सामना है. ईवीएम के प्रति जनता का विश्वास चिन्ताजनक स्तर तक घट गया है. ऐसे में इस घातक समस्या पर विचार करने हेतु अगर आज की बैठक बुलाई गई होती तो मैं अवश्य ही उसमें शामिल होती.’
बैलेट पेपर के बजाए ईवीएम के माध्यम से चुनाव की सरकारी जिद से देश के लोकतंत्र व संविधान को असली खतरे का सामना है। ईवीएम के प्रति जनता का विश्वास चिन्ताजनक स्तर तक घट गया है। ऐसे में इस घातक समस्या पर विचार करने हेतु अगर आज की बैठक बुलाई गई होती तो मैं अवश्य ही उसमें शामिल होती।
— Mayawati (@Mayawati) June 19, 2019
पीएम मोदी ने आज की बैठक के लिए सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों को आमंत्रित किया है, जिनके पास लोकसभा या राज्यसभा में कम से कम एक सदस्य है, जो ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर विचार करने सहित कई मुद्दों पर चर्चा के लिए अध्यक्षता करेंगे.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, जिन्होंने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए थे. इस मीटिंग में भी शामिल नहीं होंगे. उनकी ओर से बैठक में कार्यकारी राष्ट्रपति केटीआर भाग लेंगे.
मंगलवार को, केसीआर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था, ‘वहां चर्चा करने के लिए क्या है? हम केवल केंद्र के साथ संवैधानिक संबंध बनाए रखेंगे. मैं अभी भी अपने संघीय मोर्चे को वापस ले रहा हूं. केंद्र से बात करने का कोई फायदा नहीं है. हमें राज्य के लिए भी रुपया नहीं मिला. मैंने पहले ही कहा है कि मोदी एक फांसीवादी सरकार चलाते हैं. यह एक तथ्य है.
वहीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मंगलवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी को पत्र लिखकर ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में शामिल होने में असमर्थ बताया है.
उन्होंने पत्र में कहा था, ‘इतने कम समय में’ वन कंट्री एंड वन इलेक्शन’ जैसे संवेदनशील और गंभीर विषय पर प्रतिक्रिया देना उचित नहीं होगा.’
टीएमसी प्रमुख ने यह भी कहा था कि इस मामले को संवैधानिक विशेषज्ञों, चुनाव विशेषज्ञों और पार्टी के सभी सदस्यों के साथ परामर्श की आवश्यकता है. बनर्जी नीति अयोग बैठक से भी दूर रही हैं.
इस बीच आज की बैठक में 2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के जश्न और इस साल महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर भी चर्चा होगी.
इससे पहले सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने दिखाए थे कडे़ तेवर
रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने कड़े तेवर दिखाते हुए महिला आरक्षण, किसान संकट, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की थी. वहीं सरकार को जनता से जुड़े मुद्दे पर पूरा समर्थन देने की बात भी कही.
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट्स के साथ)