जब वह 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए देश भर में यात्रा करेंगे, तो ज़ेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा अमित शाह के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती है.
नई दिल्ली: 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने अगले कुछ महीनों के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह देशव्यापी यात्रा को ध्यान में रखते हुए उनकी सुरक्षा को अपग्रेड कर दिया है.
केन्द्रीय गृह मंत्रालय का यह कदम केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी के परामर्श से शाह की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के बाद आया है, जिसमें पाया गया की उनको अधिक खतरा है.
शाह राज्यसभा सांसद है उनको ज़ेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिलती है, लेकिन अब वे एएसएल (एडवांस सिक्योरिटी लायसन) संरक्षक होंगे. इसका मतलब है कि अब वह एएसएल, विशेष सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत अपने ज़ेड प्लस सुरक्षा हक़ के साथ संरक्षित होंगे.
बीजेपी अध्यक्ष के अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को एएसएल संरक्षण मिला है.
कुछ रिपोर्टों के मुताबिक अमित शाह के लिए ज़ेड प्लस सुरक्षा में, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 15 पुलिसकर्मी और राज्य रिज़र्व पुलिस बल 24 घंटे सुरक्षा प्रदान करती है. शाह को 2014 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा ज़ेड प्लस सुरक्षा प्रदान की गई थी.
एएसएल संरक्षकों के लिए, ख़ुफ़िया ब्यूरो मेज़बान राज्य पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करता है. किसी भी क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति का आकलन करने अथवा आवश्यक सावधानी बरतने और ठहरने या किसी यात्रा से पहले स्थानों में सुरक्षा व्यवस्था करता है.
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पिछले साल, केंद्र ने गुजरात चुनाव से पहले शाह को यही एएसएल सुरक्षा प्रोटोकॉल दिया था.
गृह मंत्रालय ने राज्यों को भेजा पत्र
दो हफ्ते पहले सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे गए एक पत्र में, गृह मंत्रालय ने उन सभी स्थानों पर एएसएल मीटिंग्स करने के लिए कहा जहां अमित शाह यात्रा करेंगे या ठहरेंगे. इसने शाह की सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपायों को संग्रहित करके सूचीबद्ध किया है.
उसने राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि ज़ेड प्लस सुरक्षा का पूरा घटक और सीआरपीएफ सुरक्षा दल उनकी सुरक्षा में तैनात किये जाये और उनके हुजुम में जेड प्लस सुरक्षा घटक के साथ एक पायलट वाहन भी तैनात किया जाये.
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पत्र में कहा गया है कि शाह और उनके अनुरक्षक और पायलट वाहनों के लिए केवल प्रशिक्षित ड्राइवर तैनात किए जाने चाहिए. इसमें कहा गया है कि शाह के साथ तैनात पीएसओ 45 साल से कम उम्र का होना चाहिए और व्यक्तिगत सुरक्षा कर्तव्यों में अच्छी तरह प्रशिक्षित होना चाहिए.
पत्र में सूचीबद्ध अन्य उपायों में वाहनों की बार- बार पड़ताल करना शामिल हैं. जहां अमित शाह यात्रा करेंगे और ठहरेंगे और इस तरह के स्थानों पर सख्ती से जांच करना होगा.
राज्य अधिकारियों से निशानेबाज़ी और हवाई खतरा यदि कोई हो तो उसको टालने के लिए पर्याप्त उपाय करने के लिए कहा है.
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