नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की टिप्पणियों का बिंदुवार जवाब देते हुए शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि बजट में सभी राजस्व लक्ष्य वास्तविक हैं और भारत की अर्थव्यवस्था अगले पांच साल में पांच लाख करोड़ डॉलर की बन जाएगी. उच्च सदन में बजट पर चर्चा के दौरान अपने जवाब में वित्तमंत्री ने कहा कि चिदंबरम ने आयकर और सीमा शुल्क संग्रह पर एक समान अवधि की तुलना नहीं की और शायद इसलिए वे गलत निष्कर्ष पर पहुंचे.
पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था पर चिदंबरम द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर उन पर तंज कसते हुए सीतारमण ने कहा कि योजना बनाए बिना लक्ष्य का निर्धारण नहीं किया गया है.
उन्होंने निवेश को प्रोत्साहन देने, घरेलू बचत में वृद्धि करने और भारत को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने को लेकर उठाए गए कदमों की फेहरिस्त पेश की.
चिदंबरम ने गुरुवार को कहा था कि अर्थव्यवस्था के आकार को दोगुना करना एक सरल गणित है और इसे कोई साहूकार बता सकता है.
सीतारमण ने कहा, ‘अगर यही बात है तो हम सब यहां क्यों बैठे हैं? अर्थव्यवस्था किसी तरह दोगुनी हो ही जाएगी.’
वहीं, मोदी सरकार द्वारा किसी प्रकार के संरचनात्मक सुधार नहीं किए जाने की टिप्पणी पर वित्तमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि तो जीएसटी और ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता (आईबीसी) क्या हैं.
इसके बाद उन्होंने तकरीबन आधा दर्जन नीतिगत कार्यो की फेहरिस्त देते हुए दावा किया कि इन कार्यो से अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक बदलाव आएगा.
वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) के मसलों का समाधान करने और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सेहत सुधारने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में 3,19,497 करोड़ रुपये का बैंक पुनर्पूंजीकरण किया गया और बैंकिंग प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए और भी कदम उठाए गए हैं.
सीतारमण ने कहा कि सरकार राजकोषीय संतुलन को बनाए रखेगी, लेकिन इसका अभिप्राय यह कतई नहीं है कि सामाजिक क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं के लिए आवंटन में कटौती की जाएगी.