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Friday, 15 November, 2024
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शिवपाल यादव बोले- समाजवादी पार्टी के साथ चैप्टर बंद

पूर्व सपा नेता और मुलायम सिंह के भाई ने घर वापसी के सवाल को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पार्टी की किसी भी राजनीतिक दल में विलय की कोई संभावना नहीं है.

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लखनऊः मुलायम सिंह के भाई शिवपाल यादव के दोबारा सपा में शामिल होने के कयास पर विराम लगता दिख रहा है. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख ने शुक्रवार को यहां कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ अब उनका चैप्टर बंद हो गया है.

शिवपाल ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘लोकसभा चुनाव से पहले हमने पहल की थी कि हमको भी गठबंधन में शामिल किया जाए. जब हमको अच्छा जवाब नहीं मिला तो हमने भी सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े कर दिए थे. इसलिए हमने समाजवादी पार्टी का चैप्टर बंद कर दिया है.’

उन्होंने कहा कि अब तो समाजवादी पार्टी में शामिल होने या फिर उनके साथ कोई भी बात करने का सारा अध्याय बंद हो चुका है. शिवपाल ने घर वापसी के सवाल को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के किसी भी राजनीतिक दल में विलय की कोई संभावना नहीं है और ‘हमने तय किया है कि 2022 का विधानसभा चुनाव जोरदार तरीके से लड़ेंगे.’

शिवपाल ने कहा, ‘हम और हमारी पार्टी विधानसभा उपचुनाव के साथ ही 2022 के विधानसभा चुनाव पर ध्यान दे रही है. कई दलों के नेता हमारी पार्टी में शामिल होने के लिए संपर्क में हैं. समय आने पर उनको भी शामिल करेंगे. 2022 में हम उत्तर प्रदेश में सरकार बनाएंगे.’ यादव ने कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव की तैयारी करने के निर्देश भी दिए.

शिवपाल ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव में तीन महीना पुरानी हमारी पार्टी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया. सीटें तो 100 साल पुरानी कांग्रेस और लंबे समय से उत्तर प्रदेश में राज करने वाली अन्य पार्टियों को भी नहीं मिलीं.’

योगी की तारीफ की

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में उन्होंने कहा, ‘प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद ईमानदार और मेहनती हैं. वह हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी मेहनत व ईमानदारी पर अफसरशाही पानी फेर रही है. यहां के अफसर बेलगाम तथा भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. इनकी संख्या इतनी अधिक है कि ये लोग मुख्यमंत्री के साथ उनके मंत्रियों के आदेश को भी किनारे लगा देते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘पुलिस के अधिकारियों की तो अपराधियों से सांठ-गांठ है. इसी कारण अपराध चरम पर है और सरकार को कानून-व्यवस्था के मामले में मात मिल रही है.’

गौरतलब है कि मुलायम सिंह के परिवार में 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले चले काफी उठापठक समाजवादी पार्टी में बिखराव हुआ था. पार्टी में शिवपाल की भूमिका कमजोर होने या कहें एक तरह से पार्टी में अलग-थलग पड़ने के बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली थी. माना जाता है कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के लोकसभा चुनाव में उतरने से काफी नुकसान हुआ. जिसका नतीजा हुआ कि पार्टी चुनाव कम सीटें जीत पाई जबकि गठबंधन में शामिल बसपा ने सपा से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब रही.

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