नई दिल्ली: महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के खिलाफ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. शिवसेना ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है और आज रात ही इसपर सुनवाई करने की मांग की है. शिवसेना के साथ एनसीपी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है.
देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने की महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ‘मनमानी और दुर्भावनापूर्ण फैसले’ के खिलाफ शिवसेना ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है.’
शिवसेना के एक पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी ने सर्वोच्च न्यायालय में राज्यपाल के खिलाफ एक याचिका दायर की है.’
याचिका दायर होने के बाद मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे इस पर सुनवाई करेंगे. यह उनपर होगा कि वो इस मामले की सुनवाई कब करते हैं.
Shiv Sena: Shiv Sena has filed a writ petition in the Supreme Court against Devendra Fadnavis and Ajit Pawar taking oath as CM and Deputy CM of Maharashtra respectively. #Maharashtra pic.twitter.com/AoyIwrp48T
— ANI (@ANI) November 23, 2019
बता दें कि शनिवार शाम को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ललित होटल में विधायकों के साथ मुलाकात की. जिसके बाद ये फैसला लिया गया कि शिवसेना सुप्रीम कोर्ट में पूरी राजनीतिक घटनाक्रम को ले जाएगी और याचिका दायर करेगी.
दूसरी तरफ एनसीपी नेताओं और विधायकों की भी बैठक जारी है. बैठक मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में हो रही है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार इस बैठक में एनसीपी के 56 विधायकों में से 42 शामिल हुए हैं.
Maharashtra: 42 NCP MLAs are present in the meeting with NCP Chief Sharad Pawar, at YB Chavan Centre in Mumbai; Visuals from outside YB Chavan Centre pic.twitter.com/hhRDKmTOY0
— ANI (@ANI) November 23, 2019
शनिवार दिन में उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्रेस कांन्फ्रेंस की. शरद पवार ने कहा था कि उनके भतीजे ने जो भी किया है उसमें उनकी सहमति नहीं थी. वो उनका व्यक्तिगत फैसला था.
पवार ने कहा कि ये जो सरकार बनी है वो ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकेगी और हम फिर से राज्य को एक नई सरकार देंगे जैसा कि शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी के बीच बात चल रही थी.
ठाकरे ने भी कहा था कि जो भी हुआ वो लोकतंत्र के खिलाफ है.
बता दें कि इससे पहले कर्नाटक विधानसभा नतीजे आने के बाद भी ऐसी स्थिति बनी थी. जिसमें सुप्रीम कोर्ट में मामला गया था. मामले में मुख्य न्यायाधीश ने रात में सुनवाई की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)