मुंबई: एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर को समर्पित अपने प्रस्तावित ‘स्वतंत्रवीर सावरकर’ थीम पार्क के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.
पहली बार फरवरी में घोषित इस परियोजना को राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसका संचालन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंगल प्रभात लोढ़ा कर रहे हैं. इसके नासिक के भगूर गांव में बनने की उम्मीद है, जहां 1883 में सावरकर का जन्म हुआ था.
महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम (एमटीडीसी) ने थीम पार्क के लिए एक मास्टर प्लान और एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए निविदाएं मांगी हैं. दिप्रिंट ने टेंडर दस्तावेज़ देखे हैं.
नाम न छापने की शर्त पर राज्य के पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “थीम पार्क भगूर गांव में बनाया जाएगा जहां सावरकर का जन्म हुआ. हम जिस वास्तुकार को चुनेंगे, वे परियोजना के लिए आवश्यक भूमि की पहचान करेंगे और भूमि अधिग्रहण प्रस्ताव तैयार करेंगे.”
उन्होंने कहा, “ये विचार विभिन्न अनुभवात्मक गतिविधियों का है ताकि पर्यटकों को सावरकर के जीवन और संघर्षों की झलक मिल सके.”
निविदा दस्तावेज़ के अनुसार, सलाहकार को प्रारंभिक योजना तैयार करनी होगी, लागत अनुमान तैयार करना होगा, साइट की जांच करनी होगी, वास्तविक कार्य का पर्यवेक्षण करना होगा, भूमि अधिग्रहण में मदद करनी होगी, विभिन्न विभागों से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करना होगा और इसी तरह के अन्य कामकाज संभालने होंगे.”
हालांकि, दिप्रिंट ने कॉल और टेक्स्ट मैसेज के जरिए महाराष्ट्र पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव सौरभ विजय से बातचीत की कोशिश की थी, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया. जवाब आने पर इस खबर को अपडेट किया जाएगा.
भगूर नासिक शहर से लगभग 22 किमी और जिले के देवलाली हिल स्टेशन से 4 किलोमीटर दूर है. हिंदुत्व विचारक का घर, सावरकर वाडा, अभी भी इस गांव में स्थित है और एक पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है.
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सावरकर पर राजनीति
सावरकर पर आधारित थीम पार्क के लिए शिंदे सरकार की योजना ऐसे समय में आई है जब दोनों सत्तारूढ़ दल— भाजपा और शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना— उन्हें अपने आइकन के रूप में पेश कर रहे हैं. पिछले महीने, दोनों दलों ने उनके जीवन, उपलब्धियों और उनकी विचारधारा के प्रति अपनी कथित प्रतिबद्धता को उजागर करने के लिए पूरे महाराष्ट्र में ‘सावरकर गौरव यात्रा’ निकाली थी.
रैलियों को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सावरकर के बारे में कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद निकाला गया, जिससे कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के बीच दरार पैदा हो गई थी.
दोनों दल महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में सहयोगी हैं, जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) भी शामिल है.
रैलियां बीजेपी और शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए स्थिति का राजनीतिक लाभ उठाने का एक तरीका थी, यह दिखाने की कोशिश करके कि वे शिवसेना (यूबीटी) की तुलना में सावरकर को सम्मानित करने के लिए अधिक प्रतिबद्ध हैं – एक ऐसी पार्टी जिसके सहयोगी कथित रूप से सावरकर की परंपरा का अपमान करते रहे हैं.
सावरकर गौरव यात्राओं में से पहली यात्रा भगूर गांव से शुरू हुई थी.
(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)
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