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Wednesday, 24 April, 2024
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‘महल और पैसा खोए जाने के डर से RSS में शामिल हुए सिंधिया’, राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा

कांग्रेस के सोशल मीडिया के साथ एक बैठक में राहुल गांधी ने कहा ‘कांग्रेस को ऐसे लोग नहीं चाहिएं जो डरते हों’.

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नई दिल्ली: एक बार फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ‘वो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) में इसलिए गए’ क्योंकि ‘उन्हें अपना पैसा और महल खोने का डर हो गया था’.

गांधी ने ये टिप्पणी शुक्रवार को कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के साथ एक बातचीत में की.

बैठक में मौजूद रहे कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के एक वरिष्ठ सदस्य ने दिप्रिंट को बताया, ‘वो बात कर रहे थे कि कोई भी व्यक्ति जो आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ है वो कांग्रेसी है. और किस तरह कांग्रेसी होने की हैसियत से आपको किसी से डरना नहीं है. अगर आप किसी चीज़ से डरते हैं तो फिर आप कांग्रेसी नहीं हैं’.

इसी मौक़े पर राहुल गांधी ने सिंधिया का नाम लिया, और बताया कि किस तरह ‘वो डर गए थे’.

सूत्र ने राहुल गांधी का ये कहते हुए हवाला दिया: ‘सिंधिया जी अपना महल और पैसा गंवाने की आशंका से डर गए होंगे. उन्हें संकट महसूस हुआ होगा…इसलिए वो आरएसएस में चले गए. कांग्रेस को ऐसे लोग नहीं चाहिए जो डरते हों’.

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बैठक में पार्टी के सोशल मीडिया विभाग के 300 से अधिक सदस्य और वॉलंटियर्स उपस्थित थे.


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‘डरो मत’

बैठक में राहुल गांधी ने नेतृत्व की मिसाल पेश करने की कोशिश की, और अपना हाथ उठाकर कांग्रेस का चुनाव चिन्ह दिखाया और पार्टी कार्यकर्ताओं को याद दिलाया कि इसका मतलब है कि ‘डरो मत’. उन्होंने कहा, ‘आपको डराने धमकाने की बहुत कोशिशें की जाएंगी, लेकिन इस निशान को याद रखिए और याद रखिए कि आपको कोई डरा नहीं सकता’.

ये पहली बार नहीं है कि राहुल गांधी ने सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले जाने के बाद, उन पर निशाना साधा है. कांग्रेस की युवा विंग की एक बैठक में गांधी ने कथित रूप से कहा था कि सिंधिया ‘अगर कांग्रेस में बने रहते तो मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन बीजेपी में जाकर वो पीछे बैठने वालों में शामिल हो गए हैं’.

इसके जवाब में सिंधिया ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि ‘मेरे कांग्रेस में रहते हुए चीज़ें अलग होतीं, अगर राहुल गांधी को इसी तरह की चिंता हुई होती जैसी अब है’.

सिंधिया ने, जो 19 साल से अधिक समय से कांग्रेस में थे, मार्च 2020 में अपने 20 समर्थक विधायकों के साथ पार्टी छोड़ दी, जिससे पार्टी की कमलनाथ सरकार गिर गई और मध्य प्रदेश में बीजेपी की वापसी हो गई.

हालिया फेरबदल के दौरान उन्हें भारत के नए नागरिक उड्डयन मंत्री के तौर पर मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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