नई दिल्ली : केंद्र सरकार के सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 के हटाये जाने पर चौतरफा प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं. सत्तापक्ष के लोग जहां इसे साहसिक और ऐतिहासिक फैसला बता रहे हैं वहीं विपक्ष को लोग इसे लोकतंत्र पर हमला और देश के लिए काला दिन कह रहा है. सोशल मीडिया पर यह जहां तीखा मुद्दा बना हुआ है वहीं तमाम जगहों से इस पर प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं.
आर्टिकल 370 का इन्होंने किया समर्थन
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, ‘मैं खुश हूं की सरकार ने आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला किया है. मेरा मानना है कि ये एक साहसिक कदम है जो राष्ट्रीय एकता के लिए बड़ा कदम होगा. जन संघ के दिनों से ही धारा 370 को हटाना भाजपा के मूल विचारधारा का अंग था.’
‘मैं प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को इस ऐतिहासिक कदम के लिए बधाई देता हूं. मैं जम्मू कश्मीर और लद्दाख में शांति, संमृद्धि और प्रगति की कामना कर रहा हूं.’
-लालकृष्ण आडवानी, भाजपा
सरकार के साहसपूर्ण कदम का हम हार्दिक अभिनंदन करते हैं. यह जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश के हित के लिए अत्यधिक आवश्यक था.
सभी को अपने स्वार्थों एवं राजनीतिक भेदों से ऊपर उठकर इस पहल का स्वागत और समर्थन करना चाहिये.
-मोहन भागवत, सरसंघचालक, सुरेश (भय्याजी) जोशी, सरकार्यवाह
जम्मू कश्मीर के सम्बंध में भारत सरकार द्वारा उठाए गए साहसिक कदमों का हम समर्थन करते हैं. हमें विश्वास है कि इससे जम्मूकश्मीर सहित सम्पूर्ण देश के विकास का मार्ग प्रसस्त होगा. भारत की जनता सरकार के इस कदम का दृढ़ता से समर्थन करेगी.
-आलोक कुमार, कार्याध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद
बहुत साहसिक और ऐतिहासिक निर्णय. श्रेष्ठ भारत-एक भारत का अभिनन्दन.
-सुषमा स्वराज
क्या शानदार दिन है. जम्मू-कश्मीर के भारतीय संघ में एकीकरण के लिए डॉ श्याम प्रसाद मुखर्जी के साथ शुरू हुई हजारों लोगों की शहादत को सम्मानित किया जा रहा है.
-राम माधव
इन नेताओं ने कहा- इसके होंगे भयावह परिणाम
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने धारा 370 हटाए जाने पर लगातार एक के बाद एक कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा कि उपमहाद्वीप के लिए इसके भयावह परिणाम होंगे. भारत सरकार के इरादे स्पष्ट हैं. वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को आतंकित करके राज्य पर कब्जा करना चाहते हैं. भारत ने अपने वादों को निभाने कश्मीर में फेल हो चुका है.
-महबूबा मुफ्ती, पीडीपी
भारत के लोगों को इस बात के लिए चेताया जा रहा है कि इस तरह के सत्तावादी हमले उनके लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों पर किए जाएंगे. यह जम्मू और कश्मीर के लोगों के साथ खड़े होने और संविधान और संघवाद पर इस हमले का विरोध करने के लिए लोगों को एकजुट करने का समय है.
-सीताराम येचुरी, माकपा
हम इस बिल का समर्थन करते है. इस बिल के आने के बाद देश के अन्य लोग भी वहां जाकर प्रापर्टी खरीद सकते है.
-सतीश मिश्रा, बीएसपी के सांसद
हम जम्मू-कश्मीर पर सरकार के फैसले का समर्थन करते हैं. हमें उम्मीद है कि इससे राज्य में शांति और विकास होगा.
-अरविंद केजरीवाल, सीएम दिल्ली
वाजपेयीजी ने कश्मीर नीति के तीन सूत्र दिए थे: इंसानियत,जम्हूरियत,कश्मीरियत। इन तीनों को नजरअंदाज करने वाला आज का फैसला अंततः अलगाववादियों और पाक समर्थित आतंकवादियों के हाथ मजबूत करेगा। इतिहास गवाह है की गले लगाने की बजाय गला दबाने की नीति का खामियाजा आने वाली पीढ़ियां देती हैं.
-स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष योगेंद्र यादव
शिवसेना ने अनुच्छेद 370 हटाने के प्रस्ताव का स्वागत किया
केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी दल शिवसेना ने सोमवार को अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया. शिवसेना ने इसे देश के लिए ऐतिहासिक दिन बताया. युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने एक बयान में कहा, ‘भारत के लिए ऐतिहासिक दिन. अनुच्छेद 370 खत्म, तथा जम्मू एवं कश्मीर अब वास्तव में भारत का हिस्सा.’
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा नहीं नागरिकों द्वारा तय किए जाने वाले एक सुरक्षित, विकासोन्मुख और स्वच्छंद जम्मू एवं कश्मीर का रास्ता तैयार.’
एक अधिकारी ने कहा कि शिवसेना ने सोमवार को ही दादर स्थित पार्टी मुख्यालय के बाहर जश्न मनाने की योजना बनाई है. महाराष्ट्र तथा केंद्र में सत्ता में सहयोगी पार्टी लंबे समय से अनुच्छेद 370 हटाने की समर्थक रही है.
वहीं इस फैसले का राजनीतिक पार्टियों से इतर लोग भी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर यह जमकर मुद्दा बना हुआ है.