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Monday, 6 May, 2024
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राजस्थान में नहीं थम रहा ‘लाल डायरी’ विवाद, BJP बोली- गहलोत सरकार की स्थिति ‘बोफोर्स मोमेंट’ जैसी

बीजेपी ने 'लाल डायरी' की तुलना राजीव गांधी की सरकार में विश्वनाथ प्रताप सिंह द्वारा उठाए गए बोफोर्स मुद्दे से की. साथ ही बीजेपी ने मुश्किल परिस्थिति में गुढ़ा के समर्थन की भी बात कही है.

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नई दिल्ली: राजस्थान के बर्खास्त मंत्री राम चंद्र गुढ़ा द्वारा ‘लाल डायरी’ का तीन पन्ना सार्वजनिक करने और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन चुनाव में कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के एक दिन बाद, भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को इसे राज्य सरकार के लिए “बोफोर्स मोमेंट” करार दिया.

महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढ़ती घटनाओं को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साधने के बाद मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने बुधवार को एक ‘लाल डायरी’ के तीन पन्ने मीडिया के सामने जारी किए. उन्होंने इसके जरिए अपनी ही सरकार पर राजस्थान क्रिकेट के चुनावों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का नेतृत्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत कर रहे हैं.

गुढ़ा के द्वार लगाए गए आरोप पर बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “लाल डायरी न केवल राजस्थान के मुख्यमंत्री बल्कि उनके बेटे की करतूतों का भी खुलासा कर रही है. यह राजस्थान सरकार के लिए “बोफोर्स मोमेंट” है क्योंकि आरोप खुद उनकी सरकार के मंत्री ने लगाया है.” 

उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के कुकर्मों में एक काला अध्याय जुड़ गया है और वह अध्याय लाल डायरी से जुड़ा है.

यह कहते हुए कि जब भी बीजेपी कांग्रेस और अन्य विपक्ष के खिलाफ आरोप लगाती है तो वे “निराधार” नहीं होते हैं. त्रिवेदी ने कहा, “2जी (घोटाले) में नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी) की एक रिपोर्ट और अदालत की एक टिप्पणी थी. बोफोर्स के दौरान राजीव गांधी के मंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने ही उनके ऊपर आरोप लगाए थे. आज राजेंद्र गुढ़ा ने अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली अपनी ही सरकार पर आरोप लगाया है. इसलिए मैं कह सकता हूं कि यह राजस्थान सरकार के लिए बोफोर्स वाली स्थिति है.”

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बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, गुढ़ा ने ‘लाल डायरी’ उठाई और इसके कुछ पन्ने भी पढ़े और कहा कि वह आने वाले दिनों में और अधिक रहस्यों का खुलासा करना जारी रखेंगे.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उनके ओएसडी सौभाग सिंह और पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के बीच एक कथित बातचीत का हवाला देते हुए, गुढ़ा ने कहा कि डायरी में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के खातों को निपटाने को लेकर हुई बातचीत के बारे में लिखी हुई है. 

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें गिरफ्तार होने का डर है, पूर्व मंत्री ने कहा, “अगर मैं जेल भी गया, तो डायरी से नए खुलासे होंगे क्योंकि यह मेरे करीबी सहयोगियों के पास रहेगी. इस डायरी में सीएम गहलोत के सभी भ्रष्टाचार का काला चिट्ठा है.”

उन्होंने कहा, “इसमें अशोक गहलोत सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के सभी सबूत हैं. वे झूठे मामले दर्ज करने और मुझे ब्लैकमेल करने की योजना बना रहे हैं. वे मुझसे माफी मांगने के लिए कह रहे हैं.”

बीजेपी नेता ज्ञान देव आहूजा ने गुढ़ा का समर्थन करते हुए कहा, “राजेंद्र गुढ़ा ने आज ‘लाल डायरी’ में 5,000 करोड़ रुपये के लेनदेन का खुलासा किया. मैं इसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं और अगर उन्हें मेरे समर्थन की जरूरत होगी, तो मैं वहां मौजूद रहूंगा.”

इससे पहले, गुढ़ा ने कहा था कि सीएम गहलोत ‘लाल डायरी’ को लेकर काफी तनाव में थे. 

उन्होंने कहा, “जिस तरह से उन्होंने (कांग्रेस सदस्यों ने) विधानसभा में मेरे साथ व्यवहार किया, उससे उनकी घबराहट का पता चलता है. मैंने अपने पूरे जीवन में कभी किसी को इतना तनावग्रस्त नहीं देखा. डायरी में जो कुछ भी लिखा गया है वह जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा.”

जोधपुर में चार महिलाओं के मृत पाए जाने की घटना को उजागर करने के बाद सीएम गहलोत ने गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सरकार को मणिपुर की स्थिति पर केंद्र की आलोचना करने से पहले अपने भीतर झांकना चाहिए.

बाद में, ‘लाल डायरी’ को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के बाद गुढ़ा को राजस्थान विधानसभा से बाहर निकाल दिया गया था.


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