पी चिदंबरम ने कहा, मोदी का विकास, रोजगार की जगह अब मंदिर और प्रतिमा निर्माण का वादा कर रहे. माकपा ने कहा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के भयानक परिणाम होंगे.
नई दिल्ली: केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के नेताओं के हर दिन अयोध्या में राम मंदिर संबंधी बयानों को लेकर विपक्षी दलों ने हमला बोला है. कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का कहना है कि भाजपा अपनी असफलता छुपाने के लिए मंदिर का इस्तेमाल करके सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है. सोमवार को कांग्रेस और माकपा ने भाजपा अपनी विफलता छुपाने के लिए ध्रुवीकरण की कोशिश का आरोप लगाया.
पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले प्रतिमा और मंदिर निर्माण का वादा करने के लिए सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तंज कसे. उन्होंने कहा कि भाजपा विकास और नौकरियों के अपने पूर्व के चुनावी वादे पूरा करने में विफल रही है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने ट्वीट किया, ‘पांच साल के कार्यकाल के शुरुआत में विकास, नौकरियों व हर नागरिक के बैंक खाते में पैसे का वादा किया गया था.’
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उन्होंने कहा, ‘पांच साल के अंत में कुछ भी हासिल नहीं हुआ, नया वादा भव्य मंदिरों, बड़ी प्रतिमाओं और तोहफों का है.’
चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने पहले उन वादों की याद दिलाई, जिसमें उन्होंने विकास, हर साल दो करोड़ नौकरियां देने और विदेशों से काला धन वापस लाने और हर गरीब के खाते में 15 लाख रुपये जमा करने की बात कही थी.
चिदंबरम का सत्तारूढ़ भाजपा पर हालिया कटाक्ष ऐसे समय में आया है, जब भगवा पार्टी अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की पुरजोर वकालत कर रही है.
‘ध्रुवीकरण से देश की अखंडता को खतरा’
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)-भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को गहरा करने और मोदी सरकार की ‘चहुमुंखी विफलता’ को छिपाने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर का मुद्दा उठा रही है.
माकपा ने भाजपा-आरएसएस के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों द्वारा दिए गए ‘डरावने बयान’ पर चिंता व्यक्त की, जिसमें ‘1992 जैसी स्थिति’ पैदा करने को लेकर धमकाया जा रहा है. पार्टी ने अपने बयान में इसे देश की एकता के लिए ‘गंभीर खतरा’ बताया है.
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पार्टी के अनुसार, ‘भाजपा ने आधिकारिक रूप से कहा था कि वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करेगी. अयोध्या विवाद पर लोगों की आकांक्षाओं को उभार कर और मंदिर निर्माण की मांग को उठा कर भाजपा व आरएसएस का लक्ष्य देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को और गहराने का है, जिसके भयानक परिणाम होंगे.’
बयान के अनुसार, ‘सभी क्षेत्रों में विफलताओं से लोगों का ध्यान भटकाने के अलावा मोदी सरकार चुनाव लड़ने के लिए हिंदू सांप्रदायिक वोट बैंक को मजबूत करने का प्रयास कर रही है, जो देश की एकता और अखंडता के लिए बड़ा खतरा है.’
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)