नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिन 58 रैलियों को हिंदी भाषी राज्यों में संबोधित किया था. वहां पर उनकी पार्टी 56 प्रतिशत सीटों को जीतने में कामयाब रही. विधानसभा उनका स्ट्राइक रेट काफी अच्छा रहा.
अगर कुल रैलियों की तुलना करें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले में कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी का स्ट्राइक रेट काफी बेहतर है.
जिन 58 सीटों पर राहुल गांधी ने प्रचार किया था उन पर कांग्रेस को 33 सीटें प्राप्त हुई. मोदी का तीनों राज्यों में स्ट्राइक 48 प्रतिशत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों राज्यों में कुल 27 सीटों पर प्रचार किया था जिनमें से मात्र 13 सीटों पर जीत मिल पायी.
छत्तीसगढ़ में सबसे बढ़िया नतीज़े
कांग्रेस के लिए सबसे अच्छे नतीज़े छत्तीसगढ़ में देखने को मिले. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 18 सीटों पर प्रचार किया था. जिसमें से 14 सीटों पर सफलता मिली.
राजस्थान में राहुल गांधी ने 17 रैलियों को संबोधित किया था जहां पर 8 सीटें प्राप्त हुईं. राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में 23 रैलियों को संबोधित किया था जहां पर पार्टी को 11 सीटें प्राप्त हुई.
राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस मुख्यमंत्री की घोषणा नहीं की थी. इसके अलावा पार्टी ने छत्तीसगढ़ में मैनिफेस्टो जारी किया था.
राहुल का अर्थव्यवस्था, मोदी, मुख्यमंत्रियों पर निशाना
छत्तीसगढ़ में राहुल गांधी ने ज्यादातर रैलियों में किसानों की दुर्दशा, प्रदेश में फैले भ्रष्टाचार, रफाल घोटाला और 15 वर्ष की सत्ता विरोधी लहर को भुनाया.
भाजपा शासित प्रदेशों में मुख्यमंत्रियों पर निशाना साधने की बजाय राहुल गांधी ने मोदी को टारगेट किया.
राजस्थान की एक रैली वसुंधरा के गढ़ धौलपुर में मोदी पर निशाना साधा और कहा किसानों की दुर्दशा के बारे में सरकार के पास कोई नीति नहीं है.
उन्होंने धौलपुर में सवाल के माध्यम से कहा था कि साढ़े चार साल में मोदी और वसुंधरा ने गरीबों और किसानों के लिए क्या किया?
कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि उनके अध्यक्ष ने यह भी सुनिश्चित किया कि उनका राज्य की बेहतरी के लिए क्या दृष्टिकोण है.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सचिव चंदन यादव ने कहा, उनकी रैली हिट थी क्योंकि वह लोगों से आसानी से जुड़े और अपना संदेश लोगों तक पहुंचाने में सफल रहे. उन्होंने न केवल बीजेपी के भ्रष्टाचार के बारे में लोगों को बताने के लिए रैलियों का इस्तेमाल किया, लेकिन वह लोगों को राज्य के लिए अपनी दिशा बताकर सकारात्मक अभियान चलाने में सक्षम हुए.
यादव ने यह भी कहा, ‘विपक्ष ने कहा था कि हम बिना चेहरे के चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन हम इस चुनाव को राहुल गांधी के मार्गदर्शन में लड़े और उन्होंने कैडर को भी प्रेरित किया गया. उन्होंने मतदाताओं के साथ भी बातचीत की.’
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