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Wednesday, 24 April, 2024
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‘झमाझम बारिश में भाषण और आधे मांसाहारी समोसे’- दिखने लगे हैं नए, मजेदार, सर्वसुलभ राहुल गांधी

 एक बूढ़ी औरत को खुद पानी देने से लेकर एक छोटी बच्ची के जूते बांधने तक, कांग्रेस पार्टी अपने नेता राहुल गांधी की राष्ट्रव्यापी यात्रा के दौरान कैमरे में कैद किये गए 'दृश्यों' को पहुंच से परे नेता वाली उनकी छवि का मुकाबला करने के लिए जमकर प्रसारित कर रही है.

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नई दिल्ली: इस साल गांधी जयंती पर खींची गई राहुल गांधी की सबसे शक्तिशाली तस्वीरों में से एक कुछ हद तक काव्यात्मक दिखती है, खासकर यह देखते हुए कि इस साल मई में जब कांग्रेस के ‘नव संकल्प शिविर’ में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की कल्पना की गई थी, तो इसके पीछे का विचार था उन चीजों की ओर वापस जाना जिन्हें (ऐसे हालात में) ‘महात्मा गांधी’ करते.

कर्नाटक के मैसूर में हो रही झमाझम बारिश के बीच भाषण देते हुए राहुल की उस तस्वीर के साथ, कांग्रेस की संचार मशीनरी के पास अब एक सरल सा संदेश है – राहुल जनता को संबोधित करने के लिए भारी बारिश का भी सामना कर सकते हैं, और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह नहीं, जिनके बारे में कांग्रेस का तर्क है कि उन्हें ‘टेलीप्रॉम्प्टर और छाते ‘ की आवश्यकता होती है.

2 अक्टूबर को दिए गए अपने भाषण के दौरान बुरी तरह से भीगते हुए राहुल ने कहा था, ‘हमें कोई नहीं रोक सकता.’ हालांकि. ‘बारिश वाली की तस्वीर’ अब तक की सबसे बड़ी शानदार तस्वीर रही है, कांग्रेस के राष्ट्रव्यापी मार्च की शुरुआत के बाद से कई अन्य ‘फील गुड’ (अच्छा महसूस करवाने वाले) वीडियो सामने आए हैं.

इसी तरह के एक वीडियो में राहुल को एक थकी हुई बूढ़ी महिला के साथ चलते हुए और उन्हें पानी पिलाते हुए दिखाया गया है. एक दूसरे वीडियो ने उन्हें एक छोटी बच्ची को जूते पहनने में मदद करते हुए दिखाया, और फिर एक अन्य वीडियो में उन्हें कर्नाटक की एक ऐसी लड़की से बात करते हुए दिखाया गया जिसने कोविड -19 की महामारी में अपने माता-पिता को खो दिया था.

मैसूर के उनके ‘बहुप्रचारित’ भाषण के अगले ही दिन, कांग्रेस ने अपने युवा नेता की एक तस्वीर प्रसारित की, जिसमें वे अपने दांतों से गन्ना छीलने की कोशिस कर रहे थे.

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यात्रा के केरल चरण के दौरान, मैसूर वाले भाषण से कुछ दिन पहले, एक और वीडियो सामने आया था, जिसमें राहुल पार्टी नेताओं के साथ मजाक कर रहे थे और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्नीथला की टांग खींच रहे थे. राहुल केरल कांग्रेस के नेताओं को यह बता रहे थे कि कैसे यात्रा में आये एक पड़ाव के दौरान उन्हें और चेन्नीथला को यकीन नहीं हो रहा था कि उन्हें परोसा गया समोसा शाकाहारी है या नहीं. राहुल कहते हैं, ‘फिर मैंने इसे परोसने वाले से पूछा तो उसने मुझे बताया कि यह ‘आधा शाकाहारी, आधा मांसाहारी’ था’, और केरल कांग्रेस के नेता हंस पड़ते हैं.

एक अन्य वीडियो में राहुल पार्टी नेताओं को यह बता रहे हैं कि कैसे, हर बार जब वह थका हुआ महसूस करते हैं या उनके घुटनों में दर्द होता है, तो वह अपने किसी साथी ‘पदयात्री’ से प्रेरणा ग्रहण करते हैं. वह अपनी बात समझाने के लिए एक युवा लड़की से प्राप्त एक पत्र भी निकाल कर दिखाते है.


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‘राहुल पर फोकस?’

कांग्रेस की संचार शाखा के सदस्यों का कहना है कि इन ‘दृश्यों’ (विजुअल्स) का उद्देश्य राहुल के विरोधियों द्वारा अक्सर पेश की जाने वाली दो प्रमुख आलोचनाओं का मुकाबला करना है – पहला यह कि वह एक विशेषाधिकार प्राप्त वंशवादी व्यक्ति हैं. और दूसरा यह कि वे लोगों की पहुंच से परे वाले नेता हैं. पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ने वाले कई कांग्रेस नेताओं ने भी वायनाड के सांसद के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाए हैं.

कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी सचिव वैभव वालिया ने दिप्रिंट को बताया, ‘भाजपा पिछले कई सालों से पैसे देकर फैलाये गए कुप्रचार (पेड प्रोपेगेंडा) के जरिए राहुल गांधी की ऐसी छवि बनाने की कोशिश कर रही है, जो उस तरह के इंसान से बहुत अलग है जो वे (असल में) हैं.’

वालिया, जो इस यात्रा के पूरे सफर में राहुल के साथ चलने वाले लोगों में से हैं, कहते हैं, ‘हमें बहुत खुशी है कि इस यात्रा के माध्यम से लोग असली राहुल गांधी को जान रहे हैं. वह अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं.’

7 सितंबर को इस यात्रा के शुरू होने के बाद से ही राहुल ने लगातार कहा है कि वह इसका ‘नेतृत्व’ नहीं कर रहे हैं और बल्कि केवल इसका एक हिस्सा हैं.

इस दौरान उन्होंने जिन दो प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया, उनमें से एक में उन्होंने मीडिया को तब फटकार भी लगाई, जब उनसे पूछा गया कि क्या वे इस राष्ट्रव्यापी मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं और क्या वह कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में हैं: ‘आप मुझ पर ध्यान केंद्रित करना चुनते हैं जबकि इस यात्रा का विचार सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं को शामिल करना है.’

वालिया का कहना है कि सभी यात्री राहुल गांधी के साथ खाते हैं, रहते हैं और सोते हैं और उन सैकड़ों लोगों के लिए जो इस यात्रा के पूरे सफर में साथ चलने को दृढ़संकल्पित हैं, उन तक और अन्य वरिष्ठ नेताओं तक पहुंच बना पाना एक प्रेरणा के रूप में कार्य करती है.

वालिया बताते हैं, ‘हर दूसरे दिन, सभी यात्री एक साथ बैठते हैं और उनसे बातें करते हैं. वह कई-कई घंटे अलग-अलग समूहों से बातें करते हुए बिता रहे हैं. हर दिन, 4-5 भारत यात्री 20 मिनट से लेकर आधे घंटे तक उनके साथ चलते हैं.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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