नई दिल्ली: संसद की सदस्यता जाने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं कि देश में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है. इसके उदाहरण हम आए दिन देख रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने संसद में पीएम मोदी और अडानी के रिश्तों को लेकर सवाल पूछा जिसके कारण मुझे हटाने की साजिश रची गई.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘संसद में दिया गया मेरा भाषण हटा दिया गया और जिसके बाद मैंने लोकसभा अध्यक्ष को एक विस्तृत उत्तर लिखा. कुछ मंत्रियों ने मेरे बारे में झूठ बोला कि मैंने विदेशी ताकतों से मदद मांगी. लेकिन मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है. मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा, मैं आगे भी पीएम मोदी और अडानी के रिश्तों पर सवाल उठाता रहूंगा.’
राहुल ने कहा, ‘मैंने अडानी पर केवल एक सवाल पूछा था और मैं सवाल पूछना जारी रखूंगा. साथ ही भारत में लोकतंत्र के लिए लड़ता रहूंगा.’
राहुल ने कहा कि अडाणी पर उनके भाषण से प्रधानमंत्री डरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि ‘मैंने उनके आंखों में डर देखा है’.
राहुल ने कहा कि बीजेपी वाले माफी मांगने को कहते हैं, लेकिन मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी माफी नहीं मांगते.
अडाणी को बचाने के लिए ड्रामा
राहुल ने कहा कि यह पूरा ड्रामा है जो प्रधानमंत्री को एक साधारण सवाल से बचाने के लिए किया गया है- अडानी की शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये किसके गए? उन्होंने कहा, ‘मैं इन धमकियों, अयोग्यताओं या जेल की सजा से डरने वाला नहीं हूं.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मुझे सच्चाई के अलावा किसी चीज में दिलचस्पी नहीं है. मैं केवल सच बोलता हूं, यह मेरा काम है और अयोग्य होने या गिरफ्तार होने पर भी मैं इसे करता रहूंगा. इस देश ने मुझे सब कुछ दिया है और इसलिए मैं ऐसा करता हूं.’
बता दें कि कल राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त कर दी गई थी. सूरत की एक कोर्ट द्वारा मानहानि केस में 2 साल की सजा सुनाए जाने के बाद राहुल की सदस्यता समाप्त कर दी गई. राहुल ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार में कर्नाटक में एक भाषण के दौरान कहा था कि ‘सारे मोदी चोर हैं’. इसके बाद गुजरात के एक बीजेपी विधायक ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था.
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