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Monday, 18 November, 2024
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सॉफ्ट नहीं, असली हिंदुत्व राजनीति खेल रहे हैं राहुल गांधी: असदुद्दीन ओवैसी

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भाजपा पर एनआरसी के माध्यम से अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाते हुए हैदराबादी सांसद ने कहा कोई भी ‘मुस्लिम’ शब्द का इस्तेमाल तक नहीं करना चाहता।

नई दिल्लीः ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गाँधी के मंदिर दौरों पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि कांग्रेस ‘असल हिन्दुत्व’ का अभ्यास कर रही है न कि सॉफ्ट हिन्दुत्व का।

दिप्रिंट को दिए गए एक साक्षात्कार में ओवैसी ने कहा कि “अगर मुख्य विपक्षी दल के अध्यक्ष को उनके अपने ही पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा जनेऊधारी कहा जाता है तो यह खुद में उन लोगों के लिए एक बहुत ही स्पष्ट और खुला हुआ संदेश है जो वर्ण व्यवस्था का हिस्सा नहीं है। वे खुद में और भाजपा में कोई अंतर दिखा पाने के लायक नहीं हैं। भाजपा का मुख्य एजेंडा हिन्दुत्व है। आप भाजपा को हराने के लिए भाजपा तो नहीं बन सकते।”


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ओवैसी ने कांग्रेस अध्यक्ष के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा था कि यह “एक मुस्लिम पार्टी नहीं है” पर तंज कसते हुए कहा कि गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गाँधी ने 28 मंदिरों का दौरा तो किया था लेकिन वे एक भी मस्जिद, मदरसे या दरगाह तक नहीं गए थे।

उन्होंने कहा, “‘मुस्लिम’ शब्द से लोग नफरत कर रहे हैं! प्रधानमंत्री कहते हैं कांग्रेस एक मुसलमान पार्टी है। क्या मुस्लिम एक आपराधिक शब्द बन गया है? कोई भी इस शब्द का इस्तेमाल तक नहीं करना चाहता? जैसे कि इस शब्द के इस्तेमाल से ध्रुवीकरण हो जाएगा! क्या वे इस हकीकत को स्वीकार कर रहे हैं कि अगर वे मुस्लिम सशक्तिकरण की बात करते हैं तो ध्रुवीकरण हो जाएगा? अगर यही हमारी राजनीति की सच्चाई है तो फिर ये अच्छे दिन नहीं है।”

ओवैसी ने अपनी इफ्तार पार्टी में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आमंत्रित करने के लिए राहुल की आलोचना की। ओवैसी ने कहा कि मुखर्जी ने आरएसएस मुख्यालय पर अपने भाषण में मुस्लिमों को आक्रमणकारी कहा था और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरआरएस) के संस्थापक के.बी. हेडगेवार की तारीफ की थी।

“वह (प्रणब मुखर्जी) ठीक उनके बगल में (इफ्तार पार्टी में) बैठे थे। उसके बाद, जब मुस्लिम प्रतिनिधि मंडल ने उनसे मुलाकात की तो उन्होंने कहना यह था कि कांग्रेस मुस्लिम पार्टी नहीं है। कांग्रेस किस तरह का संदेश भेज रही है?”


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तेलंगाना, महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ कोई समझौता नहीं

ओवैसी द्वारा की गई कांग्रेस की गंभीर आलोचना ऐसे समय उभरकर आयी है जब उनकी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति के साथ गठबंधन में तेलंगाना की पुरानी भव्य पार्टी से प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हो रही है। उन्होंने यह भी घोषित किया कि अख्तरुल इमाम बिहार के किशनगंज में एआईएमआईएम उम्मीदवार होंगे, इस समय इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है।

2004 से लेकर 2012 तक के आठ वर्षों के दौरान एआईएमआईएम संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) का हिस्सा रह चुकी है। हैदराबाद में चारमीनार के पास स्थित एक मंदिर के नवीनीकरण पर सियासी उपद्रव के दौरान इसके विधायकों की गिरफ्तारी के बाद इसे अलग कर दिया गया।


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एआईएमआईएम प्रमुख ने यह सुनिश्चित करते हुए कि वह अभी भी सोनिया गांधी को “सम्मानीय नजर से” देखते हैं लेकिन उनकी राजनीतिक यात्रा अब “भिन्न” है, तेलंगाना और महाराष्ट्र-जिन राज्यों में इसका विस्तार हुआ है- में कांग्रेस के साथ किसी भी समझौते की संभावना से इंकार कर दिया।

उन्होंने भाजपा पर असम में नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) के माध्यम से अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

“वे (भाजपा के लोग) ब्रिटेन में अवैध नागरिकों के रूप में रहने वाले एक लाख भारतीयों को क्यों स्वीकार नहीं करते? उन्हें वापस लाइए। आगामी संसदीय चुनावों में, जब लोग 15 लाख रुपये मांगेंगे (काले धन की राशि जिसे मोदी ने हर आदमी के बैंक खाते में जमा कराने का वादा किया था), तो वे (भाजपा के लोग) कहेंगे कि यह राशि तो 40 लाख रुपये थी। इनके दिमाग़ में यही सब ख़ुराफ़ात है।”

Read in English : ‘Rahul Gandhi practicing actual Hindutva, and not soft Hindutva’

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