चंडीगढ़: भगवंत मान सरकार द्वारा गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल में रखने के लिए मुकदमे की लागत पर खर्च किए गए लाखों रुपये पूर्व कांग्रेस मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से वसूलने के फैसले ने बड़े पैमाने पर राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है.
अंसारी मोहाली में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक रूपनगर केंद्रीय जेल में बंद था.
रविवार को एक ट्वीट में, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घोषणा की कि उनकी आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पांच बार के विधायक अंसारी को पंजाब में रखने के लिए मुकदमेबाजी की लागत दोनों नेताओं से वसूल करेगी, जो कथित तौर पर गाज़ीपुर-मऊ-वाराणसी क्षेत्र में एक अपराध सिंडिकेट चलाता था. दोनों नेताओं को जेल
यह ट्वीट मान के यह कहने के दो महीने बाद आया कि उन्होंने क्लीयरेंस के लिए उनके पास भेजी गई 55 लाख रुपये का भुगतान करने की फाइल वापस कर दी है.
संदर्भ के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार ने सितंबर 2021 में अंसारी को राज्य में स्थानांतरित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. पंजाब ने तबादले का विरोध किया था.
सीएम ने पंजाबी में कहा, “अपने दोस्त यूपी के गैंगस्टर (मुख्तार) अंसारी को पंजाब की जेल में रखने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने पर खर्च की गई फीस का भुगतान पंजाब सरकार के खजाने से नहीं किया जाएगा. यह रकम अमरिंदर सिंह और उनके जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा से वसूली जाएगी. अगर वो इस राशि का भुगतान नहीं करते हैं तो उनकी पेंशन और अन्य सरकारी सुविधाएं वापस ले ली जाएंगी.”
UP ਦੇ ਗੈਂਗਸਟਰ ਅੰਸਾਰੀ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਦੋਸਤੀ ਨਿਭਾਉਣ ਲਈ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਜੇਲ੍ਹ ਚ ਰੱਖਣ ਅਤੇ ਉਸਦਾ ਕੇਸ ਸੁਪਰੀਮ ਕੋਰਟ ਚ ਲੜਣ ਦੀ ਫੀਸ 55 ਲੱਖ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਖ਼ਜ਼ਾਨੇ ਚੋਂ ਨਹੀ ਦਿੱਤੇ ਜਾਣਗੇ .. ਉਸ ਵੇਲੇ ਦੇ ਗ੍ਰਹਿ ਮੰਤਰੀ ਕੈਪਟਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਜੇਲ੍ਹ ਮੰਤਰੀ ਸੁਖਜਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਰੰਧਾਵਾ ਤੋਂ ਇਹ ਪੈਸਾ ਵਸੂਲਿਆ ਜਾਵੇਗਾ..ਪੈਸਾ ਨਾ ਦੇਣ ਦੀ ਸੂਰਤ…
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) July 2, 2023
कांग्रेस के पूर्व नेता और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल कैप्टन अमरिन्दर और रंधावा दोनों ने इस घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और रंधावा ने मान के बयान को “मूर्खतापूर्ण” बताया है. मान के ट्वीट के कुछ घंटों बाद पोस्ट किए गए एक ट्वीट में, अमरिंदर ने मुख्यमंत्री को सलाह दी कि वे “पहले कानून और जांच की प्रक्रिया सीखें”.
Mr @BhagwantMann first learn the process of law & investigation before issuing such foolish statements that only expose your ignorance about the process of governance.
Ansari was brought to Punjab & detained here under due process of law for the investigation, so where does the… https://t.co/ill1tbaUEs
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) July 2, 2023
सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रंधावा ने मुख्यमंत्री को उन्हें नोटिस भेजने की चुनौती दी.
उन्होंने कहा, “एक तरफ, वह (मान) कह रहे हैं कि कानूनी फीस के कारण देय राशि का भुगतान नहीं किया गया है. तो, इसके ठीक होने का सवाल ही कहां उठता है?” रंधावा ने कहा कि सीएम को ऐसे किसी भी नोटिस का “उचित जवाब” मिलेगा.
कुछ घंटों के भीतर, मान ने मुख्य सचिव को अपना आधिकारिक आदेश ट्वीट किया, और इसे “रंधावा द्वारा मांगा गया नोटिस” बताया.
ਆਹ ਲਓ ਰੰਧਾਵਾ ਸਾਹਬ ਤੁਹਾਡੇ “ਅੰਸਾਰੀ” ਵਾਲਾ ਨੋਟਿਸ .. pic.twitter.com/u9YtCd5CtY
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) July 3, 2023
आधिकारिक आदेश जारी होने के कुछ घंटों बाद, कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया कि वह इसका जवाब देने के लिए कानूनी प्रक्रियाओं का सहारा लेंगे.
I have received your notice Mr. @BhagwantMann. As expected you have again backtracked from your claims & the notice now served is of Rs. 17.60 Lac as against 55 lac. Since I don’t play Twitter-Twitter, I will take the legal recourse & drag you down from your high horse. pic.twitter.com/RyD96Jyncm
— Sukhjinder Singh Randhawa (@Sukhjinder_INC) July 3, 2023
जब अमरिंदर 2017 से 2021 तक राज्य के मुख्यमंत्री थे, तब रंधावा पंजाब में जेल मंत्री थे. सितंबर 2021 में अमरिंदर के अपने पद से इस्तीफा देने के बाद भी वे कैबिनेट में बने रहे और अंततः कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी के सरकार की बागडोर संभालने पर उपमुख्यमंत्री बने.
रंधावा जहां कांग्रेस नेता बने हुए हैं, वहीं उनके इस्तीफे के तुरंत बाद अमरिंदर ने पार्टी छोड़ दी.
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शब्दबाण
अप्रैल में जारी एक प्रेस बयान में मान ने अंसारी को पंजाब में रखने के लिए मुकदमे की फीस के रूप में 55 लाख रुपये के भुगतान को सार्वजनिक धन की “बेशर्म लूट” कहा, जिसे “बर्दाश्त नहीं किया जा सकता”.
मान ने आरोप लगाया था कि पिछली सरकारों ने उन्हीं कारणों से, अंसारी को “पूरे आराम” में रखा था, यह सुनिश्चित करके कि उसे कोई परेशानी न हो.
अंसारी को हत्या और अपहरण सहित कई आपराधिक मामलों का सामना करना पड़ा और उनमें से कम से कम पांच में उसे दोषी ठहराया गया.
रविवार को मान के ट्वीट के बाद, अमरिंदर ने कहा कि वह 9.5 साल से मुख्यमंत्री हैं, जबकि मान ने इस पद पर 1.5 साल भी पूरे नहीं किए हैं और अंसारी को पंजाब लाने और यहां हिरासत में रखने के लिए कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया गया था.
कैप्टन ने मान से पूछा, “मुख्यमंत्री या उस मामले में जेल मंत्री कहां से तस्वीर में आते हैं?”
एक बयान के माध्यम से प्रतिक्रिया देते हुए, मान ने कहा कि इतिहास गवाह है कि कैसे “बुद्धिमान” पटियाला वंशज ने राज्य को बर्बाद कर दिया है. उन्होंने कहा कि पंजाब और उसके लोग जानते हैं कि कैसे पूर्व मुख्यमंत्री राज्य और उसके लोगों की तुलना में अपनी स्थिति के बारे में अधिक चिंतित थे.
मान ने पूर्ववर्ती पटियाला शाही वंशज के पूर्वजों की भी आलोचना की और कहा कि यह भूलना मुश्किल है कि उनके परिवार ने अपने हितों के लिए मुगलों और अंग्रेज़ों का पक्ष लिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी यह उनके राजनीतिक हितों के अनुकूल हुआ, कैप्टन अमरिंदर ने भी कांग्रेस और अकालियों के साथ दोस्ती कर ली.
इस बीच, रंधावा ने मान की संयम की स्थिति पर सवाल उठाया जब उन्होंने “हर शाम” ट्वीट किया.
एक संवाददाता सम्मेलन में रंधावा ने कहा कि केवल पंजाब पुलिस ही इसका जवाब दे सकती है कि अंसारी को रोपड़ जेल में क्यों रखा जा रहा है.
उन्होंने कहा, “जेल ही आरोपियों की एकमात्र संरक्षक हैं. कैदियों के जेल में रहने के लिए जेल विभाग जिम्मेदार नहीं है, इसके लिए पुलिस जवाबदेह है. अंसारी पंजाब की जेल में क्यों था, इसका जवाब केवल पंजाब पुलिस ही दे सकती है, जेल विभाग नहीं.”
उन्होंने कहा, “इसके अलावा, जेल विभाग सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुकदमे में प्रतिवादी था, वादी नहीं. मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है.”
बाद में शाम को एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, आप के पंजाब मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने आरोप लगाया कि रंधावा के दावों के बावजूद, अंसारी को जेल में पांच सितारा सुविधाएं दी गईं, व्हीलचेयर पर मोहाली अदालत में पेश किया गया और परिवार को जेल के पास एक घर प्रदान किया गया.
कांग ने कहा, “रंधावा और कैप्टन अमरिंदर सिंह को 27.5 लाख रुपये का भुगतान करना चाहिए और इस मामले को खत्म करना चाहिए. रंधावा की आधिकारिक नोटिस की इच्छा भी पूरी की जाएगी और उन्हें जल्द ही नोटिस भेजा जाएगा.”
(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)
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