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Friday, 20 December, 2024
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महाराष्ट्र संकट के बीच शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे में प्रोहिबिटोरी ऑर्डर्स लागू

कानून-व्यवस्था के बिगड़ने के डर से यह आदेश ऐसे समय में जारी किए गए हैं, जब शिवसैनिक सीएम उद्धव ठाकरे के समर्थन में राज्य भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

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मुंबई: महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कानून-व्यवस्था बिगड़ने के डर से, ठाणे जिला कलेक्टर कार्यालय ने शनिवार को ठाणे ग्रामीण क्षेत्र के लिए निषेधाज्ञा जारी कर दी.

शिवसेना के अधिकांश विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए बागी नेता एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे में 30 जून तक निषेधाज्ञा लागू रहेगी.

जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के अनुसार लाठी, हथियार, जलते हुए पोस्टर, पुतले और किसी भी तरह के घातक हथियारों के इस्तेमाल करने की मनाही है. पांच या उससे ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने की भी अनुमति नहीं है, दिप्रिंट के पास आदेश की प्रति है.

आदेश में आगे कहा गया है कि ऐसे किसी भी तरह के नारे लगाने, गाना गाने, संगीत बजाने या भाषण और उपदेश देने पर भी प्रतिबंध है जो क्षेत्र की ‘शांति और सद्भाव को बिगाड़’ सकते हैं.

सरकारी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि ये आदेश एहतियात के तौर पर जारी किए गए हैं. पिछले कुछ दिनों में शिवसैनिकों ने मुंबई सहित पूरे राज्य में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समर्थन में कई विरोध प्रदर्शन किए हैं. उन्होंने कथित तौर पर दो बागी विधायकों के कार्यालयों में भी तोड़फोड़ की. एक शिव सैनिक ने माहिम में शिवसेना शाखा के बाहर लगे एक बागी विधायक की तस्वीर वाले एक होर्डिंग पर कालिख पोत दी थी.

इसके बाद दिन में मुंबई पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 144 भी लगा दी, जो मुंबई शहर में चार या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाती है.


यह भी पढ़ें : शिवसेना के एक और विधायक ने ज्वाइन किया एकनाथ शिंदे का खेमा, उद्धव ने कहा- बागी MLA तोड़ना चाहते हैं पार्टी


उद्धव की पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक

इस बीच उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और जिलाध्यक्षों से बातचीत कर रहे हैं. शुक्रवार को उन्होंने अपने बचे हुए विधायकों को एक साथ रखने के लिए अपने पार्षदों और शाखा प्रमुखों के साथ दो बैठकें भी कीं.

शुक्रवार को कई शिवसैनिक सीएम आवास मातोश्री के बाहर जमा हो गए थे.

उद्धव ने शुक्रवार को बागी नेता एकनाथ शिंदे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती दी थी कि वे शिवसेना कैडर और पार्टी को वोट देने वालों से जीत कर दिखाएं. उन्होंने भाजपा पर शिवसेना को खत्म करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया. इसके अलावा उन्होंने बागियों को ठाकरे और शिवसेना के नाम का इस्तेमाल किए बिना चुनाव जीतने की चुनौती भी दी थी.

सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा- ‘हमने इन बागियों को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया, जबकि आप में से कई इसके इच्छुक थे. आपकी कड़ी मेहनत के कारण चुने जाने के बाद भी ये लोग असंतुष्ट हैं और आप इस मुश्किल समय में पार्टी के साथ खड़े हैं. इसके लिए आपको धन्यवाद कहना ही काफी नहीं है.’

उन्होंने दावा किया कि शिवसेना को उसके ही लोगों ने धोखा दिया है.

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को बताया, ‘मैंने एकनाथ शिंदे से कहा था कि गठबंधन सहयोगियों की शिकायतों पर गौर करें. उन्होंने मुझसे कहा कि विधायक उन पर दबाव बना रहे हैं कि शिवसेना को बीजेपी से हाथ मिला लेना चाहिए. मैंने उनसे कहा कि इस पर चर्चा करने के लिए इन विधायकों को मेरे पास लेकर लाओ. भाजपा ने हमारे साथ बुरा व्यवहार किया, वादों का सम्मान नहीं किया. कई विद्रोहियों के खिलाफ मामले दर्ज हैं. इसलिए बीजेपी के साथ जाएंगे तो वे पाक साफ हो जाएंगे, हमारे साथ रहेंगे तो जेल जाएंगे. क्या यह दोस्ती की निशानी है?

शिवसेना ने रणनीति के तहत 16 बागी विधायकों के नाम राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष को उनकी अयोग्यता के लिए भेज दिए हैं. शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने शुक्रवार रात मीडियाकर्मियों से कहा कि डिप्टी स्पीकर बागी विधायकों को नोटिस भेजेंगे.

मुंबई शहर में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है, इस रिपोर्ट को इस जानकारी के साथ अपडेट किया गया है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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