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Sunday, 22 December, 2024
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संसद के विशेष सत्र में कांग्रेस उठाएगी हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष राहत पैकेज का मुद्दा

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि पार्टी संसद के इस विशेष सत्र के दौरान आपदा प्रभावित हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष राहत पैकेज का मुद्दा उठाएगी.

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नई दिल्ली: एक आधिकारिक बयान में बुधवार को कहा गया कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि पार्टी संसद के इस विशेष सत्र के दौरान आपदा प्रभावित हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष राहत पैकेज का मुद्दा उठाएगी.

कांग्रेस नेता राज्य में हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन के पीड़ितों और लोगों से मिलने के लिए हिमाचल प्रदेश के दौरे पर हैं.

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रियंका गांधी वाद्रा ने बुधवार को शिमला के शिव बावरी, कृष्णानगर और कनलोग इलाकों में राहत और पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया.

उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “हिमाचल प्रदेश में स्थिति बहुत खराब है और राज्य को भारी नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार आपदा प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए अथक प्रयास कर रही है. ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश की स्थिति की गंभीरता को समझने में असमर्थ है. राज्य में नुकसान इतना ज्यादा है कि राज्य सरकार इसे अकेले नहीं संभाल सकती. इसलिए, केंद्र सरकार को राजनीति से ऊपर उठकर इस चुनौतीपूर्ण समय में राज्य के लोगों की मदद करनी चाहिए.”

उन्होंने कहा, “कांग्रेस संसद के इस विशेष सत्र के दौरान हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष राहत पैकेज का मुद्दा उठाएगी.”

18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा.

इससे पहले मंगलवार को सीएम के साथ कुल्लू जिले में मौजूद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था कि केंद्र को हिमाचल प्रदेश में हुई भीषण तबाही को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करना चाहिए और प्रभावितों की मदद के लिए तुरंत आगे आना चाहिए.

प्रियंका गांधी वाड्रा ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “केंद्र सरकार को दलगत आधार पर राज्यों के बीच भेदभाव नहीं करना चाहिए. ऐसी परिस्थितियों में आपदा के प्रभाव का विश्लेषण कर सहायता प्रदान करना केंद्र सरकार का कर्तव्य बनता है. केंद्र को इतनी बड़ी तबाही को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करना चाहिए और प्रभावितों की मदद के लिए तुरंत आगे आना चाहिए.”

कांग्रेस नेता ने कहा कि हालांकि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए अपने सीमित संसाधनों से कहीं अधिक काम कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार की सहायता के बिना लोगों को सहायता प्रदान करने के अलावा सामान्य स्थिति लाना और नवीकरण कार्य करना मुश्किल था.

हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं हुई हैं.

अधिकारियों के मुताबिक, इस साल मॉनसून में बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 400 लोगों की जान जा चुकी है और 13,000 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं.


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