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Friday, 22 November, 2024
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“मोदी- अडाणी भाई भाई”, विपक्ष के नारे के बीच मोदी ने कहा- जितना कीचड़ उछालोगे उतना कमल खिलेगा

प्रधानमंत्री ने कहा, 'यह जन-जन की पीढ़ियों से बना देश है. यह देश किसी परिवार की जागीर नहीं. देश देख रहा है एक अकेला कितनो को भारी पड़ रहा है.'

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में बजट सत्र के दौरान गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया. इस दौरान विपक्षी दलों ने लगातार हंगामा किया और “मोदी- अडाणी भाई भाई के नारे लगाए”

मोदी ने कहा, ‘बीते दशकों में अनेक बुद्धिजीवियों ने इस सदन से देश को दिशा दी है, देश का मार्गदर्शन किया है. इस देश में जो भी बात होती है उसे देश बहुत गंभीरता से सुनता है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों का व्यवहार और वाणी न केवल सदन, बल्कि देश को निराश करने वाला है.’

60 साल कांग्रेस ने देश में गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे

प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, “जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलेगा” इसलिए कमल खिलाने में आपका प्रत्यक्ष या परोक्ष जो भी योगदान है, उसके लिए मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कल विपक्ष के हमारे वरिष्ठ साथी खड़गे जी ने कहा कि हमने 60 साल में मजबूत बुनियाद बनाई है. उनकी शिकायत थी कि बुनियाद हमने बनाई और क्रेडिट मोदी ले रहा है.’

लगातार विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘2014 में आकर जब मैंने चीजों को बारीकी से देखने का प्रयास किया तो पता चला कि 60 साल कांग्रेस के परिवार ने, हो सकता है उनका इरादा मजबूत नींव बनाने का हो, लेकिन मैंने देखा उन्होंने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे. जब वे गड्ढे खोद रहे थे, छह-छह दशक बर्बाद कर दिए थे. उस समय दुनिया के छोटे-छोटे देश भी सफलता के शिखरों को छू रहे थे, आगे बढ़ रहे थे.’

उन्होंने आगे कहा, ‘पंचायत से लेकर संसद तक उन्हीं की दुनिया चलती थी. उन्होंने इस प्रकार की कार्यशैली और कल्चर विकसित किया कि देश ने एक भी चुनौती का स्थाई समाधान करने का न कभी सोचा कि न कभी प्रयास किया. देश की जनता समस्याओं से जूझ रही थी, देश की जनता देख रही थी कि समस्याओं का समाधान कितना बड़ा लाभ कर सकता है, लेकिन उनकी प्राथमिकताएं अलग थीं.’

प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर तंज कस्ते हुए कहा, ‘600 से ज्यादा योजनाएं गांधी-नेहरू के परिवार पर हैं. अगर किसी कार्यक्रम में नेहरू जी का नाम नहीं प्रयोग हुआ तो कुछ लोगों का खून गर्म हो जाता था, लेकिन मुझे यह नहीं समझ आता कि उनके पीढ़ी के किसी व्यक्ति को नेहरू सरनेम रखने में क्या आपत्ति है और आप हमारा हिसाब मांगते हैं.’


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देश कांग्रेस को नकार रहा है

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘जनता आपका खाता बंद कर रही है और आप रोना यहां रो रहे हो. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर के कारण इस देश के दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा पैसे, जो गलत हाथों में जाते थे, वह बच गए हैं. मैं जानता हूं, जिनको इन दो लाख करोड़ रुपये का फायदा मिलता था, उनका चिल्लाना भी स्वाभाविक है.’

मोदी ने कहा, ‘पहले देश में परियोजनाओं को अटकाना, लटकाना आदत बन गई थी. हमने टेक्नॉलजी का प्लेटफॉर्म तैयार किया, पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान लेकर आए और देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को गति देने का काम हो रहा है. जो योजनाएं बनाने में महीनों लग जाते थे, उन्हें हफ्तों के भीतर आगे बढ़ा दिया जाता है क्योंकि आधुनिक भारत के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का महत्व हम समझते हैं.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश आजाद हुआ, तब से 2014 तक 14 करोड़ एलपीजी कनेक्शन थे. लोग सांसदों के पास जाते थे कि हमें कनेक्शन मिल जाए. उस समय डिमांड भी कम थी, गैस लाने के लिए खर्चा भी नहीं करना पड़ता था. हमने तय किया कि हम घर को एलपीजी कनेक्शन देंगे. हमें मालूम था, हमें मेहनत करनी पड़ेगी, दुनिया भर से गैस लाने पड़ेगी, लेकिन हमारी प्राथमिकता देश का सामान्य नागरिक था. इसलिए हमने 32 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास गैस कनेक्शन पहुंचाए.’

प्रधानमंत्री ने राज्यसभा कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘देश हमारे साथ है. कांग्रेस को बार-बार देश नकार रहा है, लेकिन कांग्रेस के साथी साजिशों से बाज नहीं आते हैं. जनता उनको देख रही है और सजा दे रही है.’

आगे कहा, ‘हम मक्खन पर लकीर पर खींचने वाले लोग नहीं हैं, हम पत्थर पर लकीन खींचने वाले लोग हैं.’

एक अकेला कितनों को भारी पड़ रहा है

प्रधानमंत्री ने आदिवासी के बारे में बताते हुए कहा, ‘देश की आजादी में आदिवासी भाईयों का बहुत योगदान है, लेकिन दशकों तक वे विकास से दूर रहे. उनके नौजवानों के मन में बार-बार सरकार के खिलाफ सवाल उठते चले गए. सरकार ने उनके हित में काम किया होता, तो आज मुझे इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पहली बार आदिवासियों के लिए अगल मंत्रालय बना.’

पीएम ने आगे कहा, ‘हमने बेटी बचाओ अभियान चलाया. मुझे इस बात की खुशी है कि बेटों की तुलना में बेटियों की संख्या बढ़ रही है. बेटी जब स्कूल जाए और टॉयलेट के अभाव में स्कूल छोड़ दे, इसकी चिंता हमने की. बेटियों के लिए अलग शौचायल बनाए. बेटी की शिक्षा जारी रहे, इसके लिए हमने सुकन्या योजना चलाई. बेटी बड़ी होकर अपना काम करने के लिए बिना गारंटी लोन ले सके, इसके लिए मुद्रा योजना शुरू की. आज गर्व होता है कि सियाचीन में मेरे देश की कोई बेटी मां भारती की रक्षा करने के लिए तैनात होती है. बेटियों के लिए हमने सैनिक स्कूल खुले.’

उन्होंने आगे कहा, ‘जो लोग आज विपक्ष में बैठे हैं. उन्होंने राज्यों के अधिकारों को धज्जियां उड़ा दीं. मैं कच्चा-चिट्ठा खोलना चाहता हूं. वो लोग कौन थे, जिन्होंने आर्टिकल 356 का दुरुपयोग किया? वे लोग कौन हैं, जिन्होंने यह किया और चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया. एक प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 356 का 50 पर प्रयोग किया,वह नाम है इंदिरा गांधी.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह जन-जन की पीढ़ियों से बना देश है. यह देश किसी परिवार की जागीर नहीं. देश देख रहा है एक अकेला कितनो को भारी पड़ रहा है.’


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