गुरुग्राम: भिवानी जिले के फरटिया भीमा गांव के कॉलेज में बीए फाइनल इयर की 22-वर्षीय दलित छात्रा की आत्महत्या के मामले ने हरियाणा में राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है जिससे विपक्ष और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.
एक प्राइवेट कॉलेज की छात्रा ने कथित तौर पर 35,000 रुपये की बकाया फीस के कारण पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलने पर आत्महत्या कर ली.
कॉलेज अधिकारियों के खिलाफ छात्रा के पिता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, परिवार ने फीस भरने के लिए और समय मांगा, लेकिन उसे अस्वीकार कर दिया गया. उन्होंने यह भी कहा कि कॉलेज के एक अधिकारी का बेटा राहुल उनकी बेटी को फोन करके परेशान कर रहा था और उसे अपने साथ जगह-जगह चलने के लिए कह रहा था.
24 दिसंबर की रात को कथित तौर पर छात्रा ने अपने घर में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली. उनके परिवार ने अगले दिन उनका अंतिम संस्कार कर दिया. पिता ने 27 दिसंबर को अपनी शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा गया कि उनकी बेटी पर अत्यधिक दबाव बनाया गया और उसका अपमान किया जिस कारण उसने आत्महत्या कर ली.
उसी दिन पुलिस ने बीएनएस की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और बीएनएस की धारा 3 (5) (सामान्य इरादा) के तहत एफआईआर दर्ज की.
एफआईआर में कॉलेज प्रबंधन समिति के सदस्य हनुमान और उनके बेटे राहुल का नाम दर्ज किया गया है, साथ ही हनुमान की बेटी और कॉलेज प्रिंसिपल पर भी उंगली उठाई गई है, जिनका नाम नहीं बताया गया है.
शिकायत के अनुसार, 24 दिसंबर को रात करीब 9 बजे राहुल ने कथित तौर पर महिला को लगातार फोन किया, जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली. पिता ने शिकायत में कहा, “कॉलेज का प्रबंधन करने वाले हनुमान को इन मामलों की जानकारी थी और वह इसमें शामिल था. मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि इन व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और हमें न्याय दिलाएं ताकि मेरी बेटी की आत्मा को शांति मिले.”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने कॉलेज से उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की भीख मांगी और जल्द ही फीस भरने का वादा भी किया. उन्होंने इनकार कर दिया और वह बहुत दुखी थी. इस अपमान ने उसे यह कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया.”
भिवानी पुलिस ने कॉलेज के मालिक, उसके बेटे, उसकी बेटी और प्रिंसिपल समेत चार लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया है.
घटना के बाद लोहारू उपमंडल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, दलित संगठनों और छात्र संघों ने कॉलेज के खिलाफ सख्त कार्रवाई और परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है.
सोमवार को सिंघानी गांव में प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं और जाति आधारित भेदभाव और शिक्षा प्रणाली के व्यावसायीकरण के खिलाफ नारे लगाए.
लोहारू थाना जहां एफआईआर दर्ज की गई थी के एसएचओ जितेंद्र कुमार ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
दिप्रिंट ने लोहारू के विधायक राजबीर फरटिया को उनके मोबाइल फोन पर कॉल किया, लेकिन कॉल का जवाब नहीं मिला.
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‘क्या शिक्षा अब पैसे और जाति से तय होती है?’
इस घटना ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है. कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार पर निशाना साधा और उस पर हाशिए पर पड़े समुदायों की उपेक्षा करने और शिक्षा तक उनकी समान पहुंच सुनिश्चित न करने का आरोप लगाया.
प्रमुख दलित नेता कुमारी शैलजा ने कहा, “यह सिर्फ एक त्रासदी नहीं है बल्कि हरियाणा में दलितों के साथ होने वाले व्यवस्थागत भेदभाव का एक ज्वलंत उदाहरण है. फीस न चुकाने के कारण एक छात्रा को शिक्षा के अधिकार से वंचित करना वंचितों के प्रति राज्य की उदासीनता को दर्शाता है.”
मंगलवार को एक्स पर एक पोस्ट में कुमारी शैलजा ने लिखा, “हरियाणा की एक होनहार बेटी दीक्षा ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि उसे परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया, उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि वह गरीब थी और दलित परिवार से थी. क्या शिक्षा अब पैसे और जाति से तय होगी?”
हरियाणा की एक होनहार बेटी दीक्षा ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि उसे परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया, उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि वह गरीब थी और दलित परिवार से थी। क्या शिक्षा अब पैसे और जाति से तय होगी?
'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा देने वाली भाजपा सरकार क्या अब जवाब देगी कि… pic.twitter.com/r0nIHo5CIX
— Kumari Selja (@Kumari_Selja) December 31, 2024
रणदीप सुरजेवाला ने भी राज्य सरकार की आलोचना की और इसे “शासन की विफलता” बताया. उन्होंने कहा, “शिक्षा एक अधिकार है, अमीरों का विशेषाधिकार नहीं. भाजपा की नीतियों ने अमीर और गरीब के बीच की खाई को और चौड़ा कर दिया है.”
सुरजेवाला ने मंगलवार को महिला की मौत की खबर के साथ एक्स पोस्ट किया, “हमारे संविधान की प्रस्तावना में समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय की बात की गई है, लेकिन अफसोस है कि हरियाणा में एक दलित बिटिया को परीक्षा की फीस न दे पाने की वजह से आत्महत्या करनी पड़ता है. यह घटना न केवल दुखद है बल्कि बेहद शर्मनाक है. पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए और इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए.”
हमारे संविधान की प्रस्तावना में समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय की बात की गई है।
लेकिन अफसोस है कि हरियाणा में एक दलित बिटिया को परीक्षा की फीस न दे पाने की वजह से आत्महत्या करनी पड़ता है।
यह घटना न केवल दुखद है बल्कि बेहद शर्मनाक है।
पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए और… pic.twitter.com/VagByEtRb8
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) December 31, 2024
दूसरी ओर, हरियाणा भाजपा ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट करके कांग्रेस नेता पर निशाना साधा. इस वीडियो को “फिर उजागर हुआ कांग्रेस का दलित महिला विरोधी चेहरा” शीर्षक दिया गया है.
फिर उजागर हुआ कांग्रेस का दलित महिला विरोधी चेहरा pic.twitter.com/pAqyL5uEoI
— Haryana BJP (@BJP4Haryana) December 31, 2024
इसमें दावा किया गया है कि विपक्षी पार्टी के विधायक राजबीर फरटिया कॉलेज के चेयरमैन थे और महिला को परेशान करने का आरोपी राहुल विधायक के साले हनुमान का बेटा है. मंगलवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि लोहारू में अनुसूचित जाति की छात्रा की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की जा रही है.
कॉलेज प्रिंसिपल और उसके भाई के खिलाफ छात्रा के पिता द्वारा लगाए गए मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न के आरोपों का ज़िक्र करते हुए बेदी ने कहा कि सरकार पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है और न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
बेदी ने कांग्रेस नेताओं के पोस्ट की आलोचना करते हुए कहा कि यह चिंता का “आधे-अधूरे” भाव हैं. उन्होंने नेताओं से आरोपियों को बचाने के बजाय पीड़ित के लिए न्याय की मांग पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, “राजनीतिक लाभ के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के बजाय, उन्हें जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए दबाव बनाना चाहिए. अधूरे बयान देकर वे गलत संदेश दे रहे हैं.”
बेदी ने यह भी सवाल उठाया कि मिर्चपुर जाति हिंसा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कांग्रेस के नेता चुप क्यों रहे. उन्होंने हुड्डा को मौजूदा मामले में अपनी पार्टी के विधायक की भूमिका पर ध्यान देने का सुझाव दिया.
एसपी नीतीश अग्रवाल द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व कर रहे पुलिस उपाधीक्षक दलीप कुमार ने बुधवार को भिवानी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को बताया कि पुलिस ने राहुल (25) को उसके गांव शाम कलां से गिरफ्तार किया है.
डीएसपी ने कहा, “जांच में पता चला है कि वो पीड़िता को नियमित रूप से फोन कर रहा था और यहां तक कि लड़की द्वारा आत्महत्या करने से कुछ मिनट पहले भी राहुल ने उन्हें फोन किया था.”
उन्होंने कहा कि अभी तक की जांच में विधायक का नाम सामने नहीं आया है.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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