मुंबई: अक्टूबर 2009 में प्रताप बाबूराव सरनाइक ओवला माजीवाड़ा विधानसभा सीट से शिवसेना उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल करने के दौरान ऑटोरिक्शा से पहुंचे थे जबकि आम तौर पर वह अपनी टोयोटा लैंड क्रूजर से चलते हैं.
यही नहीं वह ऑटोरिक्शा में यात्री सीट पर नहीं थे बल्कि खुद उसे चलाकर पहुंचे थे. यह सबकुछ लोगों को ये बताने के लिए था कि कैसे उन्होंने 1984 से 1989 के डोंबिवली में एक ऑटोरिक्शा चालक के रूप में काम किया था और एक मामूली मराठी मानुष से यहां तक पहुंचने में सफलता हासिल की.
आज, 56 वर्षीय सरनाइक एक प्रभावशाली राजनेता, तीन बार के विधायक और एक डेवलपर हैं जो रियल एस्टेट से लेकर हॉस्पिटैलिटी और फिल्म निर्माण से लेकर शिक्षा क्षेत्र तक में अपना हाथ आजमाते रहते हैं.
इस पूर्व ऑटो-रिक्शा चालक के पास 143 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है, लेकिन उन्होंने अचानक खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शिकंजे में घिरा पाया.
ईडी ने मंगलवार को सरनाइक के कई परिसरों पर छापा मारा और 175 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के उस केस में विधायक और उनके बेटे विहंग को पूछताछ के लिए बुलाया, जो उसने सिक्यूरिटी सर्विस फर्म टॉप्स ग्रुप, उसके प्रमोटर राहुल नंदा और अन्य के खिलाफ दर्ज किया है.
ईडी की यह कार्रवाई सरनाइक द्वारा अभिनेत्री कंगना रनौत की तीखी आलोचना किए जाने और रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने के कुछ समय बाद ही हुई है. शिवसेना ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए आरोप लगाया है कि सरनाइक के खिलाफ ईडी के छापे के पीछे भाजपा का हाथ है. यह सब 2018 में आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले को लेकर रिपब्लिक टीवी और उसके मालिक अर्णब गोस्वामी के खिलाफ सख्त रुख अपनाए जाने के कारण किया गया है.
हालांकि, ऐसा नहीं है कि सरनाइक ने गोस्वामी की तरह का प्रस्ताव पहली बार विधानसभा में रखा था. अप्रैल 2015 में जब राज्य विधानसभा का बजट सत्र चल रहा था, सरनाइक ने उस ट्वीट के लिए लेखिका शोभा डे के खिलाफ सदन में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा था, जिसमें उन्होंने मल्टीप्लेक्स के लिए प्राइम टाइम पर मराठी फिल्में ही दिखाना अनिवार्य बनाने वाले महाराष्ट्र सरकार के फैसले का विरोध किया था. इस प्रस्ताव को लेकर विपक्ष ने काफी आक्रोश जताया था.
वर्धा से ठाणे तक 143 करोड़ की यात्रा
सरनाइक का जन्म विदर्भ क्षेत्र के वर्धा जिले में हुआ था.
अब विधायक और उनकी पत्नी लगभग 1.75 करोड़ रुपये की कीमत वाली तीन कारों के मालिक हैं. लेकिन कभी वह बेहद गरीबी में जीवन गुजारते थे, ऑटो-रिक्शा के अलावा और वह अंडा-भुर्जी की एक दुकान भी चलाते थे.
2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से करीब एक महीने पहले सरनाइक ने ऑटोरिक्शा में ड्राइवर सीट वाली अपनी तस्वीरें ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा था, ‘मैं कभी रिक्शे से यहां के वार्डों से गुजरता रहा हूं. मुझे रिक्शा ड्राइवर के तौर पर डोंबिवली में गुजारी रातें याद आ गईं.’
Relived my past as i rode across wards in a rickshaw.Reminded me of my midnights in Dombivli as a rickshaw driver. pic.twitter.com/sBtyOqw1c4
— Pratap Baburao Sarnaik (@PratapSarnaik) September 4, 2014
उनके पिता बाबूराव सरनाइक एक प्रसिद्ध लेखक के रूप में जाने जाते थे और उन्होंने प्रह्लाद केशव अत्रे के साथ काम किया था, जो एक प्रसिद्ध मराठी लेखक और मराठा के संस्थापक-संपादक आचार्य अत्रे के नाम से लोकप्रिय थे.
ऑटोरिक्शा चालक ने 1989 में अपना रियल एस्टेट का बिजनेस शुरू किया और बड़े बेटे विहंग के नाम पर विहंग ग्रुप ऑफ कंपनीज की स्थापना की. उनकी कंपनी ने शुरू में सिर्फ रियल एस्टेट पर ध्यान केंद्रित किया और मुंबई के करीब होने के कारण घरों की मांग बढ़ने से ठाणे के रियल एस्टेट कारोबार में जबर्दस्त तेजी आ गई.
सरनाइक आज ठाणे के प्रमुख बिल्डरों में गिने जाते हैं, जहां करीब आधा दर्जन हाउसिंग प्रोजेक्ट विहंग के बैनर तले पूरे हुए हैं. उनकी कंपनी ने बाद में हॉस्पिटैलिटी, रिक्रिएशन, मनोरंजन और प्रोडक्शन जैसे अन्य क्षेत्रों में हाथ आजमाया. 2003-04 में कंपनी ने अपना पहला हॉस्पिटैलिटी वेंचर स्थापित किया—एक रिक्रिएशन क्लब विहंग्स पाम इन और एक होटल विहंग इन है.
अपना नाम न देने के इच्छुक ठाणे के एक पत्रकार ने कहा, ‘ठाणे का प्रमुख रियल एस्टेट कारोबारी और एक राजनेता होने के बावजूद कभी भी ठाणे नगर निकाय के संदर्भ में सीधे तौर पर उनका नाम किसी भ्रष्टाचार या अनियमितता में नहीं आया है. अवैध निर्माण के कुछ मामले जरूर सामने आए लेकिन उन्हें जल्द ही सुलझा लिया गया.’
इन्हीं में से एक ‘विहंग गार्डन’ से जुड़ा था जो ठाणे के समतानगर में स्थित 112 फ्लैटों वाली एक 13 मंजिली इमारत है. इसकी 13 मंजिलों में तीन को अवैध बताया गया था जिसे एक पब्लिक स्कूल के नाम पर ट्रांसफर ऑफ डेवलपमेंट राइट्स के जरिये बनाया गया था जिसका निर्माण सरनाइक को पहले करना था. 2013 में इस फ्लोर को नियमित कर दिया गया था.
उस समय सरनाइक ने कहा था, ‘हमारी तरफ से कुछ तकनीकी खामी रह गई थी और हमने स्कूल का निर्माण पूरा होने के बाद विहंग गार्डन का निर्माण शुरू करने के बजाये पहले उस बिल्डिंग का ही निर्माण कार्य पूरा कर दिया था.’
उस समय तक उनकी संपत्ति कई गुना बढ़ चुकी थी. 2008 में जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के पार्षद थे, सरनाइक ने उस समय जल संसाधन मंत्रालय संभाल रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार को उनके जन्मदिन के मौके पर हीराजड़ित मोबाइल हैंडसेट उपहार में दिया था. इसे सरनाइक ने सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट की तरफ से एक नीलामी में खरीदा था, जो मंदिर को दान पात्र में ‘भेंट’ स्वरूप मिला था. उसके लिए कुल 20 बोलीदाता थे लेकिन सरनाइक ने सबको पीछे छोड़कर 15.55 लाख रुपये में यह हैंडसेट हासिल कर लिया था.
सरनाइक का कहना था, ‘यह एक सिद्धिविनायक भक्त की तरफ से पवार को जन्मदिन की छोटी सी भेंट थी… यह उनके लिए कोई बड़ा उपहार नहीं है और आज यह मेरे लिए भी कोई असाधारण बड़ी राशि नहीं है.’
दो दिन बाद ही अजीत पवार ने यह उपहार सिद्धिविनायक को लौटा दिया था, उनके बेटे पार्थ इसे वहां चढ़ाकर आए थे.
सरनाइक फिल्म निर्माण से भी जुड़े रहे हैं और मराठी और बॉलीवुड फिल्म उद्योग में उनके कई दोस्त हैं, जिनमें से कई ठाणे में उनके वार्षिक ‘दही हांडी’ कार्यक्रम में भाग ले चुके हैं. राजनेता की संपत्ति 2009 में 16.15 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 800 प्रतिशत बढ़ गई है.
ठाणे के एक एनसीपी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘कई अन्य लोगों के विपरीत वह एक व्यवसायी से राजनेता बने हैं, न कि एक राजनेता से व्यवसायी बने हैं.’
कारोबारी से राजनेता तक
सरनाइक डोंबिवली स्थित पेंढारकर कॉलेज में अपने छात्र जीवन के दौरान ही राजनीति में सक्रिय थे, लेकिन औपचारिक राजनीतिक जीवन की शुरुआत उन्होंने 1997 में एनसीपी के टिकट पर ठाणे महानगरपालिका में पार्षद चुने जाने के साथ की.
ऊपर उद्धृत एनसीपी नेता ने कहा, ‘वह जितेंद्र आह्वाड के बेहद करीबी थे, जो पवार साहब (शरद पवार) के करीबी रहे हैं. लेकिन ठाणे में जितेंद्र आह्वाड का कद बढ़ रहा था और खुद भी काफी महत्वाकांक्षी रहे प्रताप सरनाइक को ऐसा लगने लगा था कि पार्टी में उनके साथ आगे बढ़ने की कोई खास संभावना नहीं है. ठाणे नगर निकाय में विपक्षी नेता की नियुक्ति के मुद्दे पर उनका मतभेद हो गया था.
उक्त नेता ने बताया, ‘पार्टी ने जितेंद्र आह्वाड के खिलाफ बोलने के लिए नोटिस देने के बाद आखिरकार प्रताप सरनाइक को निलंबित कर दिया, और फिर वह शिवसेना में चले गए.’
सरनाइक नवंबर 2008 में शिवसेना में शामिल हो गए, उसी वर्ष जब एनसीपी से उन्हें निलंबित किया गया था. और 2009 में पहली बार ठाणे जिले के ओवला-माजीवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा. तब से लगातार तीनों बार वह इस सीट से चुनाव जीते हैं.
एक दैनिक समाचार पत्र ठाणे वैभव के संपादक मिलिंद बल्लाल कहते हैं, ‘वह एक ऐसे राजनेता के रूप में जाने जाते हैं जो हमेशा लोगों के बीच सड़कों पर नजर आते हैं. वह खुद को अपने दफ्तर तक सीमित नहीं रखते. उनके निर्वाचन क्षेत्र में अच्छी-खासी गुजराती और मारवाड़ी आबादी भी है, लेकिन उन्होंने उनके बीच भी पैठ बना रखी है. वह हमेशा ही लोगों की मदद करने को तैयार रहते हैं.’
बल्लाल ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि उनका व्यवसाय कितना सीधे तरीके वाला है. मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. लेकिन अन्य राजनेताओं, जिनके बारे में यह पता नहीं चलता कि वे पैसे कहां से कमाते हैं, के विपरीत इनके मामले में आप वास्तव में उनके प्रतिष्ठानों को देख सकते हैं.’
सरनाइक को ठाकरे परिवार का करीबी माना जाता है, और हाल ही में उन्हें शिवसेना का एक आधिकारिक प्रवक्ता नियुक्त किया गया है. उनके छोटे बेटे पुरवेश युवा सेना के सचिव के नाते राज्य मंत्री आदित्य ठाकरे के काफी नजदीक हैं. पुर्वेश और उनकी मां दोनों ठाणे नागरिक निकाय में शिवसेना पार्षद हैं.
पुरवेश की शादी भाजपा के पूर्व मंत्री डॉ. रंजीत पाटिल की बेटी कश्मीरा से हुई है.
मीडिया के जानकार और हमेशा सुर्खियों में रहने वाले
पार्टी कोई भी हो सरनाइक हमेशा से ही यह जानते हैं कि एक राजनेता के रूप में कैसे खड़े होना है और कैसे सुर्खियों में रहते हैं. जनवरी 2007 में जब शिवसेना नियंत्रित ठाणे नगर निगम के चुनाव होने वाले थे तब उस समय एनसीपी में रहे सरनाइक मछली पकड़ने वाली एक रॉड लेकर सड़क के किनारे बैठ गए थे ताकि इस पर जोर दिया जा सके कि शहर की सड़कों पर इतने गहरे गड्ढे हैं कि वास्तव में वहां मछलियां पकड़ी जा सकती हैं.
इससे पहले, उन्होंने ठाणे में लंबे समय तक लोड शेडिंग को लेकर विरोध जताने के लिए बिजली अधिकारियों को लालटेन उपहार में दी थीं.
शिवसेना ने रहकर सरनाइक ने अपना नाम चमकाने के लिए मिले मौकों का इस्तेमाल हिन्दुत्व, मराठी-समर्थक और माटी के लाल जैसे एजेंडे आगे बढ़ाने के लिए किया है. लेकिन इस दौरान यह उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि उद्धव और आदित्य ठाकरे का अनुसरण करते हुए नए नेतृत्व वाली शैली अपनाई जाए, जिसमें पुराने शिवसैनिकों की तरह बल प्रयोग या प्रदर्शनों के बजाये मुद्दों को ट्वीट, पत्रों और विधानसभा में लाए गए प्रस्तावों के जरिये उठाया जाता है.
इस साल मार्च में सरनाइक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या मंदिर ट्रस्ट में शिवसेना के सदस्य को नियुक्त किए जाने की मांग करने को लेकर चर्चाओं में रहे थे.
फिर जुलाई में जब इस बात को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह के लिए आमंत्रित किया जाएगा या नहीं या फिर एक जटिल गठबंधन में मुख्यमंत्री का संवैधानिक पद संभालने के कारण वह इसमें शामिल होंगे भी या नहीं, सरनाइक ने एक बार फिर अपनी बाजी चल दी. उन्होंने श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी को लिखा कि वह समारोह के लिए ठाकरे को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करें.
उसी महीने सरनाइक ने राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख को लिखा कि समुद्र के बीच में बनने वाले छत्रपति शिवाजी स्मारक का मजाक उड़ाने के लिए कॉमेडियन अग्रिमा जोशुआ की गिरफ्तारी की जाए. कॉमेडियन ने सार्वजनिक रूप से एक ट्वीट के माध्यम से माफी मांगी और कहा कि संबंधित वीडियो हटा दिया गया है.
अगस्त में सरनाइक ने राज्य के गृह मंत्री देशमुख को पत्र लिखकर इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक आत्महत्या मामले की जांच कराने को कहा ताकि नाइक की पत्नी और बेटी को इंसाफ मिल सके. अर्णब गोस्वामी इस मामले के तीन मुख्य आरोपियों में से एक थे और अंततः नवंबर में उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
सितंबर में सरनाइक ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरीं जब दो सप्ताह के मानसून सत्र की जगह बुलाए गए राज्य विधानमंडल के दो दिवसीय विशेष सत्र में उन्होंने गोस्वामी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा. सरनाइक ने कहा कि गोस्वामी अपने चैनल के माध्यम से मीडिया ट्रायल चला रहे हैं, जहां वह खुद को जज मानकर फैसले सुनाते रहते हैं और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, अन्य मंत्रियों और सदन के सदस्यों का अपमान करते हैं.
वह शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत और कंगना रनौत के बीच मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से किए जाने लेकर जारी विवाद में भी कूद पड़े. सरनाइक ने ट्विटर पर लिखा है कि अगर वह मुंबई आती हैं तो उनकी पार्टी के सैनिक उनका चेहरा बिगाड़ देंगे.
सरनाइक ने दिप्रिंट से बातचीत में भी कहा कि भाजपा कंगना को शिवसेना के खिलाफ राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास जानकारी है कि कंगना रनौत का ट्विटर हैंडल (@KanganaTeam) वास्तव में भाजपा के आईटी सेल द्वारा संचालित किया जा रहा है.’
फिलहाल सरनाइक ने चुप्पी साध रखी है और वह ईडी के छापों पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. खबरों के मुताबिक, विधायक ने ईडी को सूचित किया है कि वह अभी एक सप्ताह तक इसके सम्मन का जवाब नहीं दे पाएंगे क्योंकि मंगलवार को ही गोवा की यात्रा करके मुंबई लौटे हैं और कोविड-19 के मद्देनजर अभी क्वारंटाइन हैं.
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