जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच कांग्रेस विधायक दल की बैठक सोमवार दोपहर मुख्यमंत्री निवास पर लगभग दो घंटे तक चली. हालांकि यह बैठक सुबह 10.30 बजे शुरू होनी थी लेकिन 3 घंटे देरी से शुरू हुई और लगभग दो घंटे चली. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक इस दौरान कांग्रेस के साथ साथ उसके सहयोगी दलों के 107 विधायक बैठक में शामिल रहे. दो घंटे लगभग चली बैठक के बाद विधायकों को बसों से होटल ले जाया जा रहा था. विक्ट्री साइन दिखाते हुए विधायकों में से एक ने कहा ‘ऑल इज वेल.’
बैठक के शुरू होने से पहले वहां मौजूद सभी विधायकों ने विक्ट्री साइन दिखाया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ होने की बात कही. हालांकि अशोक गहलोत ने भी इस दौरान विक्ट्री साइन दिखाकर अपनी खुशी का इजहार किया.
अशोक गहलोत के समर्थन में प्रस्ताव पारित
कांग्रेस विधायक दल ने इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया और सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था जताई.
मुख्यमंत्री गहलोत के सरकारी निवास पर विधायक दल की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया. बैठक में कांग्रेस तथा उसके समर्थक निर्दलीय एवं अन्य विधायक मौजूद थे.
पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि कुल मिलाकर 106 विधायक इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल हुए.
उपमुख्यमंत्री तथा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट द्वारा बागी तेवर अपना लिए जाने के मद्देनजर हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में विधायकों ने सरकार विरोधी व पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की चाहे वे पदाधिकारी हों या विधायक दल के सदस्य.
बता दें कि इस बैठक में उपमुख्यमंत्री पायलट व उनके करीबी माने जाने वाले विधायक शामिल नहीं हुए.
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘ कांग्रेस विधायक दल पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था व भरोसा व्यक्त करता है. यह बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में सर्वसम्मति से समर्थन व्यक्त करती है.’
इसके साथ ही इस प्रस्ताव में कांग्रेस पार्टी व राज्य में कांग्रेस सरकार को कमजोर करने वाले सभी अलोकतांत्रिक तत्वों की निंदा करते हुए कहा गया है कि अगर कोई पार्टी पदाधिकारी या विधायक इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए.
#Rajasthan : Buses, carrying MLAs, leave from the residence of Chief Minister Ashok Gehlot after the Congress Legislative Party (CLP) meeting concluded. One of the MLAs says, "All is well." pic.twitter.com/shZGBXlHQN
— ANI (@ANI) July 13, 2020
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट द्वारा बगावती तेवर अपनाए जाने से उपजे संकट के बीच यह बैठक सुबह साढे़ दस बजे शुरू होनी थी लेकिन दोपहर लगभग डेढ़ बजे यह शुरू हुई. बैठक शुरू होने से पहले मीडिया को वहां मौजूद विधायकों व नेताओं की फोटो लेने की अनुमति दी गयी.
107 MLAs are present at the Congress Legislative Party (CLP) meeting in Rajasthan's Jaipur, CM Ashok Gehlot's media advisor confirms to ANI.
— ANI (@ANI) July 13, 2020
वहां मौजूद विधायकों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीधा कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि पार्टी के एक नेता ने दावा किया कि कुल 106 विधायक मौजूद हैं जबकि दो विधायक रास्ते में हैं. राजस्थान में मचे इस घमासान के बीच अशोक गहलोत सरकार को बचे रहने के लिए 101 विधायकों का समर्थन चाहिए और कांग्रेस दावा कर रही है कि उसके पास फिलहाल 109 विधायकों का समर्थन है.
जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मीडिया एडवाजर ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया है कि अभी सीएम हाउस में चल रही बैठक में 107 एमएलए मौजूद हैं.
राज्य की 200 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं. इनमें छह विधायक पिछले साल बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए. इसके अलावा 13 निर्दलीय विधायकों में से 12 कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं.
बैठक में कांग्रेस के साथ साथ बीटीपी के दो, माकपा के एक, आरएलडी के एक विधायक तथा कांग्रेस का समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायक भी मौजूद हैं. इसके साथ ही दिल्ली से आए कांग्रेस के महासचिव के सी वेणुगोपाल, पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनिवाश पांडे व राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी बैठक में रहे.
पिछले दो दिनों से सचिन की नाराजगी के बाद
गहलोत सरकार के पास पूर्ण बहुमत : सुरजेवाला
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को कहा कि राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के पास पूर्ण बहुमत है और वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित अन्य सभी लोगों के लिए कांग्रेस के दरवाजे हमेशा खुले हैं और खुले रहेंगे.
जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक से पहले संवाददाताओं से बातचीत में सुरजेवाला ने कहा,’कांग्रेस की सरकार राजस्थान में स्थिर है, कांग्रेस की सरकार को पूर्ण बहुमत है … कांग्रेस की सरकार पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी.’
सुरजेवाला ने कहा,’ भाजपा कितने भी षडयंत्र करे, मोदी सरकार कितने भी प्रपंच रचे, भाजपा कितने भी हथकंडे अपनाये, ईडी, सीबीआई और आईटी कितनी भी छापेमारी करे वे चुनी हुई सरकार को नहीं गिरा पायेंगे क्योंकि यही राजस्थान की जनता का जनमत है. ‘ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बगावती तेवरों की ओर इशारा करते हुए सुरजेवाला ने कहा,’ कभी कभी वैचारिक मतभेद उत्पन्न हो जाता है जो प्रजातांत्रिक प्रणाली में स्वाभाविक है परन्तु वैचारिक मतभेद पैदा होने से चुनी हुई अपनी ही पार्टी की सरकार को कमजोर करना या भाजपा को खरीद फरोख्त का मौका देना अनुचित है, गैर वाजिब है.’ उन्होंने कहा,’ कांग्रेस की चुनी हुई सरकार राजस्थान की जनता की सेवा के लिये है. और अगर कोई मदभेद है तो कांग्रेस पार्टी के आलाकमान के सब दरवाजे सभी के लिये सदैव खुले थे, रहेंगे.’
कांग्रेस परिवार है हल निकलेगा
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा,’परिवार का हल परिवार में ही निकलेगा और यदि आप परिवार से टूटकर कहीं जायेंगे तो परिवार को भी नुकसान होगा और आपको भी नुकसान होगा और हमारे साथी बुद्धिमान है और मुझे विश्वास है कि वो ऐसा नहीं करेंगे.’
पार्टी नेतृत्व की पायलट के साथ बातचीत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 48 घंटों में सचिन पायलट से कांग्रेस नेतृत्व ने अनेक बार वार्तालाप और चर्चा की है. कांग्रेस के संगठन प्रभारी के सी वेणुगोपाल, कांग्रेस कार्यसमिति के कई वरिष्ठ सदस्यों से और कांग्रेस नेतृत्व से उपमुख्यमंत्री पायलट से कई बार मौजूदा राजनैतिक परिस्थिति पर चर्चा भी की है.
सुरजेवाला के अनुसार, ‘और कहा गया है कि खुलेमन से अगर कोई आपका मतभेद है तो आप आकर उसे पार्टी की फोरम पर रख सकते है कोई ऐसी समस्या नहीं जिसका निदान, हल नहीं निकाला जा सकता. पार्टी फोरम पर वो अपनी बात रखें हम खुले मन से उसका हल निकालने को तैयार है.’
आयकर विभाग द्वारा राज्य में एक दो जगह छापेमारी किए जाने पर सुरजेवाला ने कहा,’ भाजपा के तीन अग्रिम विभाग (फ्रंटल ओर्गेनाइजेशन) है. एक आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई… जब भी प्रजातंत्र की हत्या मोदी और भाजपा को करनी होती है तो भाजपा के ये तीन अग्रिम विभाग सबसे पहले आगे आकर खड़े हो जाते है.’
(समाचार एजेंसी भाषा और एएनआई के इनपुट्स के साथ)