नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में राज्य सभा की 250वें सत्र को संबोधित करते हुए एनसीपी और बीजू जनता दल (बीजद) की तारीफ की. उन्होंने कहा कि एनसीपी और बीजू जनता दल ही दो ऐसी पार्टी हैं जिसने तय किया हुआ है कि वो सदन के वेल में नहीं जाएगी. इसके बावजूद इनकी राजनीति पर कोई फर्क नहीं पड़ा. सभी राजनीतिक पार्टियों को इसमें मेरी पार्टी भी शामिल है, इनसे सीखना चाहिए.
मोदी ने यह बयान उस वक्त दिया है जब महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर गतिरोध चल रहा है. पिछले कुछ दिनों से एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना के बीच गठबंधन होने की संभावना जताई जा रही है. बता दें कि शिवसेना भाजपा की पूर्व सहयोगी रह चुकी है. ऐसे में मोदी द्वारा एनसीपी की तारीफ ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को तेज़ कर दिया है.
PM Modi in Rajya Sabha: Today I want to appreciate two parties, NCP and BJD. These parties have strictly adhered to parliamentary norms. They have never gone into the well. Yet, they have raised their points very effectively. Other parties including mine can learn from them. pic.twitter.com/TXvUUOWJin
— ANI (@ANI) November 18, 2019
इसी सत्र में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी अपनी बात रखी. सिंह ने मोदी सरकार के कामकाज को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पहले जितने बिल सेलेक्ट कमिटी को जाते थे उसमें भारी कमी आई है. सिंह ने कहा, ’16वीं लोकसभा में छानबीन के लिए इन समितियों को भेजे गए विधेयकों की संख्या सिर्फ 25 प्रतिशत थीं, जबकि 15वीं लोकसभा में ये अनुपात 71 प्रतिशत और 14वीं में 60 प्रतिशत का रहा था.’
सिंह ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 110 का दुरूपयोग करके सरकार राज्य सभा की बजाए लोकसभा को ज्यादा तरजीह दे रही है. हालांकि राज्य सभा हमेशा चलने वाली सदन होती है. इसलिए संसद के कामकाज पर इसकी पैनी नज़र होती है.
सिंह ने कहा, ‘ऊपरी सदन होने के नाते कार्यपालिका को राज्य सभा को ज्यादा तरजीह देनी चाहिए और कोई भी बड़ा बदलाव करने से पहले इसकी सलाह लेनी चाहिए. राज्य की सीमाओं को निर्धारित करने से पहले भी इसकी सलाह लेनी चाहिए.’
सत्र में बोलते हुए रामगोपाल यादव ने कहा कि राज्य सभा का काम लोकसभा की हां में हां मिलाने का काम नहीं है. यादव ने मोदी की वेल में न जाने की बात को आदर्श बताया और कहा कि ये बातें बोलने में काफी आसान होता है. देश की दो बड़ी पार्टियां ही सबसे ज्यादा वेल में गई हैं. जब ये सत्ता में आ जाते हैं तब आदर्शवादी बातें करने लग जाते हैं
मोदी ने राज्य सभा कीे 250वें सत्र पर सराहना करते हुए कहा कि इस सदन ने कई ऐतिहासिक पल देखे हैं, इतिहास बनाया भी है और कई बार इतिहास मोड़ने का काम भी किया है.
मोदी ने कहा, ‘250 सत्रों की ये जो यात्रा चली है, उसमें जिन-जिन सांसदों ने योगदान दिया है वो सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं. मैं उनका आदरपूर्वक स्मरण करता हूं’
250 सत्र ये अपने आप में समय व्यतीत हुआ ऐसा नहीं है. एक विचार यात्रा रही. समय बदलता गया, परिस्थितियां बदलती गई और इस सदन ने बदली हुई परिस्थितियों को आत्मसात करते हुए अपने को ढालने का प्रयास किया. इसके लिए सदन के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं.
मोदी ने कहा, ‘अनुभव कहता है संविधान निर्माताओं ने जो व्यवस्था दी वो कितनी उपयुक्त रही है. कितना अच्छा योगदान इसने दिया है. जहां निचला सदन जमीन से जुड़ा है, तो उच्च सदन दूर तक देख सकता है.’
स्थायित्व और विविधता
उन्होंने कहा की भारत की विकास यात्रा में निचले सदन से जमीन से जुड़ी चीजों का प्रतिबिंब झलकता है, तो उच्च सदन से दूर दृष्टि का अनुभव होता है इस सदन के दो पहलू खास हैं. पहला स्थायित्व और दूसरी विविधता. स्थायित्व इसलिए महत्वपूर्ण है कि लोकसभा तो भंग होती रहती है लेकिन राज्य सभा कभी भंग नहीं होती और विविधता इसलिए महत्वपूर्ण है कि क्योंकि यहां राज्यों का प्रतिनिधित्व प्राथमिकता है.
इस सदन का एक और लाभ भी है कि हर किसी के लिए चुनावी अखाड़ा पार करना बहुत सरल नहीं होता है, लेकिन देशहित में उनकी उपयोगिता कम नहीं होती है, उनका अनुभव, उनका सामर्थ्य मूल्यवान होता है.
मोदी ने कहा, ‘हमारे देश में एक लंबा कालखंड ऐसा था जब विपक्ष जैसा कुछ खास नहीं था. उस समय शासन में बैठे लोगों को इसका बड़ा लाभ भी मिला. लेकिन उस समय भी सदन में ऐसे अनुभवी लोग थे जिन्होंने शासन व्यवस्था में निरंकुशता नहीं आने दी. ये हम सबके लिए स्मरणीय है.’
हमारे संविधान निर्माताओं ने हम लोगों को जो दायित्व दिया है, हमारी प्राथमिकता है कल्याणकारी राज्य लेकिन उसके साथ हमारी जिम्मेदारी है राज्यों का भी कल्याण. राज्य और केंद्र मिल करके देश को आगे बढ़ा सकते हैं.
पिछले पांच सालों में राज्य सभा ने कई काम किए
मोदी ने कहा, ‘पिछले 5 साल का समय देखें तो यही सदन है जिसने तीन तलाक का बिल पास करके महिला सशक्तिकरण का बहुत बड़ा काम किया.’
PM Narendra Modi: We can never forget the role of the Rajya Sabha when bills related to Articles 370 and 35(A) were passed. https://t.co/Ypnh136yeF pic.twitter.com/vGp7qL6hZM
— ANI (@ANI) November 18, 2019
इसी सदन ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया, लेकिन कहीं विरोधभाव पैदा नहीं हुआ. सब जगह सहयोग का भाव बना रहा. इसी सदन ने जीएसटी के रूप में वन नेशन-वन टैक्स की ओर समहति बनाकर देश को दिशा देने का काम किया है.
देश की एकता और अखंडता के लिए अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने की शुरुआत पहले इसी सदन में हुई, उसके बाद लोकसभा में ये हुआ.