नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों से कहा है कि वे “इंडिया-भारत” नाम के मुद्दे पर “अनावश्यक” टिप्पणी न करें, बल्कि सनातन धर्म का अपमान करने वालों को “जिम्मेदारी के साथ” “मुंहतोड़ जवाब” दें.
जी20 शिखर सम्मेलन से पहले बुधवार को मंत्रिपरिषद की एक बैठक में, उन्होंने मंत्रियों से सनातन धर्म की सभी आलोचनाओं का “तथ्यात्मक” जवाब देने को कहा, तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा इसके उन्मूलन का आह्वान करने और इसकी तुलना डेंगू और मलेरिया वायरस से करने के बाद पीएम ने बुधवार को मंत्रियों से ये कहा है.
बैठक में मौजूद कई मंत्रियों ने दिप्रिंट को बताया कि प्रधानमंत्री ने उनसे तथ्यों के साथ और संविधान के दायरे में सनातन धर्म के अपमान का मुकाबला करने को कहा. एक मंत्री ने कहा, ” पीएम ने हमें सनातन धर्म के मुद्दे पर बोलना चाहिए क्योंकि यह हमारे धर्म का अपमान है. पीएम ने यह भी कहा कि हमें जिम्मेदारी के साथ बोलना चाहिए, ”
डीएमके मंत्री और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने पिछले शनिवार को कहा था कि जातिगत भेदभाव और असमानता को बढ़ावा देने के लिए हिंदू धर्म में सनातन प्रथाओं को खत्म किया जाना चाहिए.
मंत्रिपरिषद की बैठक में मोदी ने कहा कि 8 सितंबर से दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में अधिकृत व्यक्तियों के अलावा किसी भी मंत्री को बोलने से बचना चाहिए. उन्होंने मंत्रियों से समय का पाबंद रहने को कहा और उन्हें राष्ट्रपति के रात्रिभोज के लिए रात्रिभोज स्थल तक पहुंचने के लिए बसों का उपयोग करने की सलाह दी.
एक सूत्र ने कहा, “9 तारीख को आयोजित रात्रिभोज के लिए, मंत्रियों और मुख्यमंत्री को शाम 5:50 बजे तक संसद भवन परिसर में पहुंचना होगा और शाम 6:30 बजे तक कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना होगा. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रैफिक जाम से बचने के लिए बसों का उपयोग करने के विशेष निर्देश दिए. ”
बैठक में पीएम ने सभी मंत्रियों को शिखर सम्मेलन से पहले जी20 इंडिया मोबाइल ऐप डाउनलोड करने की भी सलाह दी ताकि वे विदेशी प्रतिनिधियों के साथ आसानी से बातचीत कर सके.
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: मायावती ने BJP, विपक्ष दोनों पर साधा निशाना, कहा- देश के नाम पर बने दलों, गठबंधनों पर SC लगाए बैन