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Thursday, 25 April, 2024
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पीरान कलियर ‘मानव तस्करी हब’ विवाद पर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड प्रमुख ने कहा- अपने बयान पर कायम

भाजपा नेता शादाब शम्स का कहना है कि विपक्ष उनके बयान को मोड़ने की कोशिश कर रहा है, जिसके निशाने पर कलियर शरीफ दरगाह नहीं बल्कि पीरान कलियर के होटल और रिहायशी इलाके थे.

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देहरादून: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड अध्यक्ष और बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स, पीरान कलियर पर की गई अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए- जहां पवित्र मुस्लिम तीर्थ पीरान कलियर शरीफ दरगाह स्थित है और जहां देश विदेश से सभी संप्रदाय के लोग आते हैं- विपक्षी पार्टियों की आलोचना के निशाने पर आ गए हैं.

इसी सप्ताह देहरादून के बीजेपी कार्यालय में चुने हुए मीडिया प्रतिनिधियों से बात करते हुए शम्स ने- जिन्हें निर्विरोध रूप से राज्य वक्फ बोर्ड का नया प्रमुख चुना गया था- कहा था, ‘उत्तराखंड के छठे धाम के नाम से जाना जाने वाला (चार पवित्र हिंदू स्थलों- यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ तथा चमोली ज़िले के हेमकुंड साहिब की ओर इशारा) पीरान कलियर शरीफ, आज मानव तस्करी और ड्रग से जुड़ी गतिविधियों का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है’.

लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके बयान के निशाने पर पीरान कलियर के होटल और रिहायशी इलाके थे, जहां ऐसी गतिविधियां चल रही हैं.

पीरान कलियर से कांग्रेस विधायक फुरक़ान अहमद ने शम्स पर कलियर शरीफ के खिलाफ बेबुनियाद इल्ज़ामात मढ़ने का आरोप लगाया.

उन्होंने दिप्रिंट से कहा, ‘यहां पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और बीजेपी नेता का बयान कलियर शरीफ की छवि को नीचा दिखाने की एक कोशिश है. उन्होंने जिस तरह के इल्ज़ाम लगाए हैं, हो सकता है कि वैसी कुछ छिटपुट घटनाएं हुई हों लेकिन उससे किसी को भी पूरी क़ौम या इलाके को एक ही रंग में रंगने की इजाज़त नहीं मिल जाती’.

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दूसरे नेताओं ने शम्स पर आरोप लगाया कि राजनीतिक फायदे के लिए वो अपने ही मज़हब को बदनाम कर रहे हैं.

पीरान कलियर में हज़रत मख़दूम अलाउद्दीन अली अहमद ‘साबिर’ की दरगाह, रुड़की के बाहरी इलाके में हरिद्वार के दक्षिण की ओर स्थित है और उत्तराखंड में इसे हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता है.

बीजेपी ऑफिस में बात करते हुए शम्स ने ये भी कहा था, ‘ये सेक्स रैकेट और वैश्यावृत्ति का केंद्र है. पीरान कलियर में ऐसे अनैतिक कार्य बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. मोदी जी के ‘स्वच्छ भारत’ अभियान के तहत हमने ऐसी तमाम गतिविधियों का सफाया करने का फैसला किया है. हम ऐसे दोषियों को यहां रहने की कतई इजाज़त नहीं देंगे, जो पीरान कलियर में रहने के लिए उसे अपना शेल्टर होम समझते हैं’.

उन्होंने ये भी कहा कि पुष्कर सिंह धामी सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सफाई मुहिम शुरू करेगी और कलियर में देह-व्यापार तथा ड्रग के धंधे से जुड़े सभी ठिकानों पर बुलडोज़र चला देगी’.

मुसलमानों के पवित्र स्थल के बारे में आगे बात करते हुए शम्स ने कहा, ‘पीरान कलियर अंतर्राष्ट्रीय तीर्थ यात्रियों का एक केंद्र है. बिना औलाद के लोग जो चिकित्सा विज्ञान से उम्मीद छोड़ चुके होते हैं, ‘बाबा’ का आशीर्वाद लेने यहां आते हैं (अलाउद्दीन अली अहमद साबिर कलियरी, जिन्हें सरकार साबिर पाक और साबिर कलियरी भी कहा जाता है) और उनकी मन्नतें पूरी होती हैं’.

वक्फ बोर्ड प्रमुख ने दावा किया कि ‘कुछ लोग इसकी छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं’.

‘मानव तस्करी और वैश्यावृत्ति की कई घटनाएं भी सामने आईं हैं. पुष्कर सिंह धामी सरकार इस गंदगी का सफाया करने की पूरी कोशिश करेगी’.

शम्स के बयान की आलोचना करते हुए कांग्रेस विधायक अहमद ने कहा, ‘उन्हें (बीजेपी) सत्ता में रहते हुए पांच साल से ज़्यादा हो गए हैं. अगर स्थिति उतनी ही खराब है जितना वो दावा करते हैं, तो उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की. वक्फ बोर्ड चेयरमैन झूठ बोल रहे हैं. उन्हें पीरान कलियर के लोगों से माफी मांगनी चाहिए’.

इस बीच शम्स ने दिप्रिंट से कहा कि वो अपने बयान पर कायम हैं. ‘मेरे पास पीरान कलियर के मौलवियों और मौलानाओं की शिकायतों की बाढ़ सी आ गई है. वो सब यही चाहते हैं कि सरकार इलाके में चल रही अनैतिक गतिविधियों के खिलाफ कदम उठाए. कांग्रेस पार्टी के नेता मुद्दे पर सियासत कर रहे हैं और मेरे बयान को मोड़ रहे हैं चूंकि मेरे बयान के निशाने पर पवित्र कलियर शरीफ दरगाह नहीं थी’.

उन्होंने आगे कहा कि वो पूरे विधानसभा क्षेत्र खासकर होटलों और रिहायशी इलाकों की बात कर रहे थे, जहां ड्रग्स, देह-व्यापार और मानव तस्करी सामान्य गतिविधियां बन गईं हैं.

शम्स ने आगे कहा, ‘कांग्रेस को पता होना चाहिए कि पीरान कलियर विधानसभा चुनाव क्षेत्र से, उसके अपने नेताओं ने मेरा समर्थन किया है’.

दिप्रिंट ने हरिद्वार पुलिस अधीक्षक (देहात) परमेंद्र सिंह दोभाल से इस विवाद पर टिप्पणी मांगी लेकिन उन्होंने कहा, ‘मीडिया में जो कुछ आया है हमें केवल उससे ही पीरान कलियर पर वक्फ बोर्ड चीफ के बयान का पता चला है. पुलिस की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है, जब तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं होती’.

इसी सप्ताह वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने एक इंटरव्यू में दिप्रिंट से कहा था कि वो चाहते हैं कि धामी सरकार उत्तर प्रदेश का अनुसरण करते हुए राज्य के गैर-पंजीकृत मदरसों का एक सर्वेक्षण कराए.

उन्होंने ये भी कहा था कि राज्य वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आने वाले मदरसों और मस्जिदों में सुरक्षा कैमरे लगाए जाएंगे, जिनके ‘रिमोट कंट्रोल स्थानीय पुलिस थानों में रहेंगे’.


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‘सियासी फायदा उठाने की कोशिश’

पीरान कलियर को लेकर बीजेपी नेता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए दरगाह ट्रस्ट के प्रमुख शाह अली एजाज़ साबरी ने कहा कि ‘वक्फ बोर्ड चेयरमैन को एक मशहूर धार्मिक स्थल के खिलाफ झूठे इल्ज़ामात नहीं लगाने चाहिए थे, जहां हर साल लाखों की तादाद में ज़ायरीन आते हैं’.

उन्होंने दिप्रिंट से कहा, ‘उन्हें साबित करना चाहिए कि कलियर में जिस्म-फरोशी या नशा बेचने वालों के अड्डे कहां हैं, वरना उन्हें अपना बयान वापस लेना चाहिए’.

इस बीच तीन बार के कांग्रेस विधायक क़ाज़ी मोहम्मद निज़ामुद्दीन ने आरोप लगाया कि शम्स ने अपना सियासी करियर आगे बढ़ाने के लिए कलियर शरीफ को बदनाम किया है.

निज़ामुद्दीन ने पूछा, ‘अगर कलियर शरीफ ड्रग्स के दुरुपयोग, मानव तस्करी और जिस्म-फरोशी का अड्डा है, तो क्या बीजेपी प्रवक्ता को प्रदेश वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष बनने के बाद ही इसका पता चला?’

विधायक ने आगे कहा, ‘सालाना उर्स के मौके पर यहां बड़ी तादाद में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाता है, जबकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के दफ्तर (दरगाह से) बमुश्किल 10 मिनट की दूरी पर हैं. शादाब शम्स के लगाए आरोपों के बारे में कभी किसी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई. शम्स बीजेपी नेतृत्व की निगाहों में अपना सियासी कद ऊंचा करने की कोशिश कर रहा है’.

वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख प्रीतम सिंह ने भी शम्स की आलोचना की और उनकी टिप्पणियों को बीजेपी का राजनीतिक स्टंट तथा राज्य सरकार पर लगे घोटालों और भ्रष्टाचार के आरोपों से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश’ बताकर खारिज कर दिया.

उन्होंने दिप्रिंट से कहा, ‘शादाब शम्स को पीरान कलियर को बदनाम करने से बचना चाहिए, जहां हर साल दुनिया भर से लाखों ज़ायरीन आते हैं. उन्हें पहले ये जवाब देना चाहिए, पिछले छह साल से सत्ता में रहते हुए बीजेपी सरकार क्या कर रही है’.

इसी बीच, हरिद्वार के खानपुर चुनाव क्षेत्र से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने मांग उठाई कि बीजेपी को वक्फ बोर्ड प्रमुख को पार्टी से निकाल देना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘हम ऐसे आदमी को क्या कहें जो सियासत की खातिर अपने ही धर्म को बदनाम और अपमानित कर रहा है. बीजेपी को माफी मांगनी चाहिए और शादाब शम्स को पार्टी से निकाल देना चाहिए’.

लेकिन मंगलौर से बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) विधायक सरवत करीम अंसारी ने विवाद पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. ‘मैंने पीरान कलियर पर वक्फ बोर्ड अध्यक्ष का बयान नहीं देखा है. लेकिन, अगर उनका दावा सही है तो सरकार को आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने इसमें देरी क्यों की है’.

अपनी ओर से शम्स ने दिप्रिंट से कहा कि मुसलमान आमतौर से (पीरान कलियर) इलाके से सेक्स रैकेट्स, नशे के तस्करों और उनके नेटवर्क्स का सफाया कराना चाहते हैं. इन चीज़ों ने पवित्र कलियर शरीफ दरगाह का नाम बदनाम किया है’.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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