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Friday, 3 May, 2024
होमराजनीतिलद्दाख में बोले राहुल- यहां लोग चीन की घुसपैठ से चिंतित, तो सिंधिया का पलटवार, कहा- अंदर झांककर देखो

लद्दाख में बोले राहुल- यहां लोग चीन की घुसपैठ से चिंतित, तो सिंधिया का पलटवार, कहा- अंदर झांककर देखो

अपनी लद्दाख यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 62 के युद्ध के बाद जब 'चीन ने 45 हजार वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र हड़प लिया था' तब देश में कांग्रेस का राज था.

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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने लद्दाख दौरे के दौरान रविवार को भारतीय मुख्य भूमि में चीन की कथित घुसपैठ को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला. संसद सदस्य ने यह भी कहा कि वह “सामरिक कारणों” के कारण लद्दाख को अपनी भारत जोड़ो यात्रा का हिस्सा नहीं बना सकते, जो इस साल की शुरुआत में संपन्न हुई.

रविवार को लद्दाख में अपने दिवंगत पिता और पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “यहां, लोगों की चिंता यह है कि उनकी जमीन चीन ने छीन ली है. यहां के लोगों की जमीन छीन ली गई है. इससे बड़े पैमाने पर लोग प्रभावित हुए हैं क्योंकि उनकी चरागाह भूमि छीन ली गई है.”

कांग्रेस नेता ने 17 अगस्त को अपनी लेह-लद्दाख यात्रा शुरू की थी. हालांकि, शुरुआत में यात्रा की योजना दो दिनों के लिए बनाई गई थी, लेकिन अब इसकी कोई तय सीमा नहीं है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि कि इसे छह दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है.

गांधी ने कहा, “यहां के लोग आगे नहीं बढ़ सकते क्योंकि चीन ने उनकी जमीन हड़प ली है. पीएम ने कहा कि एक इंच भी जमीन नहीं ली गई, लेकिन यह सच नहीं है, आप यहां किसी से भी पूछ सकते हैं.”

कांग्रेस चीन के साथ सीमा की स्थिति पर सरकार से सवाल पूछती रही है. 2020 में सीमा पर झड़पों के बाद पूर्वी लद्दाख के कुछ हिस्सों में दोनों देशों के सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय तक गतिरोध बना रहा.

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गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, गोगरा (पीपी-17ए) और हॉट स्प्रिंग्स (पीपी-15) से सैनिकों की वापसी के बावजूद, भारतीय और चीनी सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हजारों सैनिकों और सैन्य उपकरणों को तैनात कर रखा है. इस महीने की शुरुआत में हुई बातचीत में दोनों पक्ष डेपसांग मैदानों में चीनी उपस्थिति के महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई भी ठोस फैसला लेने में असफल रहे.

गांधी की टिप्पणियों के बाद, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को अपने कार्यकाल के दौरान चीन को जमीन देने के मामले में अपने अंदर झांकना चाहिए. सिंधिया ने कहा, “कांग्रेस पार्टी, जिसने ‘हिंदी चीनी भाई भाई’ का नारा तब भी लगाया था जब उसने चीन को 45,000 वर्ग किलोमीटर जमीन दे दी थी [1962 के युद्ध के बाद]. उसे पहले अपने अंदर झांकना चाहिए.”

वरिष्ठ बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने भी कांग्रेस नेता पर हमला किया और उन्हें याद दिलाया कि उनकी पार्टी ने कथित तौर पर क्या किया था. प्रसाद ने कहा, “आज, जब राहुल गांधी लद्दाख के बारे में बात करते हैं, तो मैं उन्हें दो बातें याद दिलाना चाहता हूं. आपके परदादा जवाहर लाल नेहरू के समय, 1962 के युद्ध से पहले और बाद में चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा कर लिया था. क्या आपको वो याद है? क्या आपको याद है कि कैसे दलाई लामा को तिब्बत छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था?”

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “दूसरी बात, आपकी सरकार का आधिकारिक रुख यह था कि लद्दाख से अरुणाचल तक चीनी सीमा पर सड़कों का निर्माण नहीं किया जाना है. क्योंकि इससे चीन चिढ़ जाएगा. तत्कालीन रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने संसद में कहा था कि हम बुनियादी ढांचा खड़ा करके चीन को परेशान नहीं करना चाहते. यह आपका (कांग्रेस पार्टी का) अतीत है. यही आपका विचार है.”


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विपक्ष का मिला समर्थन

हालांकि, गांधी के बयान को उनकी अपनी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के बीच समर्थन मिला.

वरिष्ठ शिवसेना (यूबीटी) नेता और सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर मोदी सरकार चीन के कारण पैदा हुई स्थिति को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है तो यह “अन्याय” है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “चीन ने जमीन पर कब्जा कर लिया है और इसके सबूत भी हैं. अगर हमारे रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो मुझे लगता है कि यह भारत माता के साथ अन्याय है.”

गांधी का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने कहा है कि चीन ने जमीन पर कब्जा कर लिया है. उस पर प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए और सच बताना चाहिए. यही तो राहुल जी कह रहे हैं.”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदित नारायण ने कहा कि चीन के भारत में प्रवेश नहीं करने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ”झूठ” बोल रहे हैं. उन्होंने रविवार को मीडिया से कहा, “या तो वह बिक चुके हैं या फिर चीन से डरे हुए हैं. राहुल गांधी ने जो कहा वह सच है.”

(संपादन: ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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