नई दिल्ली: मीडिया संगठनों के एक वैश्विक कंसोर्टियम द्वारा पर्दाफाश के एक दिन बाद पता चला है कि इजरायली कंपनी एनएसओ समूह के पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल भारत में कथित तौर पर 300 मोबाइल फोन नंबरों को बग करने के लिए किया गया था. अब इसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद में दो मंत्रियों और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर सहित अधिक नाम सोमवार को जुड़ते हुए नज़र आ रहे हैं.
रविवार को इस पर्दाफाश में उन 40 भारतीय पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के नाम सामने आए, जिनके फोन कथित तौर पर बग किए गए और इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हुए इन्हें सर्विलांस पर रखा गया .
यह उन राजनेताओं और सेवारत केंद्रीय मंत्रियों की सूची है जिनके फोन कथित तौर पर सर्विलांस के संभावित लक्ष्य थे, जिनमें से कुछ की कथित रूप से सफलतापूर्वक जासूसी की गई.
राहुल गांधी- पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष
अश्विनी वैष्णव- केंद्रीय रेल, आईटी और संचार मंत्री और उनकी पत्नी
प्रहलाद सिंह पटेल- केंद्रीय राज्यमंत्री जल शक्ति. (सूची में उनकी पत्नी, निजी सचिवों, राजनीतिक और कार्यालय के सहयोगियों, उनके कुक और माली सहित 15 करीबी सहयोगियों का नाम भी शामिल है)
प्रशांत किशोर- चुनाव रणनीतिकार
अशोक लवासा- पूर्व चुनाव आयुक्त
अभिषेक बनर्जी- तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव
गगनदीप कांग- शीर्ष वैज्ञानिक और वायरोलॉजिस्ट (विषाणु विज्ञानी)
हरि मेनन- बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के भारत प्रमुख
जगदीप चोखर- एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के प्रमुख
अलंकार सवाई- कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी सहयोगी
सचिन राव- कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य
प्रदीप अवस्थी- राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के निजी सचिव (जब वसुंधरा राजे सीएम थीं)
संजय कचरू- साल 2014-15 के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के ओएसडी
प्रवीण तोगड़िया- विहिप के पूर्व अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष
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