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Friday, 1 November, 2024
होमराजनीतिPDP नेता महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने को बताया 'डाकाजनी', किया संघर्ष का आह्वान

PDP नेता महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने को बताया ‘डाकाजनी’, किया संघर्ष का आह्वान

पीडीपी नेता ने ट्विटर पर 1:23 सेकंड के एक वीडियो के जरिए कश्मीरियों को संदेश दिया है और 5 अगस्त 2019 के फैसले को गैरआईनी, गैरजम्हूरी, गैरकानूनी बताया है.

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नई दिल्ली: 14 महीने बाद जेल से रिहा होने के बाद जम्मू-कश्मीर की पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल 370 हटाने को लेकर कश्मीरियों से संघर्ष का आह्वान किया है और इसे मोदी सरकार की डाकाजनी करार दिया.

उन्होंने ट्विटर पर 1:23 सेकंड के एक वीडियो के जरिए कश्मीरियों को एक भावनात्मक संदेश दिया है.

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाकर राज्य का विशेष दर्जा छीन लिया गया था, तभी से महबूबा मुफ्ती हिरासत में थीं.

महबूबा मुफ्ती ने अपने वीडियो संदेश में कहा है, ‘मैं एक साल से ज्यादा समय के बाद रिहा हुई हूं. इस दौरान 5 अगस्त 2019 को काले दिन का काला फैसला मेरे दिल और रूह पर वार करता रहा. मुझे एहसास है कि यही कैफियत जम्मू-कश्मीर के तमाम लोगों की रही होगी. हम में से कोई भी शख्स उस दिन की डाकाज़नी और बेइज्जती को कतई भूल नहीं सकता.’

वह आगे कहती हैं कि ‘अब हम सबको इस बात का इरादा करना होगा कि जो दिल्ली दरबार ने 5 अगस्त को गैरआईनी, गैरजम्हूरी, गैरकानूनी तरीके से हमसे छीन लिया उसे वापस लेना होगा. बल्कि उसके साथ-साथ मसल-ए-कश्मीर जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर में हजारों लोगों ने अपनी जानें न्यौछावर की उसे हल करने के लिए अपनी जद्दोजहद जारी रखनी होगी.’

मुफ्ती कहती हैं, ‘मैं मानती हूं कि यह राह कतई आसान नहीं होगी. लेकिन मुझे यकीन है कि हम सब का हौंसला और अज़ब ये दुश्वार रास्ता तय करने में हमारा मौविन होगा.’

आखिरी में वह कहती हैं, ‘आज जबकि मुझे रिहा किया गया है. मैं चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर के जितने भी लोग मुल्क के मुखतलिफ जेलों में बंद पड़े हैं उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए.’

बता दें कि 2016 में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन के दौरान जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री महबूबा बनीं थीं. महबूबा को पहले सीआरपीसी के धारा 107 और 151 के तहत हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में विवादास्पद सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत नज़रबंद किया गया.

शुरुआत में, महबूबा को चेशमा शाही गेस्ट हाउस में रखा गया था और फिर बाद में उन्हें एम ए लिंक रोड पर एक दूसरे सरकारी गेस्ट हाउस में रखा गया था. इसके बाद पीडीपी अध्यक्ष को उनके आवास पर ले जाया गया जहां वह नजरबंद रही.

महबूबा मुफ्ती के साथ साथ जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला को भी हिरासत में लिया गया था जिन्हें पहले ही रिहा किया जा चुका है. इन दोनों के ऊपर भी पीएसए लगाया गया था. फारूक और उमर अब्दु्ल्ला ने महबूबा सहित नजरबंद सभी नेताओं को रिहा करने की अपील की थी.

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