नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. इसे अगले महीने होने वाले चुनावों से पहले राष्ट्रीय राजधानी में उनके अभियान की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है.
पार्टी नेताओं ने दिप्रिंट को बताया कि 5 जनवरी को प्रधानमंत्री रोहिणी के जापानी पार्क से एक ‘परिवर्तन’ रैली को संबोधित करेंगे, जहां वह कई राजनीतिक घोषणाएं कर सकते हैं. पार्टी के एक पदाधिकारी के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को रविवार की रैली में अच्छी भीड़ जुटाने के निर्देश दिए गए हैं.
अब तक भाजपा ने संकेत दिया है कि वह दिल्ली के लिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं करेगी और इसके बजाय ‘सामूहिक नेतृत्व’ के तहत विधानसभा चुनाव लड़ेगी. इस प्रकार, मोदी की रैली और घोषणाएं अधिक महत्वपूर्ण हो जाती हैं.
पार्टी के सूत्रों ने कहा कि 29 दिसंबर को होने वाली रैली को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 26 दिसंबर को निधन के बाद स्थगित कर दिया गया था. भाजपा के आंतरिक सर्वेक्षणों के अनुसार, दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को फिलहाल ‘थोड़ी’ बढ़त हासिल है. हालांकि, भाजपा का मानना है कि मोदी के दिल्ली में प्रचार अभियान शुरू करने के बाद यह रुझान उलटना शुरू हो जाएगा.
सबसे पहले, प्रधानमंत्री 3 जनवरी को अशोक विहार के वजीरपुर में स्वाभिमान अपार्टमेंट में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लिए 1,675 नवनिर्मित फ्लैट सौंपेंगे, जहां वे एक सार्वजनिक भाषण भी देंगे.
शुक्रवार को बाद में, मोदी दिल्ली विश्वविद्यालय में 600 करोड़ रुपये से अधिक की तीन नई परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे. इनमें पूर्वी दिल्ली के सूरजमल विहार में पूर्वी परिसर में एक शैक्षणिक ब्लॉक, द्वारका में पश्चिमी परिसर में एक शैक्षणिक ब्लॉक और नजफगढ़ के रोशनपुरा में अत्याधुनिक शिक्षा की सुविधाओं के साथ नया वीर सावरकर कॉलेज शामिल हैं.
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “प्रधानमंत्री दो शहरी पुनर्विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे — नौरोजी नगर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और सरोजिनी नगर में जीपीआरए (सामान्य पूल आवासीय आवास) टाइप-II क्वार्टर. इसके अलावा, वह द्वारका में सीबीएसई के एकीकृत कार्यालय परिसर का उद्घाटन करेंगे.”
नेता ने बताया कि पार्टी सीधे तौर पर इन सभी आयोजनों में शामिल नहीं है, क्योंकि केंद्र सरकार के अधिकारी इसके प्रभारी हैं.
झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों का एक बड़ा वर्ग आम आदमी पार्टी का समर्थन करता है और भाजपा कई पहलों के साथ उन तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. मोदी द्वारा अशोक विहार में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा निर्मित 1,675 स्वाभिमान फ्लैटों की चाबियां देना इसी का एक हिस्सा है. इस कदम से झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों से जुड़ने में मदद मिलने का “विश्वास” जताते हुए, दिल्ली भाजपा इकाई फ्लैटों के उद्घाटन का प्रचार करने के लिए इलाके में घर-घर जाकर अभियान चला रही है.
इसके अलावा, दिल्ली भाजपा इकाई झुग्गियों में रहने वाले भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ ‘प्रवास’ का आयोजन कर रही है और लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को समझ रही है.
दिल्ली में एक के बाद एक कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा कर AAP जहां चुनावी एजेंडा तय करने की कोशिश कर रही है, वहीं भाजपा अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने के लिए झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को ‘पक्के’ मकान सौंप रही है.
अनुमान के मुताबिक, दिल्ली की झुग्गियों में करीब 20 लाख लोग रहते हैं. हालांकि, वह परंपरागत रूप से कांग्रेस के समर्थक थे, खासकर पूर्व सीएम शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान, AAP ने 2013 और 2015 के विधानसभा चुनावों के दौरान मोहल्ला क्लीनिक, बिजली और पानी के बिलों में कमी और झुग्गी बस्तियों में बुनियादी सुविधाओं के प्रावधान जैसी कई लक्षित नीतियों के ज़रिए उन्हें अपने पक्ष में कर लिया.
अपने ‘प्रवास’ अभियान के ज़रिए, भाजपा अब झुग्गियों में पैर जमाने की कोशिश कर रही है. दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में, कई नेताओं ने पिछले साल नवंबर में 250 क्लस्टरों को कवर करते हुए इस पहल में हिस्सा लिया.
भाजपा के एक नेता ने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा, “केंद्र की मोदी सरकार ने दिल्ली में कई विकास और बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाएं शुरू की हैं. ये फ्लैट, अन्य परियोजनाओं के साथ, हमारे शासन के एजेंडे का हिस्सा हैं और हम इन सभी को आगे बढ़ाएंगे.”
यह भी पढ़ें: ‘अंतर होगा दूर’, भाजपा के इंटर्नल सर्वे में दावा — दिल्ली में AAP के साथ उसका कड़ा मुकाबला
अभियान का आधार बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर होगा
अशोक विहार के स्वाभिमान फ्लैट डीडीए द्वारा दूसरी सफल इन-सीटू झुग्गी पुनर्वास परियोजना के पूरा होने का प्रतीक हैं. केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा कि इसका उद्देश्य दिल्ली में झुग्गी बस्तियों के निवासियों को उचित सुख-सुविधाओं से लैस बेहतर और स्वस्थ रहने का माहौल प्रदान करना है.
बयान में कहा गया है, “सरकार द्वारा फ्लैट के निर्माण पर खर्च किए गए प्रत्येक 25 लाख रुपये के लिए, पात्र लाभार्थी कुल राशि का 7% से भी कम भुगतान करते हैं, जिसमें 1.42 लाख रुपये नाममात्र का योगदान और पांच साल के रखरखाव के लिए 30,000 रुपये शामिल हैं.”
दिप्रिंट से बात करते हुए भाजपा नेता और अभियान प्रभारी राजीव बब्बर ने कहा कि पार्टी आप से सीधे मुकाबला करने की योजना बना रही है.
उन्होंने कहा, “तथ्यों और आंकड़ों के साथ, हम दिल्ली में AAP और अरविंद केजरीवाल द्वारा बुने जा रहे झूठ को उजागर कर रहे हैं. वे जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पंजाब इसका एक उदाहरण है कि उन्होंने क्या वादा किया और पूरा नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि हमारे सबसे बड़े ब्रांड प्रधानमंत्री मोदी 5 जनवरी को जापानी पार्क से ‘परिवर्तन’ रैली के जरिए दिल्ली के लिए अभियान की शुरुआत करेंगे. इस चुनाव में हम ‘परिवर्तन’ देखेंगे.”
पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि प्रधानमंत्री संभवतः राजनीतिक घोषणाएं करेंगे, जिसमें दिल्ली में महिलाओं को 2,100 रुपये मासिक भत्ता देने के केजरीवाल के वादे को खत्म करना भी शामिल है. इसके अलावा, अगर भाजपा सत्ता में आती है तो दिल्ली में वर्तमान में लागू योजनाएं जारी रहेंगी. पिछली बार, भाजपा ने घोषणा की थी कि वह ‘फ्रीबीज़’ नहीं देगी.
एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने कहा, “उदाहरण के लिए बिजली सब्सिडी जारी रहेगी. साथ ही, जिस तरह से हमने मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में ‘लाडकि बहिण योजना’ के माध्यम से महिलाओं के लिए सहायता राशि शुरू की है, हम दिल्ली में भी इसी तरह की योजना शुरू कर सकते हैं.”
संसदीय स्तर पर, भाजपा दिल्ली में सफल रही है, जिसने 2014, 2019 और 2024 में सभी सात लोकसभा सीटें जीती हैं. हालांकि, विधानसभा के नतीजे ज्यादातर निराशाजनक रहे हैं, जिसमें पार्टी अब 70 में से केवल आठ सीटों पर ही काबिज है. AAP ने 2020 के चुनावों में 62 सीटें जीती थीं.
1998 से दिल्ली की सत्ता से बाहर भाजपा आगामी चुनाव को राष्ट्रीय राजधानी की बागडोर अपने हाथ में लेने के अवसर के रूप में देख रही है.
नेता ने कहा, “हम कई सालों से दिल्ली की सत्ता में नहीं हैं. बावजूद इसके केंद्र ने दिल्लीवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिल्ली में कई परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनमें मुख्य रूप से द्वारका एक्सप्रेसवे, दिल्ली मेट्रो, आवास आदि जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शामिल हैं. दिल्ली भाजपा चुनाव से पहले इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगी.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: ‘उन्होंने संविधान को हाईजैक कर लिया’: लोकसभा में राहुल गांधी और कांग्रेस पर राजनाथ सिंह का निशाना