समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत की फाइल फोटो
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा पर ‘आपदा में अवसर’ का आरोप लगाया. सपा प्रमुख अखिलेश ने कहा कि इससे साबित होता है कि भाजपा नेताओं को हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है.
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा की गई सोशल मीडिया पोस्ट ‘धर्म पूछा, जाति नहीं…याद रखेंगे’, जिसमें पहलगाम में मारे गए अपने पति के बगल में बैठी एक नवविवाहिता की तस्वीर भी शामिल है. इस पोस्ट ने राजनीतिक विवाद छेड़ दिया है, जिसमें विपक्ष ने सत्तारूढ़ पार्टी पर ‘आपदा में भी अवसर’ तलाशने का आरोप लगाया है.
कश्मीर घाटी में हुए सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक में कम से कम 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. सैकड़ों पर्यटक प्रतिदिन घुड़सवारी करने के लिए बैसरन घाटी आते हैं. यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस चार दिवसीय यात्रा पर भारत आए हुए हैं.
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने जम्मू-कश्मीर की अत्यंत दर्दनाक त्रासदी पर भाजपा के एक्स पोस्ट को “बचकाना प्रचार” करार दिया और कहा कि इससे साबित होता है कि भाजपा नेताओं को “उन लोगों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है जिन्होंने अपनी जान गंवाई है और जिनके परिवार गहरे दुख में हैं.”
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “भले ही भाजपा इस विज्ञापन को हटा दे, लेकिन इसके कट्टर समर्थक भी इस पाप को माफ नहीं करेंगे. भाजपा हमेशा आपदाओं में अपनी सत्ता और राजनीति के लिए अवसर तलाशती है. भाजपा अपनी सत्ता के अलावा किसी के करीब नहीं है.”
अखिलेश ने कहा, “संवेदनहीन भाजपाइयों से अनुरोध है कि जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनका दर्द समझते हुए कम से कम देश की सुरक्षा को महज नारा न बनाया जाए. यह बहुत दुख की घड़ी है, भाजपा दिखावटी बैठकों और झूठी भावनाओं से इसे नकारने का कुकर्म न करे.”
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार ने पिछले हमलों से सबक लिया होता तो ऐसे हमलों को रोका जा सकता था.
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा पर आपदा में अवसर तलाशने का आरोप लगाया.
श्रीनेत ने एक्स पर लिखा, “लाशों के ठंडे होने का इंतज़ार करो गिद्धों. किसी की पूरी ज़िंदगी बर्बाद हो गई और तुम्हें कार्टून सूझ रहे हैं. क्या तुम इस आपदा में भी अवसर तलाश रहे हो.”
इससे पहले विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए बयान जारी किया था और कहा था कि आतंक का एक धर्म होता है.
वरिष्ठ भाजपा नेता और सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 26 से 29, जो अल्पसंख्यकों के धार्मिक मामलों के प्रबंधन की स्वतंत्रता और सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों से संबंधित हैं, को समाप्त कर दिया जाना चाहिए.
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