नई दिल्ली:पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड मामले में लॉरेंस बिश्नोई और इसके सहयोगियों समेत कला राणा और काला जत्थेदी से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल से पूछताछ कर रही है.
जानकारी की मुताबिक मूसेवाला की हत्या के तार दिल्ली के तिहार जेल से जुड़े हैं. इस सिलसिले में जेल से एक फोन नंबर भी ट्रेस किया गया है. कुछ दिन पहले शाहरुख नाम के एक अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
वह गैंगस्टर गोल्डी ब्रारो के साथ बातचीत करने के लिए एक मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल कर रहा था.
हालांकि पंजाब के डीजीपी वीके भवरा ने कहा है कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने उसकी हत्या की जिम्मेदारी ली है. जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा और न्याय दिलाया जाएगा.
उधर, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मीसेवाला की हत्या के विरोध में आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ दिल्ली और पंजाब में प्रदर्शन किया.
कांग्रेस ने मूसेवाला की मौत को राजनीतिक हत्या बताया है.
वहीं, पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष अश्विनी कुमार शर्मा ने इस मामले को लेकर राज्य के गवर्नर से मुलाकात की. उन्होंने मूसेवाला की हत्या की एनआईए से जांच कराने की मांग की है.
पंजाब की बीजेपी इकाई ने आरोप लगाया है कि भगवंत मान की सरकार ने 424 लोगों की सुरक्षा कम कर दी और सिर्फ तालियों के लिए उनकी सुरक्षा को खतरे में डालते हुए उस लिस्ट को सार्वजनिक कर दिया.
पंजाब की बीजेपी इकाई के अध्यक्ष अश्विनी कुमार शर्मा ने कहा कि ऐसे दस्तावेज गोपनीय होते हैं. इस नियम को तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए,
हमने इसकी मांग की थी. बीजेपी ने एक स्वतंत्र एनआईए जांच की भी मांग की है.
शर्मा ने कहा, ‘जब से यह सरकार सत्ता में आई है, तब से अराजकता है. सीएम मान सरकार नहीं चला रहे हैं. यह अरविंद केजरीवाल और राघव चड्ढा की कठपुतली है जो पंजाब और इसकी संवेदनशीलता को नहीं जानते हैं. हम मांग करते हैं कि इस सरकार को बर्खास्त किया जाए.’
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर एस बादल ने भी भगवंत मान की सरकार को घेरते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने मूसेवाला की सुरक्षा वापस लेने का गलत फैसला किया.
बादल ने कहा, ‘अगर पंजाब सरकार ने सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा वापस लेने का गलत फैसला नहीं लिया होता, तो वह बच जाते.’
अकाली दल ने भी इस मामले में केंद्रीय स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की है.
बादल ने आगे कहा, ‘हमें पता चला है कि वारदात को अंजाम देने के लिए एके-94 राइफल का इस्तेमाल किया गया था. हम मांग करते हैं कि पंजाब सरकार को तुरंत बर्खास्त किया जाए. सीएम भगवंत मान सीएम पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं.’
उधर, पंजाब कांग्रेस ने राज्य सरकार से सवाल किया कि मूसेवाला की सूरक्षा क्यों हटाई गई.
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह वारिंग ने कहा, ‘परिवार ने मांग की कि एक मौजूदा हाई कोर्ट जज के तहत एक समिति बनाई जाए, एनआईए-सीबीआई की मदद ली जाए. जब खतरे की आशंका थी और इसे सार्वजनिक किया गया था तो सुरक्षा क्यों वापस ले ली गई थी? उन्होंने कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि पोस्टमॉर्टम तभी किया जाएगा जब सभी 3 मांगें पूरी होंगी.’
वारिंग ने आरोप लगाया कि परिवार को पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार के लिए मजबूर किया जा रहा है. डीजीपी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी कि इसके गैंगस्टरों से संबंध हैं. परिवार ने कहा कि उनका और उनके बेटे का इस तरह अपमान नहीं किया जाना चाहिए. उनका ऐसा कोई संबंध नहीं था और डीजीपी को माफी मांगनी चाहिए.
हालांकि पंजाब के डीजीपी वीके भवरा ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी मूसेवाला को गैंगस्टर नहीं कहा है.
मैं सिद्धू मूसेवाला की हत्या की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. मैंने उसे कभी गैंगस्टर नहीं कहा.
बता दें कि रविवार को पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद से उनके पिता बलकौर सिंह ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर केंद्रीय जांच ब्यूरो और राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की है.
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