पटना : जनता दल (यूनाइटेड) जेडयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने बुधवार को कन्फर्म किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को बैठक की जानकारी दे दी है, यह पटना में अब 23 जून को होगी.
12 जून की बैठक रद्द होने पर नीतीश कुमार ने कहा था कि इसमें सभी दलों के प्रमुखों को आना था, यह सही नहीं की किसी दल का कोई प्रतिनिधि आए. बैठक की नई तारीख की घोषणा की जाएगी.
नीतीश कुमार ने कहा था, ‘वपक्षी दलों की 12 जून को होने वाली बैठक टाल दी गई है. बैठक में सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों को आना था, यह सही नहीं है कि किसी अन्य दल का कोई प्रतिनिधि आए. इसलिए हमने कांग्रेस पार्टी से बात की है कि उनके प्रमुख को आना चाहिए. बैठक की नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी.’
बैठक केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार के खिलाफ समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ लाने के लिए जमीन तैयार करने का मकसद है, जो कि पहले 12 जून को होनी थी.
हालांकि, इस बैठक को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन समेत कई विपक्षी नेताओं ने पूर्व व्यस्तताओं की वजह से के 12 जून की बैठक में शामिल होने की असमर्थता जताने पर इसे टाल दिया गया था.
खरगे, केजरीवाल, एमके स्टालिन, अखिलेश समेत नेता बैठक में होंगे शामिल
महागठबंधन दलों सहित देश के विभिन्न विपक्षी पार्टियों की संयुक्त बैठक राजधानी पटना में आने वाली 23 जून को होने की घोषणा की गई है!
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— RJD Media (@Media_RJD) June 7, 2023
बुधवार को एक प्रेसवार्ता कर ललन सिंह ने कहा, ‘बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समावजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेना (उद्धव गुट) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन हिस्सा लेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सीपीआई के महाचिव डी राजा, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी और दीपांकर भट्टाचार्य भी बैठक में शामिल होंगे.’
एमके स्टालिन ने 12 जून की बैठक के लिए जताई थी असमर्थता
इससे पहले 12 जून की जेडीयू की ओर से बुलाई गई बैठक में डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने कहा था कि उन्हें उसी दिन एक उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने की वजह से 12 जून की बैठक टालने को कहा था.
तमिलनाडु के सीएम ने कहा था, ‘मैं उसी दिन मेत्तूर बांध के उद्घाटन समारोह में शामिल होऊंगा (जिस दिन कि विपक्षी दलों की बैठक है). यह एक महत्वपूर्ण आयोजन है. यहां तक कि कांग्रेस अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन खड़गे) एक अलग कार्यक्रम में होंगे और उस दिन बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे. इसलिए मैंने विपक्षी दलों को बैठक टालने के लिए कहा था. हालांकि, डीएमके निश्चित रूप से बैठक में हिस्सा लेगा.’
एक रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को ‘पहले से तय कार्यक्रम’ की वजह से बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताई थी. पार्टी ने भरोसा दिया था कि वह अपने किसी प्रतिनिधि को भेजेगी. अन्य विपक्षी दल के नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई और टिप्पणी की कि विपक्ष की पहली बैठक सभी पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व के बिना नहीं की जा सकती है.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावओं के लिए केंद्र में बीजेपी सरकार के खिलाफ सभी विपक्षी दलों की एक साथ लाने की कोशिश में जुटे हुए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने के लिए उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी.
कांग्रेस ने कही थी पटना की बैठक में हिस्सा लेने की बात
वहीं इससे पहले कांग्रेस ने कहा था कि वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना में 12 जून को बुलाई गई बैठक में जरूर भाग लेगी, लेकिन इसमें पार्टी की तरफ से कौन शामिल होगा, इसका फैसला पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य नेताओं पर छोड़ दिया गया था.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि 12 जून की बैठक में कांग्रेस जरूर भाग लेगी. कांग्रेस की तरफ से कौन जाएगा, इस बारे में जानकारी अभी नहीं दे सकता. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य नेता चर्चा करेंगे और 12 जून से पहले इसकी जानकारी मिल जाएगी.’
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