नई दिल्ली: पिछले छह दिनों से सदन में मणिपुर की घटना को लेकर हंगामा जारी है, विपक्षी पार्टियां लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर पर बयान की मांग कर रही हैं. इसी बीच मणिपुर हिंसा के विरोध में INDIA गठबंधन के विपक्षी सांसद गुरुवार को काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे.
हालांकि पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार सदन में बयान देने को तैयार है. लेकिन उसके बाद भी सदन पीएम मोदी के बयान को लेकर अड़ा हुआ है. उसी कड़ी में आज विपक्षी पार्टियों के सांसद काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे.
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने कहा, “आज INDIA गठबंधन के सांसदों ने फैसला किया है कि मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचार और वहां हो रही बर्बरता का विरोध करने के लिए हम काले कपड़े पहनेंगे और संसद में जाएंगे. यह एक प्रतीकात्मक विरोध होगा जो यह संदेश देगा कि दुख की इस घड़ी में हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को उनके पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए.
चड्ढा ने कहा, हम सरकार को यह अहसास कराने की कोशिश करेंगे कि इस देश का अभिन्न अंग मणिपुर जल रहा है. हम सरकार से मणिपुर को बचाने और अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाने का आग्रह करते हैं. तत्कालीन राज्य सरकार को भंग कर देना चाहिए और मुख्यमंत्री को अनौपचारिक रूप से बर्खास्त कर देना चाहिए.
विपक्षी सांसदों द्वारा पहने जाने वाले काले कपड़ों पर राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा, “यह काले कपड़े पहनने वाले लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि देश की बढ़ती हुई ताकत आज क्या है? जिनका मन और तन काला है उनके दिल में क्या छुपा है?…इनका वर्तमान, भूत और भविष्य काला है लेकिन हमें उम्मीद है कि उनकी जिंदगी में भी रोशनी आएगी.”
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काले कपड़े पीएम के अहंकार के खिलाफ
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि वे पीएम मोदी के अहंकार के खिलाफ काले कपड़े पहन रहे हैं.
गोगोई ने कहा, “हमारे काले कपड़े पीएम के अहंकार के खिलाफ हैं. जब देश जल रहा है और मणिपुर विभाजित है, तो उन्हें केवल अपनी छवि की चिंता है.”
इस बीच, सदन के पटल पर रणनीति तैयार करने के लिए भारत गठबंधन के नेताओं ने संसद में एक बैठक की.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “हमें संसद में बोलने का मौका नहीं मिलता. हमने मांग की कि पीएम मोदी को संसद में आना चाहिए और मणिपुर मुद्दे पर विस्तृत चर्चा करनी चाहिए. पता नहीं प्रधानमंत्री क्यों नहीं बोल रहे हैं. हमें अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर होना पड़ा.”
उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि इससे सरकार नहीं गिरेगी, लेकिन हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. देश के प्रधानमंत्री को देश के सामने आकर मणिपुर पर बोलना चाहिए.”
देश में अंधेरा है तो हमारे कपड़ों में भी अंधेरा
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “हर राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की कड़ी निंदा की जाती है, मणिपुर में जो हुआ वह भयानक है. वहां 55 हजार लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं, 149 लोगों की जान चली गई है. यह कोई छोटी समस्या नहीं है. आप अन्य राज्यों के बारे में भी बात कर सकते हैं, लेकिन वहां ऐसी कोई स्थिति नहीं है…काले कपड़े पहनने के पीछे विचार यह है कि देश में अंधेरा है तो हमारे कपड़ों में भी अंधेरा होना चाहिए.”
भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (आई.एन.डी.आई.ए.) के सभी संसद सदस्य गुरुवार को मणिपुर की स्थिति पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए संसद में काले कपड़े पहन कर पहुंचे.
बीजेपी पर निशाना साधते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की तरफ से ये बात आ रही है कि अर्थव्यवस्था में हम तीसरे स्थान पर पहुंच जाएंगे. क्या अर्थव्यवस्था में 1 नंबर पर पहुंचने से देश में नारियों और बेटियों का ये सम्मान होगा?
उन्होंने आगे पूछा, “मणिपुर की घटना ने सबको बात करने के लिए मजबूर किया है, इसके लिए सदन से बेहतर कौन सी जगह है?…वहां क्या-क्या हो रहा है सब सरकार को पता होगा, अगर सब पता होते हुए सरकार ने सब देखा है तो सरकार को सत्ता में नहीं रहना चाहिए.”
विपक्ष का काम है विरोध करना, वे करें
इस बीच बीजेपी ने भी विपक्ष पर पलटवार किया केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, विपक्ष का काम है विरोध करना, वे करें. देश बहुत तेज़ी से तरक्की कर रहा है लेकिन उन्हें यह पसंद नहीं आ रहा. वे कुछ भी करें उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी की सोच बहुत आगे की है. PM ने 2047 तक विकसित भारत बनाने का सपना देखा है, क्या वे इसे रोकना चाहते हैं?
संसद में चल रहे गतिरोध पर सपा नेता राम गोपाल यादव ने कहा, “कोई विरोध प्रदर्शन नहीं होगा…हर कोई काले कपड़े पहनेगा या अपनी बांह पर काला कपड़ा बांधेगा…हम चिंतित हैं क्योंकि मणिपुर की सीमा म्यांमार से लगती है, जहां सैन्य शासन है और आतंकवादियों को पनाह देता है.”
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